पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/३७९

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नीचे। ३७२ अधोश्रपित्त-अध्यर्धकाकिणीक अधोपित्त, अधोरक्तपित्त देखो। अध्यधिक्षेप (स० पु०) अधिकोऽधिक्षेपः, प्रादि-स। अधोऽश्वम् (स० अव्य०) अखके निममें, घोड़ेसे अतिशय तिरस्कार, अत्यन्त निन्दा; हदसे ज्यादा तानाजनी या हिकारत। अधोड़ी (हिं० स्त्री०) १ चरसेकी आधी पट्टी, पूरे अध्यधीन ( स० त्रि.) १ अत्यन्त पराधीन, हदसे चमड़ेका आधा हिस्सा। २ स्थूल त्वक्, मोटी ख़ाल । ज्यादा मातहत। ३ दासके गर्भसे उत्पन्न, गुलामके 'नरौ' अधौड़ौसे पतली रहती है। नुत्फ.से पैदा हुआ। अध्मान (सं० पु०) रोगविशेष, पेटको एक बीमारी। अध्यय (स'० पु०) अधि-इङ-अच् भावे । १ अध्य- यह पेटको फुलाता, उसमें दर्द पैदा करता और अधो. यन, मुतालह, लिखा-पढ़ी। अधि-इक्-अच् । २ स्मरण, वायुको (पाद) रोकता है। याद। ३ पाठ, सबक। ४ भाग, मुकालह । ५ व्याख्यान, अध्यंस (सं० त्रि०) स्कन्धोपरि अवस्थित, कन्धेपर वाज, लेक्चर। रखा हुआ। अध्ययन (स० क्ली) अधि इङ्-ल्यु ट् । पठन, अध्यक्त (सं० त्रि०) सुसज्जित, तय्यार। मुतालह। यह शब्द प्रधानतः वेद पढ़नेके अर्थमें अध्यक्ष (स० त्रि.) अधिगतोऽक्षम्, अत्या. तत् । आता, जो ब्राह्मणोंके छः कर्मों में एक मुख्य कर्म है। अधिगतं सर्वविषये दत्तमक्षि येन, अत्या-बहुव्री० । २ गुरुके उपदेशानुसार उच्चारण, जो तलफ फुज, १ प्रधान कर्मकर्ता, कर्मके प्रधान सम्पादक ; अफ़सर, उस्तादके बताने मुताबिक किया जाये। नायक, मुखिया। (पु०) अधिगतं अक्षं इन्द्रियम्, अध्ययनतपसी (स. क्लो०) अध्ययन और तप, अत्या०-तत्। २ प्रत्यक्ष ज्ञान, आंखों देखी बात। मुतालह और नफ़संकुशी, पढ़ाई और मनको ३ प्रत्यक्षसाक्षी, चश्मदीद गवाह । ४ इन्सपेकर, मराई। सुपरिण्टेण्डेण्ट, जो कामकी देखभाल रखे । ५ शरीर- अध्ययनपुण्य (स० क्लो०) अध्ययनसे प्राप्त धार्मिक का वृक्ष, खिरनी। गुण, जो मजहबी लियाकत पढ़नेसे आये। अध्यक्षर (स० अव्य०) अक्षरको अधिकार कर, | अध्ययनीय (स० त्रि०) अधायनयोग्य, पढ़ने काबिल। हर्फ़ बहर्फ । २ सब अक्षरोंपर। अधार्ध (स० वि०) अधारूढ़ अर्धे यस्मिन् । अध्यग्नि (स' अव्य०) १ अग्निके समीप, आगके अध्यधपूर्वडिगोलु ग संज्ञायाम । पा ५२८ विभाषाकार्षापणसहस्रा- पास। ( ली.) २ विवाहकालमें अग्निके समीप भ्याम । पा ५।१।१० १ साध, अर्धविशिष्ट ; डेढ़। स्त्रीको दान किया जानेवाला धन, स्त्रीधन ; माल जो २ जगत्को रखने और बढ़ानेवाला वायु जो सर्वत्र शादीके वक्त. आगके पास औरतको दिया जाता है। व्यापक है। अध्यग्निकृत, अध्यग्निउपागत (सक्लो०) विवाह- अधाधक (सं० त्रि.) १ साई-परिमित, डेढ़के में स्त्रीको दिया जानेवाला धन, शादीमें जो दौलत तखुमौनेका। २ अर्धविशिष्ट मूल्यका, जिसका दाम औरतको दी जाती है। डेढ़ हो। अध्यच्छ,' अध्यक्ष देखो। अध्यर्धकंस ( स० ली.) १ सार्धकंस, डेढ़ प्याला। अध्यञ्च (सं० त्रि०) अधि-अञ्चु गतो किए। अधि (त्रि०) २ साध कंसपरिमित, डेढ़ प्यालेको गामी, अधिगत ; आला, ममताज़ ; बड़ा, पहुंचा नापका। ३ अर्धविशिष्ट कंसके मूल्यका, जिसका हुआ। दाम डेढ़ प्यालेके बराबर हो। अध्यण्डा (स. स्त्री०) अधिक अण्डमिव फलं यस्याः, अध्यर्धकाकिणीक (सं० त्रि०) सार्ध-काकिणी- १ कपिकच्छ, कोंच। २ तलिश, पनि - परिमित, तौलमें डेढ़ काकिणीके बराबर। अर्ध- आमलक। ३ कोकिलाक्ष, तालमखाना। विशिष्ट काकिणीके मूल्यवाला, जिसका दाम डद. बहुव्री।