पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३५३

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स्थान, अधःस्वस्तिक-अधम अधःस्वस्तिक (सं० लो०) नोचेका स्वस्तिक । अधजर (हिं० वि०) आधा जला हुआ, पूर्ण रीतिसे अधकचरा ( हिं० वि०) १ अपूर्ण, अधूरा। दग्ध नहीं। २ अपट, जो किसी काममें कुशल या दक्ष न हो। अधड़ी (हिं॰ स्त्रो०) १ आधारविहीन, निराधार, ३ जो पूर्ण रौतिसे कूटा या पोसा न गया हो, दरदरा। वेबुनियाद, जिसकी कोई जड़ न हो। आदि-अन्त- अधकच्छा (हिं. पु०) अईकच्छ, नदीके तटका रहित, जिसका कोई शिर-पैर न हो। जो ढाल होकर नदीतलसे मिल जाये। अधन ( स० त्रि०) नास्ति धनं यस्य, बहुव्री० । अधकछार (हिं० पु.) अईकच्छ, पर्वताञ्चलको धनहीन, दरिद्र, गरीब। उर्वरा भूमि, पहाड़को ढालू और ज़रखेज़ जमीन । अधन्ना (हिं० पु०) दो पैसेवाला पैसा, जो आध अधकपारी (हिं० स्त्री०) अर्द्धशिरको वह वेदना आनेके बराबर होता है, डबल पैसा। जो सूर्योदयसे मध्याह्नतक घटती और सन्धधाको अधन्य (सं० वि० ) १ जिसके पास धान्य विशेष शान्त हो जाती है। इसे आधाशीसी और सूर्यावर्त रूपसे प्रस्तुत न हो, अनाजसे खाली। २ समृद्धिहीन, भी कहते हैं। जो खुश-खुरम न हो। ३ हतभाग्य, कमबखत । अधकरी (हिं. स्त्री०) अईकर, आधी किस्त, आधा अधप (सं० पु.) अईसप्त सिंह, नीम-आसूदा महसूल। यह नियत समयपर दे-दी जाती है। शेर, सिंह जो भूखा हो। अधखिला (हिं० वि०) अईमुकुलित, नौम-शिगुफ्ता । अधपई (हिं. स्त्री.) तौलनेका एक बांट, जो दो जो फूल पूरी तौरसे नहीं खिलता, किन्तु उसको कुछ छटांक होता है। पखड़ियां छिटक पड़तीं, उसे अधखिला कहते हैं। अधप्रिय, अधप्रो (वै० त्रि०) उस समय प्रसन्न, तब (स्त्रो०) अधखिली। अधखुला (हिं० वि०) आधा बन्द और आधा खुला, अधकर (हिं० पु०) अन्तरिक्ष, पृथ्वी और आकाशके जो पूरी तौरसे खुला न हो। (स्त्री० ) अधखुली। बीचका स्थान । अधगति, (हिं.) अधोगति देखो। अधबर (हिं. पु.) १ अर्द्ध पथ, नीम रास्ता, आधी अधगो (सं० पु.) निम्नेन्द्रिय, नीचेकी इन्द्रिय । राह। २ मध्यभाग, बीच। अधगोरा (हिं० पु०) युरेशिअन, जो विशुद्ध युरोपीय अधबांच (हिं० पु०) चमारोंको चमड़ेका मोट न हो, वह युरोपीय जिसकी माता एशियाई बनानेके लिये फ़सलपर दी जानेवाली मजदूरी। और पिता युरोपीय, या माता युरोपीय और पिता | अधबुध (हिं० पु०) अई-विद्वान्, नौमालिम, एशिपाई हो। पूरा ज्ञान न रखनेवाला व्यक्ति । अधगोहुआं, अधगेहुआं (हिं० पु.) वह गेहूं जिसमें अधबैसू (हिं० वि० ) मध्यमावस्थासम्पन्न, नीम- आधा यव मिला हो, गोजई। जवान्, आधी उम्रवाली, जिसको जवानी ढल गई हो, अधघट (हिं० वि०) अर्ध-घटित, आधा घटने और अधेड़। (पु.) अधबैसा। आधा न घटनेवाला, नौममानी, जिसका अर्थ पूर्ण अधम (सं० त्रि०) अव-अम, वस्य धः । रीतिसे प्रकट न हो। मावरेफाः कुत्सिते। उ ५४ । १ कुत्सित, अधघर (हिं. पु०) आधा घर, अई भवन, नौम २ पापी, अपकृष्ट। ३ हीन, न्यून ; बुरा खराब । मकान। हिन्दौमें कहावत है,- (पु.) ४ उपपति विशेष। इसका लक्षण रसमञ्जरी- पाधिमै अधघर साझेमें सबघर । में यों लिखा गया है, जो पति भय, दया और अधचरा (हिं० वि०) आधा चरा हुआ, जिसे आधा लज्जासे शून्य हो कामक्रीड़ाके सम्बन्धमें कर्तव्या- पश खा गये हों। कर्तव्य विवेकको न समझे, उसे अधम नायक कहते खुश। अवद्यावमाध- खोटा।