पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५४९

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1 राज़ी हुवा। ५४२ अन्तादि -अन्तिोक कहते हैं, कि बलवेसे एक वर्ष पहले इन्होंने अंगरेजों इनका निवासस्थान स्पार्टा था। स्पार्टा और आथेन्सके से लड़ने के लिये ४०००० हजार रुहेले बुलानेको बौच घोरतर विवाद बढ़ा। ईरान देशके साथ सन्धि बातचीत लगायी थी साधने के लिये यह दो बार राजदूत बनाकर ईरान भेजे अन्तादि (सं० त्रि. ) अन्तेन सहित आदिः, ३-तत् । गये। इन्हींकी चेष्टा और इन्होंके आधिपत्यसे आथन्म- अन्तके सहित आदि अथवा आद्यन्त । वासी स्पार्टावालोंके साथ सन्धि साधनपर बाधा हुये। अन्तानल (सं० पु०) अन्तस्य प्रलयकालस्य अनलो. इन्होंने सन्धिकी जो शत लगायौ थी, विपक्ष इसपर ऽग्निः, ६-तत्। १ प्रलयकालका अग्नि, कयामतको इतिहासमें यह सन्धि-अन्त्रिअल- आतिश । अन्त्यस्य चरमकालस्य अनलः । २ अन्त्येष्टि किदसको सन्धिके ( Peace of Antalcidas) नामसे क्रियाका अग्नि, चिताग्नि । चिरप्रसिद्ध हुयी। ऐतिहासिक प्लुटार्कने (Plutarch) अन्तार (सं० पु०) अन्तं वनान्त पर्यन्तं ऋच्छति लिखा, कि इन्होंने आत्महत्या करली थी। दूसरे कोई. गच्छति, अन्त-ऋ-अण्। पशुपालक, जानवर कोई कहते हैं, कि यह जब शेषकालमें ईरान गये पालनेवाला। तव इनका उद्देश्य सिद्ध न होनेसे इन्होंने अनाहार अन्तार-सुप्रसिद्ध सात अरबी कवियों में एक कवि। देहको छोड़ा था। इनकी कविता मक्क वाले मन्दिरमें सोनेके अक्षरोंसे | अन्तिोक (Antiochus) इस नामके तेरह राजाओंने लिखकर लटकायी गयी थी। अन्तारका पहला प्राचीन सौरिया, एशिया-माइनर प्रभृति एशियाके इतिहास सन् १८१८ ई० में इङ्गलण्डमें अरवौसे प्रान्तवर्ती प्रदेशमें राजल किया। उनमें तृतीय अगरेजी अनुवाद होकरछपा। अन्तिोक ( Antiochus the Great) और उनके अन्तावशायिन् (सं० पु०-स्त्री० ) अन्त ग्रामान्त देशे पुत्र चतुर्थ अन्तिओकने विशेष प्रसिद्धि पायो। अवशेते, अव-शोङ-णिनि । चण्डालादि हौन जाति । तृतीय अन्तिोकने हानीबलको आश्रय पहुंचाया चण्डालादिका वास प्रायः ग्रामके वाहर रहता है। और रोमके विरुद्ध युद्ध उठाया था। चतुर्थ अन्तिप्रोकने अन्तावसायिन् (सं० पु० स्त्री०) अन्त दिनान्त पालिस्तिन जीता और प्रायः समुदाय मिश्रदेशको अवस्यति खकार्याविरमति; अथवा अन्त चरम अपने अधिकारमुक्त बनाया। अवस्यति धनाभावद्देन्यं प्राप्नोति, अन्त-अव-सो-णिनि प्रियदर्शी अशोकके अनुशासनमें 'तुरमय', 'अन्ति- युक्। १ नापित, हज्जाम, नाई। किनि', 'मक' प्रभृति 'यवन'-राजाओंके नामके साथ 'क्षुरिकुडिदिवाकीर्ति नापितान्यावसायिनः ।' अमर अन्तिोकका भी नाम देख पड़ता है। किन्तु आज अन्त शेषावस्थायां अवसातु तत्वं निर्णेतुं शीलं अस्य । भी निःसन्देह स्थिर नहीं हुवा, कि यह कौन अन्ति- २ मुनिविशेष। अन्ताय स्वपोषणार्थं प्राणिवधाय ओक थे। अधापक लासेनने इन्हें सौरियाका अवस्यति अध्यवसायं प्राप्नोति। ३ प्राणिजीवी राजा बताया, हमारे मतमें सन् ई० के ३१० से २८१ चण्डालादि जाति। वत्सर पूर्व इनका राजत्वकाल होता है। अशोक अन्तावसायी, अन्तावसायिन् देखो। शब्दमें हम इस बातको आलोचना करेंगे। अन्ति (सं. स्त्री०) अन्त्यते' सम्बध्यते, अन्त-इ। अशोक और प्रियदर्शी देखो। १ नाट्याक्त ज्येष्ठा भगिनी। (अव्य०) २ सम्मुख, सिवा इसके अन्तिोक नामके एक यूनानी सामने, निकट, नजदीक । ३ को, बयों। दार्शनिक और एक यूनानी ऐतिहासिक भौ हुये हैं। अन्तिअलकिदस ( Antalcidas)-इनका जन्म सन् दार्शनिक अन्तिोक आसकलनवासी थे। यह ई०से ३८२ वत्सर पहले हुवा था, ३६७ वत्सरके पहले सन् ई के प्रथम शताब्दसे पहलेके व्यक्ति हैं। मर गये। यह यूनान देशके एक प्रसिद्ध योद्धा थे। इन्होंने यूनानके प्रधान दार्शनिकहय-फिलो एवं 1