पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/४३७

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नहीं, सुस्त । ४३० अनाशिन्-अनास्था तारीफ न किया गया। २ वश्यताविहीन, काबूमें न अथवा आस्थाका अभाव, ऐतबार या तस्कीनको आनेवाला। ३ अनाशान्वित, नाउम्मीद। नामौजूदगी, भरोसेका न रहना। अनाशिन् (सं० त्रि.) न नश्यति, णश-णिनि ; कर्म- अनाष्ट्र सं० त्रि०) भय अथवा भयावह शत्रुसे फलमश्नुते अश-णिनि इति वा। १ अविनश्वर, लाज रहित, ख़ौफ़ या खौफनाक दुश्मनसे आजाद। वाल, न मिटनेवाला। २ कर्मफल भोगसे रहित, अनास् (सं० त्रि०) अस्यते निरास्यते ठीवनमनेन जो किए हुए कर्मका फल भोग न करे। अा-अस क्षेपे-क्विप् ; आः मुख नास्ति तत् साधनत्वे- अनाशौर्दा (सं० पु०) १ आशीर्वाद न देनेवाला, नास्य। आस्यरहित, विना मुख ; लक्षण द्वारा बात जो दूसरेको मुबारकबाद न दे। २ अकृतज्ञ व्यक्ति न कर सकनेवाला, जो वक्त के मुताबिक न बोल सके। एहसानफरामोश शखूस । "अनासोदयुरमृणः ।" (ऋक् ५।२९।१०) अनाशु (स. त्रि.) णश-उण, अश व्याप्ती-उण वा; कोई-कोई लोग अनुमान करते हैं, कि इस अनास् नज-तत्। १ विनाशशून्य ; लाज वाल ; मिटाया न शब्दसे अनार्यजातिका मतलब निकलता है। आर्य जा सकनेवाला। अनार्यजातिकी बात न समझ सकते, इसीसे उन्हें २ अव्याप्त, न समाया हुवा। "धन्वञ्चिो अनाशवो जीराशिदगिरौकसः।” ( ऋक् ११३६६) अनास् कहते थे। चीन और प्राच्य-भारतवासी न आशुः शीघ्रः। ३ विलम्ब, क्षिप्रभिन्न, तेज मंगोलिया जातिको नाक बहुत चपटी होने और वैदिक आर्य लोगोंके साथ उसके दस्युता करनेसे हो अनाश्रमवास (सं० पु०) १ आश्रमसे सम्बन्ध न वेदमें वह चपटी-नाकवाली अनास् शब्दसे कही गयी रखनेवाला व्यक्ति, जो शख्श आश्रममें न बसता हो। है। यहांको अनार्य जाति साधारणतः नकटी होती २ आश्रममें न रहना, आश्रमके रहनेको छोड़ देना। थी। इसीसे अनेक अनुमान करते हैं, कि वेदमें अनास् अनामिन् (सं० त्रि०) न आश्रमी, नञ्-तत् । शब्दका अर्थ नकटा रखा गया है। गृहाथमशन्य, चार आश्रममें किसीसे सम्बन्ध न अनास (वै० त्रि. नासाशून्य; नकटा, नाक न रखनेवाला। रखनेवाला। यह शब्द दस्यु और राक्षसके लिये अनाथमी, अनावमिन् देखो। व्यवहृत होता था। अनाश्रमेवास, अनाश्रमवास देखो। अनासती (हिं० स्त्री०) अशुभ घटिका, बुरी घड़ी। अनाश्रय (सं० वि०) नास्ति आश्रयो यस्य । अनासन्न (सं० त्रि०) न आसन्नम्। असन्निहित, १ आश्रयशून्य, अशरण ; बेचारा, बेपनाह ; सहारा न दूरस्थ ; नज़दीक नहीं, दूर दराज़ ; जो पास न हो। रखनेवाला। (पु.) २ आचथराहित्य, बेपनाही, अनासादित (सं० वि०) १ न मिला हुवा, न पाया सहारका न रहना। गया, जिसपर आक्रमण न पड़ा हो। २न हुवा, अनाथित (सं० त्रि.) १ सम्बन्धविहीन, बिला न गुज़रा, न रहनेवाला। २ आश्रयसे पृथक् किया गया, अनासादितविग्रह (सं० त्रि०) युद्ध में अनभ्यस्त ; पनाहसे छूटा हुवा, जिसे सहारा न रहा हो। जङ्गका महावरा न रखनेवाला, जिसे लड़ाई करनेकी ३ खतन्त्र, आजाद, जो किसीके अधिकारमें आदत न हो। रहता न हो। अनासिक (सं० वि०) नास्ति नासिका यस्य । १ नक्कू, अनाखस् (सं• त्रि०) नञ् पूर्वात् अश्नातेः क्वसु- विकृत नाकवाला। २ नासिकाशून्य, नकटा, जिस- रिडभावश्च निपात्यते। भोगशून्य, न खाये हुवा, को नाक कट गयी हो। उपवास या फाका करनेवाला। अनास्था (सं०वि०) नास्ति आस्था यस्य। अनाश्वास (स० पु०) अभावार्थे नज-तत् । विश्वास १ आदररहित, बेइज्जत, जिसका कोई सम्मान न ताल्लुक, बेमेल।