पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३२६

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अदला-बदली -अदाता पश्चात् पत्ती फेंक इसका रङ्ग एकसा नहीं होता, गहरी सुखी अदंश (सं० पु०) महामूलक, बड़मूला । लिये भूरे या काकरेजीसे बिलकुल काला पड़ जाता अदःकृत्य (सं० अव्य०) उसे करके । साधारणतः इसकी दज भद्दी और मोमदार अदम् (त्रि.-सर्व०) न-दस-क्किए, न दस्यते निर्देशाय होती और किनारोंपर भी प्रायः पूर्ण रूपसे मेली उत्क्षिप्यतेऽङ्गुलियंत्र, अपुरोवर्तित्वात् । (वाच०) रहती है। जब इसमें चिकनी और चमकदार दर्ज १ वह। कोई वस्तु जो सम्मुख न हो, उसे बतानेके दिखलाई देती है, तब इसे बहुत अच्छा समझते हैं। लिये यह सर्वनाम प्रयुक्त होता है। जिस स्थलमें इसका सुगन्ध अग्राह्य और घृणोत्पादक है। वस्तु वक्ताके सामने नहीं रहतो अर्थात् जब वह उसे रासायनिक प्रक्रिया द्वारा इसका रङ्ग बना, अङ्गलि द्वारा निर्देशकर बता नहीं सकता, उस स्त्रलमें रेशमको बैंजनी, ऊनको काला और नैको गुलाबी यह सर्वनाम लगाया जाता है,- रंगते हैं। इसका जो भूरा रङ्ग गन्धकके तेज़ाबसे “इदमस्तु सन्त्रिकष्ट' समोपवर्ति चैतदोरूपम् । तय्यार होता, वह चमकीला और पक्का रहता, अदसस्तु विप्रकष्ट' तदिति परोचे विजानीयात् ॥" तथा दूसरे रङ्गको अपेक्षा उसमें खर्च भी कम 'निकटको वस्तु बतानेको 'एतद्' सर्वनामकी तरह लगता है। 'इदम्' सर्वनामका प्रयोग होता है। फिर दर्शनातीत पत्तोमें खूब रेशा होता है। उसे निकाल लेनेके वस्तु बतानेको तद्' सर्वनामको . तर अदस् शब्द जाती है। यदि रेशा भो लगता है।' किसी काममें लाया जाये, तो बहुत लाभ हो 'यह (अयं) वृक्ष है' कहनेसे समझा जायेगा, कि सकता है। वृक्ष वक्ताके पास ही है, और वह उसे अङ्गुलि द्वारा इसका गाढ़ा रस रेचक है और मिरगीके रोगियों दिखा सकता है। फिर 'वह (असो) वृक्ष है' कहनेसे को बड़ा लाभ पहुंचाता है। पत्तोका ताजा रस समझ पड़ेगा, कि वृक्ष वक्ताके सामने नहीं। दस्तावर, ठण्डा और ज्वर, यकृत्, हृद्रोग तथा पञ्छेदार (अव्य०) २ इस प्रकार, ऐसे, यों। ३ सदा, गांठमें लाभदायक है, एवं कुछ आंखको बीमारियों में हमेशा। उपरसे भी लगाया जाता है। पञ्चीका गोंद लोग | अदहन (हिं० पु०) पानी जो बरतनमें भरकर फोड़ेपर व्यवहार करने और योनिके लिये प्रभावोत् आग पर दाल या चावल उबालेने को चढ़ाते हैं। पादक तथा मासिक धर्मके लिये भी लाभदायक अदा (अ० स्त्री०) १ हावभाव, नखरा। २ प्रकार, बताते हैं। पशुओंके औषधमें भी यह बहुत काम ढङ्ग। (त्रि.) ३ समर्पित, दिया हुआ। आता है। इसकी जड़ पेटके दर्दको अकसोर दवा अदांत (हिं० वि०) दन्तविहीन, बेदांत । (त्रि०) २ खण्डभिन्न, जो टुकड़े-टुकड़े न हो। अदाई (हिं० वि० ) १ भावगर्भ, चालबाज । २ अदला-बदली (हिं० स्त्री०) लेन-देन, ओतप्रोत । होशियार। ३ ढङ्गो, प्रकारान्वित । अदलो (हिं. वि०) १ इनसाफी, न्यायो, सुविचार अदा करना (हिं० क्रि०) देना, चुकाना, बेबाक करनेवाला। २ पत्रविहीन, जिसमें पत्ती न हो। करना। अदवाइन, अदवान (हिं. स्त्रो०) ओनचन, रस्सी अदाक्षिण्य (सं० लो०) १ अक्तपा, नामहरबानी। जो खाटकी करधनीके पैताने, छेदोंमें डाल, पाटीपर २ बर्बरता, सख़्तो। खींचकर बुनावट कड़ी रखने के लिये बांधते हैं। अदाग, अदागी (हिं० वि०) १ चिह्नरहित, बेदाइ। अदशन् (स. त्रि.) दश नहीं। २ निर्मल, साफ । ३ निष्कलङ्क, खुशनाम । ४-निर्दोष, अदशमास्य (स.वि.) दश मासका पुराना नहीं, ३ऐब। ५ पवित्र, पाक। जो दश महीनेका न हो। अदाता (सं० पु.) १ न देनेवाला पुरुष, आदमी