पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५४०

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अन्तरायाम-अन्तरिक्षसद्य ५३३ अन्तरस्य प्रायः प्राप्तिर्येन, आय इति इन् भावे घञ्। डीप। १ मृन्मय परिष्कृता भूमि, मट्टीसे साफ़ की विघ्न, प्रत्यूह, प्रतिबन्ध, वाधा, खतरा, खटका, रोक, हुयी जमीन। स्तम्भोपरिस्थित अट्टालिका, जो बरा- जिसके द्वारा कार्य में वाधा पड़े, जो चीज़ काममें मदा खम्भे पर खड़ा हो। खलल डाले। अन्तराशृङ्ग (सं० अव्य०) शृङ्गोंके मध्य, सींगोंके बीच । अन्तरायाम (सं० पु०) आक्षेपक भेद, ऐंठन, मरोड़, | अन्तरिक्ष, अन्तरीक्ष (सं० ली.) ईक्ष्यते दृश्यते तेन जकड़। इसका लक्षण यों लिखते हैं,- स ईक्षः दृक्व्यापारस्य अविघ्न इत्यर्थः । ईक्ष इति पृषो. "पङ्ग लौगुल्फजठरहदवक्षोगलस'यितः । इस्खः । अन्तर्मध्यं ईक्षं दृष्टिविधातशून्यं यस्य, बहुव्री० । स्नायुप्रतानमनिलस्तब्धः चिपति वेगवान् ॥ १ आकाश, आसमान्, जिस वस्तुका मध्यभाग व्याघात विष्टब्याचः स्तब्धहनुर्भग्नपार्श्वः कफवमन् । शून्य रहे। 'नभोऽन्तरित गगनं ।' (अमर) निरुक्तमें अभ्यन्तरे धनुरिव यदा नमति मानवः । अन्तरिक्ष शब्दके सोलह नाम लिखे हैं,-१ अम्बर, तदा सोभ्यन्तरायाम कुरुते मारतो बली॥" (भावप्रकाश) २ वियत्, ३ व्योम, ४ वर्हिः, ५ धन्व, ६ अन्तरिक्ष, अन्तराराम (सं० पु०). प्रारम्यते, आराम-भावे ७ आकाश, ८ आप, ८ पृथिवी, १० भू, ११ खयम्मू, घञ्–अन्तरात्मनि आराम आनुरक्तिर्यस्य, बहुव्री। १२ अध्वा, १३ पुष्कर, १४ सगर, १५ समुद्र और आत्मानुरत, आत्मविषयमें अभिरत, दिल ही दिलमें १६ अध्वर। खुश रहनेवाला शख्स। (वै०) २ जीवनके तीन प्रधान भागमें बीचक अन्तराल (सं० लो०) अन्तरं व्यवधानं आ सम्यक् भाग। ३ वायुमण्डल । ४ वायु। ५ अभ्रक, अबरक। रूपेण लाति ग्रह्णाति, अन्तर-आ-ला-क । मध्यभाग, अन्तरिक्षस्थित (सं० त्रि०) आकाशवासी, आसमान्में अभ्यन्तर, अवकाश, व्यवधान, दरमियानी हिस्सा, रहनेवाला। दराज, खाली जगह, फर्क । अन्तरिक्षम (सं० पु०) पक्षी, परिन्द, चिड़िया । 'अभ्यन्तरन्त्वन्तरालम् ।' (अमर) अन्तरिक्षचर-अन्तरिक्षग देखो। अन्तरालदिक् (सं० स्त्री० ) अन्तराला दिक्, कर्मधा। अन्तरिक्षजल (सं० लो०) गगनाम्बु, आसमान्का दो दिक्के मध्यस्थित कोण, जो कोना दो तर्फ के दर पानी, जो पानी मेघसे गिरे। मियान हो। जैसे अग्निकोण, ईशानकोण इत्यादि | अन्तरिक्षमा (सं० त्रि०) अन्तरिक्ष प्राति पूरयति, रहता है। अन्तरिक्ष प्रा-पूरणे-विच् । अन्तरिक्षपूरक, आसमान्को अन्तरादिन् (सं० त्रि०) अन्तरा मध्यं वेत्ति, विद् भर देनेवाला, जो अपने तेजसे अन्तरिक्षको भर दे। णिनि। १ ममन्न, मतलब समझने वाला, जो | अन्तरिक्षात् (सं० वि०) अन्तरिक्ष आकाशं प्रवते भीतरी हाल जानता हो। अन्तरां भिन्नवर्ण स्त्रिय चरति, अन्तरिक्ष-पुत् गतौ क्विप् । अन्तरिक्षचर, खेचर, विन्दति विवाहरूपेण लभते, अन्तरा आ-विद्-तुदा० आसमान्पर चलनेवाला। णिनि। २ अपनी अपेक्षा होनवर्णा स्त्रीसे विवाह | अन्तरिक्षलोम (स० पु०) आकाश, आसमान्, जो करनेवाला व्यक्ति, जो शख स अपने खान्दानसे हकीर दुनिया आसमानमें अनोखे तौरपर रहे। औरतके साथ शादी करे। अन्तरिक्षसंशित (सं० पु.) वायुमण्डलमें पैनाया हुवा, अन्तरादि (स. स्त्री०) अन्तरा मध्यस्था वेदिः, जिसको शान आसमान पर रखी जाये। उण इन्। १ परिष्कृता भूमि, साफ को हुयी जमीन। अन्तरिक्षसद (स.नि.) अन्तरिक्षे प्राकाशे सौदति २ युध्यमान दो गजके मध्यस्थित मृत्तिकाको वेदि, चरति, अन्तरिक्ष-सद गतौ क्विप् । आकाशचर, आस- जो चबूतरा दो लड़नेवाले हाथियोंके बीच बने। मान्में उड़नेवाला। अन्तरवेदी (सं० स्त्री०) अन्तरा मध्यस्थ वेदी वा अन्तरिक्षसद्य - (सं०क्लो०) अन्तरिक्षे सद्यते, अन्तरिक्ष- 134