पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५४७

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अन्तर्वतिन्–अन्तर्वेश्मन् ५४० ३ अजीर्णनामक रोगविशेष, एक तरहको बदहज.मी। , अन्तर्विहस् (स० वि०). भौतरौ विद्वान्, अन्दरूनी अन्तर्वतिन् (सं० त्रि०) अन्तर्मधे। वर्तते, वृत-णिनि । फ़हम रखनेवाला, जिसे पृथिवी और आकाशके मधावर्ती, मधास्थित, दरमियानी, बीचवाला। बोचका वृत्तान्त ज्ञात रहे, जो पूरे तौरपर किसी अन्तर्वसु (सं० पु.) सोमयाग विशेष । बातको जानता हो अन्तर्वस्त्र (सं० लो०) अन्तर्वस्त्र, नीचे पहना | अन्तर्विद्वान्, अन्तर्विद्दस् देखिये । जानेवाला कपड़ा। अन्तर्दृद्धि (सं० पु० ) अन्त्रवृतिरोग, आंतके बढ़ने अन्तर्वा (सं० त्रि.) अन्ततः समीपं वाति : अन्तरङ्ग या उतरनेकी बीमारी। अन्त्रवृद्धि देखिये । त्वाद्गच्छति, अन्तर्-वा-गति हिंसयोः-विच्। १ प्रतिः | अन्तर्वैग (सं० पु.) १ भीतरी व्याकुलता अथवा पालित, पाला हुवा। २ नेहहेतु समोपागत, चिन्ता, अन्दरूनी घबराहट या फिक्र । २ भीतरी ज्वर, मुहब्बतसे पास पहुंचा हुवा। अन्दरूनी बुखार, जो बुखार हडडीमें घुस गया हो। अन्तर्वाणि (सं० त्रि०) अन्तर्गता चित्तस्था विविध अन्तर्वेद-गङ्गा और यमुनाके मध्यका देशविशेष । शास्त्रात्मिका वाणी वाग् यस्य, बहुव्री। विविध | अन्तर्वेदि (स'० स्त्री०) अन्तर्मधास्था वैदिः परिष्कृता शास्त्रविशारद, कितने ही इल्म जाननेवाला। भूमिः, कर्मधा । १ मधास्थित उभयनदी भूमि, बीच- 'अन्तर्वाणिस्तु शास्त्रवित्।' (अमर) वाली साफ़ की हुयी ज.मौन, दुआब । (पु.) अन्तगता अन्तर्वावत् (स• त्रि०) अन्तर्वाः पुत्रादिः सोऽस्त्यस्य, वेदियज्ञभूमियस्मिन् देश। २ अपने मधा परिष्कृत अन्तर्वा-मतुप् मस्य वः। पुत्रादि विशिष्ट, बाल बच्चे से बहु यज्ञभूमि रखनेवाला देश । ३ ब्रह्मावर्त, बिठूर। भरापूरा। ४ गङ्गा और यमुना इन उभय नदीका मधादेश। अन्तर्वाष्य (स० पु०) अन्तर्गतोऽवहिभूतो बाष्पो (अव्य० ) वेद्या-अन्तर्मधा, अव्ययौ । ५ वेदीके मधा। नेत्रजलम्, कर्मधा। १ बाहर अप्रकाशित नेत्रजल, अन्तवेदी (सं० स्त्री०) अन्तर्गता वेदियंत्र, अन्तर्- जो आंसू फूट न पड़े। “अन्तर्वाष्यभरीपरोधि ।” (शकु ४।६७) वेदि डीप् । १ ब्रह्मावर्त, बिठर। २ गङ्गा और (वि.) नेत्रजलविशिष्ट, जो आंसू भरे हो यमुनाका मधादेश। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, अन्तर्वासस् (स० क्ली०) भीतरी वस्त्र, अन्दरूनी मेरठ, अलीगड़, आगरा, एटा, इटावा, फरुखाबाद, पोशाक। फतेहपुर और इलाहाबाद यह जि.ले अन्तर्वेदीके मध्य अन्तर्विगाह (सं० पु०) अन्तर्मधे। विगाहः, ७-तत् । पड़ते हैं। युक्तप्रदेशमें इस देशको 'अन्तर्वेद' अन्तर्-वि-गाह भावे घञ्। मधाप्रवेश, दरमियानी कहते हैं। दाखिला। अन्तर्वेदी-विहारी कान्यकुन-ब्राह्मणोंको तीन प्रधान अन्तर्विगाहन (सं० लो०) अन्तर्मधे विगाहनम् ; श्रेणीमें एक श्रेणी। लोग कहते, कि यह गङ्गा और अन्तर्-वि-गाह भावे ल्युट । मधाप्रवेश, दरमियानी | यमुनाके बीचवाले देशसे विहार पहुंचे थे। दाखिला। अन्तबंध - (सं० पु.) १ मर्मबेध, जोड़की चोट। अन्तर्विद्रधि (सं० पु०) जठरान्तरस्थ विद्रधिरोग, मेदेको २ मर्मपौड़ा, गांठका दर्द। कोई बीमारी। इसका लक्षण इसतरह लिखा है,- अन्तर्वेशिक (सं० वि०) अन्तर्वेशो राजान्तःपुर नियुक्तः, ठक् अनित्यत्वान वृद्धिः। अन्तःपुरके रक्षण 'पृथक् सम्भूय वा दोषाः कुपिता गुरूपिणाम् । वाकवत् समुन्द्र मन्त: कुर्वन्ति विद्रधिम् ।. निमित्त नियुक्त कञ्चुको प्रभृति, जो ज.नानखानेको गुर्द वस्ति मुखे नाभ्या कुचौं वायोस्तथा हिफाजत करनेको नौकर रखा जाये। बुक्योः भौति यकृति हदि वा लोखि चाष्यथ । अन्तर्वेश्मन् (सं• क्लो अन्दरूनी - येषां लिङ्गानि जानीयादायविद्रधिलक्षणे: (भावप्रकाथ).' कमरा, जनानखाना। 1 भौतरौ स्थान,