पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/२९६

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अतिशयेन उत्कटम् । अत्याशा-अब २८८ पड़ जाते हैं। दक्षिण में लोग कहते हैं, कि यह । अत्युग्रगन्धा (सं० स्त्री०) कृष्णगोकरणी, कृष्णाप- कुष्ठका भी अपूर्व महौषध है। राजिता, अजमोदा। अत्याशा (सं० स्त्री० ) अतिशयिता आशा, प्रादि-स। अत्युच्चैः (सं० अव्य० ) अत्यन्त उच्चस्वरसे, निहायत १ अतिशय आशा, अत्यन्तस्मृहा, धनादिकी जो बुलन्द आवाज.में, बहुत ज़ोरसे चिल्लाकर। लिप्सा पूरी न की जाये ; अज.हद उम्मीद, निहायत अत्युच्च र्ध्वनि (सं० पु०) अत्यन्त उच्च स्वर, निहायत ज्यादा तमन्ना। (त्रि.) २ आशा अतिक्रान्त, बुलन्द आवाज,। उम्मीदसे ज्यादा। अत्युच्छित (सं० त्रि०) अतिशयितमूच्छितम् उन्न- अत्याश्रम (स० त्रि.) अतिक्रान्तः सर्वाश्रमान्. तम्। अत्यन्त उन्नत, बहुत ऊंचा। अतिक्रा तत् । १ सकल आश्रमत्यागी, सन्यासी ; सब अत्युत्कट (सं० त्रि०) आश्रमोंको छोड़ देनेवाला । (पु.) अतिशयित: श्रेष्ठ अतिशय उग्र, निहायत खौफनाक । आश्रमः प्रादि-स०। २ उत्कृष्ट आश्रम, सन्यास। अत्युत्साह ( स० पु० ) अत्यन्त पराकम या कर्तृत्व, अत्याहार (सं० पु०) अतिभोजन, बहुत खाना। अजहद कारगुजारी, बड़ी हिम्मत । अत्याहारिन् (सं० त्रि०) अति-आ-ह-णिनि कर्त्तरि। अत्युदार (सं० त्रि.) अत्यन्त मुक्तहस्त, सखी, अतिभोजौ, बहुत खानेवाला। बहुत ज्यादा खर्चीला, दाता। अत्याहित ( स० क्लौ० ) अति-आ-धा-क्त आधारे, | अत्युदोर्ण (स० स्त्री०) १ दुष्टव्यधन-विशेष, वह अतिशयेन आधीयते तन्निवारणार्थं मनः प्रयुज्यतेऽस्मि- घाव या ज़ख्म जो हथियार मारनेसे होता है। विति। १ अतिशय भय, महाभीति ; बहुत डर, २ बहुत बढ़ा हुआ। अज हद खौफ। २ जीवनापेक्षी कर्म, जौवनाशारहित अत्युपध ( स० त्रि.) १ परीक्षित, आज.माया। साहसिक कर्म, जांबाजी। २ विश्वास-योग्य, एतबारके काबिल । अत्युक्त (स० त्रि०) अतिशय वर्णित, बहुत कहा गया। अत्युमशा, अत्य मसा (सं० अव्य०) हिंसाद्योतक अत्युक्ता (स'० स्त्री०) छन्दोविशेष, चार पद और अव्ययविशेष। प्रत्येक पदमें दो वाक्यखण्ड रखनेवाला छन्द ; वह अत्युल्वण (स० त्रि०) १ अत्यन्त प्रकट, निहायत बहर जिसमें चार शेर और हरेक शेरके दो टुकड़े जाहिर। २ अधिक, कसोर, ज्यादा, बड़ा, भारी। होते हैं। अत्युष्ण (सं० त्रि०) अत्यन्त उत्तप्त, बहुत गर्म । अत्युक्ति ( स० स्त्री० ) अति-वच-ब्रू वा क्तिन्, अति- अत्यूमि (वै० त्रि०) उमड़ता हुआ, जिसमें बड़ो शयेन उक्तिः । १ असम्भव उक्ति, गैरमुमकिन भारी ऊर्मि-लहरें उठती हों। ।। २ अन्याय कथा, बेजा बात। ३ अतिशय अत्यूह (स० पु. ) अति-ऊह-अच्-वितर्के, अतिशयेन उक्ति, बहुत बढ़ी हुई बात । ४ आरोपित कथन, जहते शब्दायते। १ जो बड़े ज़ोरसे चिल्लाये ; मयूर, ऊटपटांग बोलो। ५ अलङ्कार-विशेष, जिसमें किसी प्रादि-स। २ अतिशय वितर्क, अजहद वस्तुका वर्णन अनोखी रौतिसे करते हैं। खयाल। ३ हरसिंगार। ४ सेवती। अत्युक्था, अत्युक्ता (स. स्त्री०) अतिक्रान्ता उक्तां अत्यूहा (सं० स्त्री० ) अति-ऊह-अच्-टाप्-स्त्रीत्वात् । एकाक्षरपादिकां वृत्तिम्, अतिक्रा०-तत्। दो अक्षर नौल शेफालिका, नीले रंगका संभाल । ग्रथित छन्दोविशेष, दो हफों वाली खास बहर। अत्र (सं० अव्य०) अस्मिन् एतस्मिन् वा इदं एतद् अत्यग्र (सं त्रि०) १ अत्यन्त भयानक, निहायत वा । सप्तम्यास्त्रल् । पा ५। ३ । १०। १ इस विषयमें, इस माम- खौफनाक। २ अतिशय तिक्त, निहायत कडुवा । लेके मुतअल्लिक। २ इस स्थान में, इस जगह, यहां। (लौ०)३ हींग। ३ इस समय, इस वक्तपर। (वै० पु०) ४ राक्षस, ७३ मोर।