पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३१९

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। १ विष- अथर्वाणवित्-अदग्ध अथर्वाणवित् (सं० पु.) अथर्व वेदकी विधिका अथ खां-एक कवि, शायर। इनके पिताका नाम जाता। 'अमीर निज़ामुद्दीन रजबी' था। यह बुखारके रहने अथर्वाधिप (सं० पु.) अथर्वणः वैदस्याधिपः वाले थे। आलमगीर बादशाहके समयमें यह भारतवर्ष ६-तत्। अथर्व वेदक अधिपति, बुध । मङ्गल आए थे। सामवेदके और चन्द्र के पुत्र बुध अथर्ववेदके अद्-अदा०, पर०, सक० अनिट् । १ भक्षण। भ्वा०, अधिपति हैं। पर०, सक्० सेट् इदित् । २ बन्धन । अथर्वी (वै० स्त्री०) न-यव-अच्, पृषोदरादित्वात् अदंक (हिं• पु०) आतङ्क, भय ; डर, खौफ। उलोपः ; गौरादित्वात् ङीष् । १ न चलनेवाली। अदंड, अदण्ड देखो। २ भालेमें छिदी हुई। ३ अग्निसे परिवेष्टित, आगसे अदंडनीय, अदखनीय देखो। घिरी। ४ हिंसा न करनेवाली। अदंडमान, पदण्डमान देखो। अथल (हिं० पु०) लगानपर खेती करनेको दो अदंड्य, अदण्य देखो । जानेवाली भूमि या ज़मीन। अदंत, अदन्त देखो। अथवना (हिं० क्रि०) १ अस्त होना, डूब जाना, | अदंभ, अदम्भ देखो। बैठना। २ विपना, मिटना। अदंभित्व, पदम्भित्व देखी। अथवा (सं० अव्य. १ पक्षान्तरसे, या, किंवा। अदंष्ट्र (स० पु०) न सन्ति दंष्टा दन्ता यस्य, दंश- अथाई (हिं० स्त्री०) १ चौपार, चौतरा, बैठक, ष्ट्रन् दंष्ट्रा। तितुवतथसिमुसरकसेषु च। पा ७ारा । कमरा ; घरसे बाहर मित्रोंसे मिलने-जुलनेका स्थान। होन सर्प, वह सांप जिसके जहरीले दांत न हों। २ गाववाले लोगोंके एकत्र बैठ बातचौत और पञ्चा २ (त्रि०) दन्तहीन। यत करनेको जगह। ३ घरके सामने उठने-बैठनेका अदक्ष (स० वि०) दक्ष नहीं, अचतुर; नाका- चबूतरा। अथातः (सं० अव्य०) अब, इस समय। अदक्षिण (सं० त्रि०) दक्षिणोऽनुकुल: कुशलश्च ; अथान, अथाना (हिं० पु.) अचार । न दक्षिण, विरोधार्थे नञ् तत् । १ जो अनुकूल अथाना (हिं. क्रि०) १ अस्तहोना, डूबना। २ न हो, प्रतिकूल, विरुद्ध, खिलाफ। २ दाहना नहीं, थाह पाना, गहराई नापना। बायां। नास्ति दक्षिणा क्रियासमाप्तो यो। ३ दक्षिणाविहीन, अथानन्तरम् (सं० अव्य०) इसके बाद ; अब, इस जिस यज्ञमें दक्षिणा न दी जाये। ४ अकुशल, समयमें । अथापि (सं० अव्य०) इसपर भी, और तो, इस अदक्षिणत्व (सं० लो०) १ अनाड़ीपन। २ दक्षिणा लिये, इसतरह। न देनेको स्थिति। अथावत् (हिं० वि०) अस्त, डूबा या बैठा। अदक्षिणीय, अदक्षिण्य (सं० त्रि.) दक्षिणाके. अथाह (हिं० वि०) १ बेथाह, अगाध । २ अपार, अयोग्य, जिसे दक्षिणा दी न जा सके। अनन्त, असीम गूढ, समझमें न आने योग्य । अदग (हिं० वि०) १ बेदाग। २ अयपशविहीन। अथिर (हिं० वि०) १ अस्थिर, चलता हुआ। ३ निरपराध, बेगुनाह। ४ स्वच्छ, साफ़। २ क्षणभङ्गुर, स्थिर न रहनेवाला। अदग्ध (सं० वि०) न-दह-क्त, विधिपूर्व कमग्निना अथो, अथ देख। न दग्धं संस्कृतम्। १ शास्त्रविधानानुसार जिसका अथोर (हिं० वि०) थोड़ा नहीं, ज्यादा, अधिक। अग्निसंस्कार न किया गया हो। २ दग्ध नहीं, विना अथोवा-अथवा देखो। जला हुआ। बिल। । गंवार।