पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३१

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अकबरपुर-अकरास ४६ वर्षों का हाल लिखा है। तीसरा खंड, आईन--इ। अकबरी अशरफो। अकबरके समयका एक सोनेका अकबरी है। अकबरके शासनकालके जो कुछ ज्ञातव्य सिक्का, जिसका मूल्य पहिले १६) था, पर अब २५) विषय हैं, वह सभी इस खण्डमें पाये जाते हैं। हो गया है। अकबरपुर-२४ परगने के अन्तर्गत एक परगनेका नाम । अकबा (सं० वि०) न कव्यते वय ते (वैदिक शब्द) जो मालदहमें अकबरपुर नामका एक परगना' है। वर्णन न किया जा सके। उसका स्थ ल क्षेत्रफल १४ वर्ग मोल है। इस पर अकबाल (पु.) (इक्बाल शब्द देखो। गने में पच्चीस जमीन्दार हैं, दो नदियां बहती है; एक अकर (सं० वि०) दुष्कर। न करने योग्य । कठिन । ओर गङ्गा और दूसरी ओर कालिन्दी ; इनके अतिरिक्त विकट । बिना हाथका । बिना कर या महसूलका । कङ्कर, गोबरा, गौरैया, धर्मदौला, कोसिका और काप अकरकरा (हिं० पु०) यह पौधा अफ्रिकाके उत्तर अलजी- नामकी कालिन्दीको कई शाखायें भी इस परगनेमें - रियामें बहुत होता है। इसकी जड़ कामोद्दीपक और हैं। वर्षामें यह नदियां खूब भर जाती हैं। इसमें पुष्टि करनेवाली होती है। इससे मुंहमें थूक आता प्रधान नगर हतायपुर है। सुलतानगञ्ज, हरिश्चन्द्रपुर, और दांतका दर्द भी अच्छा हो जाता है। भगाल, भलुकराई, केदारगञ्ज, देवोपुर और कमलपुर अकरखना (हिं क्रि०) [सं॰आकष्टेण] खींचना। तानना। गावों में प्रति सप्ताह बाजार लगती है। चढ़ाना। अकबर-बन्दर-रंगपुर जलेके अन्तर्गत एक स्थानका अकरण (सं० पु०) कर्मका अभाव । न किये हुएके समान नाम है। यह तिष्टा नदीके तटपर बसा है। यहां कर्मका फल होना। सांख्य शास्त्रके मतसे सम्यक तम्बाकू और पाटका अच्छा व्यवसाय होता है। ज्ञान प्राप्त हो जानेपर फिर कम अकरण अर्थात् बिना अकबरशाही-वीरभूमि जिलेके अन्तर्गत शन्सल या किये हुएके समान हो जाते हैं और उनका फल कुछ सुरुलका प्राचीन नाम। मुरुल देखो। भी नहीं होता। इन्द्रियोंसे रहित ईश्वर। अकबराबाद-मालदहके अन्तर्गत एक परगनेका नाम कर कुठार मैं अकरन कोही। आगे अपराधी गुरुद्रोही। है। इसका विस्तारकोहि १४ वर्ग मोल है। इस पर- तुलसौ। गने में तीन जमीन्दार हैं। इस परगनेको भूमि खूब न करने योग्य । कठिन या असम्भव कार्य । उपजाऊ है। खेतो बहुत अच्छी होती है ; जल रीती भरै, भरी ढरकावै अकरन करन करें। सूर। वायु भी स्वास्थ्यके लिये अच्छा है। अकरणीय (सं० वि०) न करने योग्य । वर्तमान आगरा शहरका नाम भी अकबराबाद अकरब (अ० पु०) जिस घोड़े के मुंहपर सफेद रोएँ हों और है। यह शहर पहिले यमुनाके उस पार था, परन्तु उनके बीच-बीचमें दूसरे रंगके रोएँ भी हों, वही सम्राट अकबरने यमुनाके पश्चिम तटपर यह नवीन अकरब कहलाता है। एसा घोड़ा ऐबी समझा जाता है। नगर बसाया। प्राचीन आगराका चिन्ह अभौतक अकरा(हिं० वि०) न मोल लेने योग्य। महँगा। कीमतो। वर्तमान है। आगरा देखो। उत्तम । “नाम प्रताप महा महिमा अकरे किये खोटेउ अकबरी (स्त्री०) एक प्रकारक फलहारी मिठाई। छोटेउ बाढ़े।" तुलसी। यह तीखुर और उबाली हुई अरुईको घौके साथ अकराथ (हिं० वि०) व्यर्थ । निष्फल। बेफायदा। “आपा फेंटकर टिकियाके रूपमें बनाई जाती है और फिर राखि प्रबोधिये, ज्ञान सुने अकराथ।" कबीर। घीमें तलकर चाशनीमें पागी जाती है। लकड़ीपर- अकराल (सं० वि०) सौम्य। सुन्दर । अच्छा। जो भया- की एक प्रकारको नक्काशी, जिसका व्यवहार पञ्जाबमें वना न हो। विशेषकर होता है। सहारनपुरके कारखानोंमें भी अकरास (हि. पु०') अगड़ाना। देहका टूटना । इसका अच्छा चलन है। आलस्य । सुस्ती। -