पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२५०

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२४४ अतः-अतट इससे। अतः (सं० अव्य०) इस कारणसे, इसलिये, इसवास्ते, प्राप्त हुआ तथा इनको पञ्जाबके शासनकर्ताका भी पद मिला था। जालन्धरमें बहरामखांको परास्त अतएव (स'० अव्य०) इदम्-तसिल एव। इसी कारणसे करनेसे अकबरने इन्हें 'आज़म खां को उपाधि प्रदान इसीलिये, इसीसे, इसी वजह । कौ। अकबरके छठे वर्षवाले राजत्वकालमें अतक.. अतकखां शमशुद्दीन् मुहम्मद अकबर बादशाहके खां लाहोरसे दिल्ली गये और मुनीम खां और पालकपिता। यह गजनी-निवासी मौर यार-मुहम्मद अकबरके बीच जो झगड़ा चलता था, उसमें यह स्थिर नामक एक किसानके लड़के थे। कहते हैं, कि जिस करने के लिये वकील बने, कि दोष किसका था। समय शमशुद्दीन् बीस वर्षके थे, उसी समय एक दिन मुनीम खां और सहाब खाने इससे डरकर अतक, इन्होंने स्वप्न देखा, मानो यह अपने हाथसे ज्योतिष्मान् खांको मारनेके लिये आदम नामक एक व्यक्तिको चन्द्रको पकड़े थे। यही सुस्वप इनको भविष्यत् उत्तेजित किया। (आईनद अकबरी) उन्नतिके लिये पथस्वरूप बन गया। पहले यह बदावनौने लिखा है,-"उन्होंने अतकको मार राजकुमार कमरानके अधीन नियुक्त हुए थे ; पीछे डालनेका भय दिखाया और उजवेक-जातीय कासिम कन्नौजके भीषण युद्धमें सन् ८४७ हिजरीको १२ वी. बेग नामक एक व्यक्तिको इनकी हत्या करनेके लये मुहरमको जा पहुंचे। जब हुमायूयुद्ध में पराजित हो अनुमति दी। दूसरे इतिहासके मतसे आदमके और हाथीपर चढ़ नदौके दूसरे पार जा उतरे, तब हाथ ही अतक खां दरबारमें बैठे मारे गये। जो फ़ौज ले और उनके साहाय्यके लिये नदीका प्रबल अतकोट-बम्बई प्रान्तके काठियावाड़ प्रदेशका एक स्रोत रोधकर संतरण द्वारा उनके पास उपस्थित हुए, शहर। यह भादर नदौके पश्चिम किनारे राजकोटसे वही यह शमशुद्दीन थे। इसके बाद हुमायू ने इन्हें कोई पन्द्रह कोस दक्षिण-पूर्वको ओर अवस्थित है। अपने काममें नियुक्त किया। मालदेवके पास इसमें कोई दो हज़ारसे ऊपर आदमी रहते हैं। जोधपुर भी हुमायूने इन्हें भेजा था। इन्होंने पञ्जाब जसदानक काठी वंशसे जाम साहबने इसे प्राप्त किया जाके खानखानको सम्राट्को आज्ञासे परास्त था। इसके पास राजकोटसे गोधा और भावनगर किया। अमरकोटमें अकबरके उत्पन्न होनेसे इनकी जानेवाली सड़क निकल गई है। यहां लाखो पत्नी अकबरको धात्री-विशेष बनाई गई थी। उस फुलानीका स्मारक स्तम्भ बना है, जिन्होंने इस शहर- समय इनकी पत्नीको हुमायू'ने 'जीजी अनगह'को को नोब डालो और जो अनहिलवाड़ पाटनके मूल- उपाधिसे विभूषित किया। हुमायूं जब थे, तब यह राज सोलसी द्वारा मारे गये थे। लाखोने ही पूर्व हमेशा अकबरके समीप रहते थे। इसीसे अकबरने प्रान्तसे बाजरा ले जाकर काठियावाड़में पहले-पहल सम्राट् होनेपर इन्हें अल्क, (पालकपिता) खांकी बोया था। लाखोके मारे जानेसे अतकोट निर्जन उपाधि दी। पीछे साम्राज्ञी और दूसरी बेगमों हुआ, जिसे अहोरोंने फिर आबाद किया। इसके बाद को भारतवर्ष लाने के लिये अतक खां काबुल भेजे गये, इसपर खेरदीके खुमानोंका अधिकार हुआ, जिन्हें इन्होंने सकुशल सम्राट्के पास पहुंचा दिया। सोरायके मुसलमान-राज्यका प्रधान ग्राम कितने ही धेरैके बाद सिकन्दर अफगानने हुमायूके जब मुसलमानोंका प्रभाव मिटा, तब लखानी खाचरों- पास संदेसा भेजा, कि कोई विश्वासपात्र व्यक्ति वहां ने इसे अपना शासनमुक्त बनाया, जिसे सन् ई० वाले जाके सन्धिकी बात करता। इस कामको अतक १८ वें शताब्दके अन्तमें नवानगरके जामने जीत खाने हो जा सम्पन्न किया था। लिया। यहां एक हस्पताल और देशी भाषाका अतक खाने पञ्जाबके खुसाब नामक स्थानमें जागौर स्कूल बना है। पाई और बहराम खांके मरनेपर उनका पद इन्हें अतंट (सं० पु०) नास्ति तटं यस्य, तव्यते तरङ्गण पोछे यह बना।