पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/४५१

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६ ईखरसे. बेबसी। ४४४ अनौचानुवतिन् -अनौहा अनौचानुवर्तिन् (स० त्रि०) १ नीच प्रसङ्ग न रहे। ३ शक्तिशून्य, बिला-ताकत । ४ अखतन्त्र रखते हुवा, जो कमौनेको सोहबत इखूतियार न मातहत । ५ अधिकाररहित, बेमजाज । करता हो। (पु० ) ३ कृतज्ञतापूर्ण प्रेमी या खामी, भिन्न, जो परमेश्वर न हो। वफादार आशक या खवाविन्द । "ऊर्ध्व पितुश्च मातुय समेत्य मातरः समम् । अनौचैस् (सं० वि० ) अनुदात्त स्वरसे नहीं, बुलन्द- भजेरन् पैटक रिक्थमनौशास्ते हि जीवतः ॥” (मनु ।१०४ ) आवाजमें, चिल्लाकर, गला फाड़-फाड़। अनीशत्व (सं. क्लो०) शक्तिशून्यता, नाताक.ती, अनौठ (हिं० वि० ) १ अनिष्ट, अनीप्सित, बेचाहा, ख़ाहिश न किया गया । २ अधम, ख़राब । अनौशा (सं० स्त्री०) १ दीनता, बेबसी। २ साहाय्य- अनोड (सं• त्रि०) १ वासस्थानविहीन, घोंसला या राहित्य, बेमददी। घर न रखनेवाला। २ निरवयव, वगैरजिस्म, जिस अनोखर (सं.क्लो०) नास्ति ईश्वरस्य कर्टवं यत्र । के शरीर या जिस्म न रहे। (पु.) ३ अग्नि, आग। १ जगत्, जहान्। अनेकको विश्वास है, कि इस अनीत (हिं.) अनौति देखो। जगत्को सृष्टि सजानेमें ईश्वरका कुछ भी कर्ट त्व अनीति ( स० स्त्री०) विरोधार्थे नञ्-तत्। १ दुर्नीति, नहीं, यह आप ही आप बन गया है। नास्ति. अन्याय, बेइन्साफी, जुल्म । २ असभ्यता, नाशायश्तगी। ईश्वरबुद्धिर्यस्य, नज बहुव्री० । २ नास्तिक, परमेश्वर ३ अत्याचार, ज़बरदस्तौ। ४ विपज्जनक ऋतुसे को न माननेवाला व्यक्ति। (त्रि. ) ३ प्रभुविहीन, मुक्ति, गजबनाक मौसमसे छुटकारा। बैमालिक। ४ अबाध, जो रोका न रुके। ५ शक्ति- अनीतिज्ञ (सं० वि०) १ नोतिकुशल, कानून कायदेसे शून्य, नाताकत । ६ ईश्वर-भिन्न, परमेश्वरसे सम्बन्ध न वाकिफ.। २ असभ्य, नाशायस्ता, जो कायदा- रखनेवाला। कानून से वाकिफ़ न हो। अनौखरता (सं० स्त्री०) परमेश्वरको अनुपस्थिति, अनौतिमान् (स.नि.) अनीति अड़ानेवाला, जो ईश्वरका न रहना, ईखराभाव । जुल्म जमाये। (स्त्री०) अनीतिमतौ । अनौखरत्व (सं० ली.) अनौवरता देखो। अनीतिविद्, अनीतिज्ञ देखो। अनीश्वरवाद (सं० पु०) १ ईश्वररहित वितर्क, अनौदृश (सं० त्रि०) असदृश, अतुल्य, असमान, बहस जिसमें इश्वरका रहना न माना जाये। नाहमवार, एक-जैसा नहीं, मुतफरिक, । २ नास्तिकता, ईखरका न मानना। ३ मोमांसा,. अनीप्सित (सं० त्रि.) अनिच्छित, ख.हिश न जिसमें कर्म ही प्रधान रखा गया है। किया गया। अनीश्वरवादिन् (सं० पु०) नास्तिक, ईश्वरको न अनौरसन (सं० त्रि.) मेखला युक्त, जो कमरबन्दसे माननेवाला। खाली न रहे। अनौश्वरवादी, अनीश्वरवादिन् देखो। अनीलबाजी (सं० पु०) अर्जुन, जो सफेद घोड़ा अनीसून (हिं० पु०) सौंफ जो भारतके उत्तरमें रखते हैं। खू.ब उपजती है। अनौली (सं० स्त्री०) काशलण, काश नामको घास । अनीह (सं० वि०) नास्ति ईहा चेष्टा यस्य, नत्र- अनीश (स० पु०) नास्ति ईशः प्रभुः, अधिकारी बहुव्री। १ चेष्टाशून्य, बेपरवा। २ स्मृहारहित, वा थस्य, नज-बहुव्री. १ विष्णु। विष्णुके अनीश | बेख़ाहिश । (पु.) ३ अयोध्याके नृपति-विशेष। कहानेका कारण यही है, कि उनका कोई नियन्ता | अनीहा (सं॰ स्त्री०.) चेष्टाशून्यता, स्पृहाराहित्य ; नहीं होता, वही सब आना चलाते हैं। (त्रि.) बेपरवायो, बेख्वाहिशी, किसी बातके न चाहनेको २ प्रभुशून्य, बेमालिक, जिसका कोई रखवारा न। हालत। .