पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/४३९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

...अनाहार-अनितभा निकली बात। २ आकाशवाणी, आस्मानसे आने- अनिकेत (सं० पु०) नास्ति निकेतो निर्दिष्टवास- वाली आवाज। स्थानं यस्य । १ परिव्राजक, सन्यासी, जो फकीर अनाहार (स• पु.) न आहारः, अभावार्थे नत्र - कहीं घर बनाकर न ठहरे। (त्रि.) २ गृहविहीन, तत् । १ भोजनाभाव, अनशन, उपवास, फाकाकशी, लामकां, बेघर, जिसके घर-हार न हो। खानेका न मिलना। (त्रि.) २ भोजन न पाये हुवा, | अनिक्षिप्तधूर ( स० पु० ) बोधिसत्वभेद। जिसने खाना न खाया हो। अनिक्षु (स० क्लो०) कुश, कास। (Saccharum अनाहारमार्गणा (सं० स्त्री०) जैनियोंका व्रतविशेष । Spontaneum) इक्षु जातीय होते भी ठीक ऊख-जैसा अनाहारिन् (सं त्रि०) आहार या भोजन न लेने न रहनेसे इसका नाम अनिक्षु पड़ा है। वाला, जो खाना न खाये। अनिगीर्ण (सं० त्रि०) न निगोर्णम् । १ अपलाप न अनाहार्य (सं० त्रि.) आहार्य कृत्रिमं आहरणीयञ्च, लगाया गया, जो छिपाकर न रखा गया हो। नज -तत्। १ स्वाभाविक, अकृत्रिम, तबयी, गैर २ अनधःकृत, न निगला हुवा । मसनबी, असलौ। २ आहरणीय नहीं, खानेके अनिग्रह (सं० त्रि.) १ निग्रहरहित, अबाध, नाकाबिल ; जिसे खाना वाजिब न हो। बेरोक। (पु०) २ निग्रहका अभाव, रोकका न अनाहिताग्नि (सं० पु०) न आहितः अग्नियन। ३ खण्डनका अभाव, काट-कूटका न होना। विधिपूर्वक अग्न्याधान न करनेवाला व्यक्ति, निरग्नि अनिग्रहस्थान ( स० क्लो०) अनिग्रहका स्थान, - काट. ब्राह्मण। छांट न फटकारनेको जगह।, यह शब्द वैज्ञानिक अनाहुति (सं० स्त्री०) १ आहुतिका अभाव, यज्ञका और तथ्य विषयका द्योतक है। न होना। २ अयोग्य आहुति, खराब यन्न । अनिङ्ग्य (सं० त्रि.) विभाग न बांटने योगा, अनाइत (सं०वि०) न आहूतः। अनिमन्त्रित, तकसौम देनेके नाकाबिल। अकृताह्वान, न्योता न दिया गया, बेबुलाया। अनिच्छ (सं० त्रि०) १ इच्छारहित, बेख्वाहिश । अनाहतोपजल्पिन् (सं० पु०) निष्प योजन अभिमान २ हप्त, आसूदा। अड़ानेवाला व्यक्ति, जो शख्स बेमतलब फखर फैलाये, अनिच्छा (सं० स्त्री० ) अभावार्थे नञ्-तत् । इच्छा। जिस बातको लोग सुनना नहीं चाहते, उसी बातपर पा ३३१०१। इच्छाका अभाव, ख़ाहिशका न होना, बहस बढ़ानेवाला। अनभिलाष, बेपरवाई। अनाहतोपविष्ट (स० त्रि०) अनिमन्त्रित व्यक्तिको अनिच्छित (स' त्रि.) इच्छामें न आया हुवा, तरह उपवेशन किये हुवा, जो बेन्यौते आदमौकी जिसकी खाहिश न लगी हो। तरह बैठा हो। अनिच्छु (स० त्रि०) इच्छतीति, इष-उ, निपातनात् अनाह्वाद (सं० पु०) १ श्राह्लादका अभाव, षस्य छः। विन्दुरिच्छुः । पाश२।१६६। अनिच्छाविशिष्ट, निरानन्द, खुशौका न खुलना, बैचनी। अनाकाङ्क्षी, ख.ाहिश न रखनेवाला, जिसे चाह न हो। (त्रि०) २ आह्वादरहित, नाखुश, उदास । अनिच्छुक, अनिच्छु देखो। अनाह्वादित (सं० वि०.) आह्वाद न उठाये हुवा, अनिजक ( स० वि०) निजका नहीं, जो ख़ास जो खुश न रहा हो। अपना न हो, अन्यका, गैरवाला ; पराया। अनिःशस्त (सं० वि०) अप्रशंसित, निन्दय ; जिसको अनित (हिंत्रि०) रहित, शून्य, खाली । अनित्य देखी। तारीफ न हुई हो। अनितभा (वै० स्त्री० ) ऋग्वेदोक्त एक नदी। मालूम अनिकामतस् (स०, अव्य०.). विना अभिलाष, कस्द होता, कि यह पञ्जाबको कोई नदी है। किन्तु न करके, स्वयं खुद-ब-खुद, आप ही आप। इसका वर्तमान नाम नहीं बता सकते +