पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३७८

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अधोमर्म-अधोऽवेक्षि अपान- जमीन । २ पर्वतके नीचेकी भूमि, पहाड़के नीचेकी | अधोवदन, अधोमुख देखो। जमीन। अधोवदना ( स० स्त्री०) मुद्राविशेष । अधोमम (स० क्लो०) अधरं मर्म, कर्मधाः । अधोवर्चस् (सं० वि०) अधोगामि वर्चः ज्योतिर्यस्य, गुह्यहार, मिकद। बहुव्री० । निम्नदेशगामी ज्योतिवाला, जिसकी चमक अधोमार्ग (सं० पु०) १ निम्न पथ, नीची राह । नीचे जाये। २ गुह्यहार, मिकद। अधोवश (सं० पु.) १ पेंदा, तलहटी। २ लिङ्ग, अधोमुख (सं० त्रि०) अधोऽवनतं मुखं यस्य, अजोतनासुल। ३ योनि, फलान । बहुव्री०। १ अधोवदन, जिसका मुंह लटका हो। अधोवातावरोधोदावर्त (सं० पु०) रोगविशेष, एक (पु.)२ विष्णु । ३ अनन्तमूल । ज्योतिषमें मूला, बीमारी। यह एक प्रकारका उदावत है, जो वायु- अश्लेषा, कृत्तिका, विशाखा, भरणी और मघा-ये वेगके अवरोधसे उत्पन्न होता है। नक्षत्र अधोमुख कहाते, जो भूमिखनन और विद्या- अधोवायु (सं० पु०) अधोगामी वायुः । रम्भके विषयमें प्रशस्त हैं। ४ नरका एक भाग, वायु, वातकर्म ; पाद, गोज ; हवा जो जिस्मके नीचे दोज़खका एक हिस्सा। हिस्म से निकलती है। मन्त्रशास्त्री कहते हैं, कि जप अधोमुखा, अधोमुखी ( स० स्त्री० ) गोजिह्वा, करते समय छींकने, पादने और जंभानेसे आचमन अनन्तमूल। कर लेना चाहिये। अधोयन्त्र (सं. क्लो०) वकयन्त्र, आलेका नौचा अधोविनी-ब्राह्मी, जलनौम (Herpestis Monneiria)। हिस्सा। २ भभका। नदी, नाले और तालाबके किनारे गौली मट्टीमें अधोरक्तपित्त (सं० ली.) मलमूत्रहारसे रक्त यह उत्पन्न होती है। इसका पत्ता छोटा-छोटा, प्रवाह, दस्त और पेशाबको जगहसे ख नका गिरना। वृक्षका अवयव बड़ी णुनी जैसा और रस तिक्त अधोरध (हिं० क्रि०वि०) ऊपरनीचे, अधीर्ध । कासरोग (खांसी) और स्वरभङ्गमें अधोराम (वै० पु०) अधोभागे रम्यते येन स रामः (गला बैठने) इस देशके वैद्य इस बूटीका विशेष उप- शुक्लः। अज जिसके शरीरवाले निम्नभागमें अनुपम योग करते हैं। एनमिलौका कहना है, कि कोष्ठवड रूपसे कृष्ण या खेत चिह्न वर्तमान हों, अपने जिस्मके होनेमें पेशाब बन्द पड़नेपर ब्राह्मोका रस देनेसे नीचे हिस्म में निराले तौरपर काले या सफेद धब्बे विलक्षण उपकार होता है। रक्षबर्गने बताया, कि रखनेवाला बकरा। पेट्रोलिअमके साथ ब्राह्मौका रस मिला ग्रन्थिवातके अधोध (सं० अव्य०) नीचे-ऊपर । (गठिया) ऊपर मलनेसे सूजन और तकलीक मिट अधोलम्ब (सं• पु०) १ लम्ब, वह सरल रेखा जी जाती है। किन्तु फर्माकोपियाका ऐसा मत नहीं। दूसरी सरल रेखापर पड़कर पार्खके दोनो कोण सम अन्यान्य डाकरोंका यही विश्वास है, कि वातरोगमें बनाती है ( perpendiculer )। २ पाताल, नीचेका वेदनास्थलपर उपरोक्त औषध मलनेसे जो कुछ मुल्क ३ साहुल। यह एक लोहेका गोला होता उपकार होता, वह केवल पेट्रोलियमके गुणसे, और धागसे बंधा रहता है। मौमार इसे परदेको ब्राह्मौके रससे कुछ भी नहीं। ब्राझी देखो। सिधाई जानने के लिये दीवारके ऊपरसे नीचे लटकाते अधोविन्दु-गगनमण्डलका वह स्थान जो हमारे पैरके और नाप-जोख करते हैं। ४ पन्साल, पानीको ठीक नीचे अवस्थित है, हमारे ठोक पैरके नौचे गाहराई नापनका यन्त्र या आला। रहनेवाली आसमानको जगह। ( Nadir) अधोलोक (सं० पु०) कर्मधा। पाताल, अधी- अधोऽवेक्षि (सं० अव्य०) निममें दृष्टिपात करते भुवन, नोचेको दुनिया। हुए, नीचे नज़र डालते हुए। होता है।