पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५५०

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अन्तिक–अन्तेवासिन् ५४३ ष्टोइकका मत मिलानेको चेष्टा को थी। इनका लिखा अन्तिगोनास एक आंख फूट जानेसे साइक्लोप्स कहाते कोई ग्रन्थ नहीं मिलता। प्रसिद्ध दार्शनिक सिसेरोने थे। सम्राट अलक्जेन्द्र के मरनेपर इन्हें पम्फाइलिया, इन्हींके पदप्रान्तमें पड़ दर्शनशास्त्र पढ़ा। सिसेरोके लीडिया प्रभृति राज्य मिले। अन्तमें इन्होंने एशियाको अमूल्य ग्रन्यादिसे हम उनके गुरुको असाधारण भी जीत लिया। इनका जन्म सन् ई०से ३८२ वर्ष विद्वत्ताका परिचय पाते हैं। पहले हुवा था, सन् ई०से ३०१ वर्ष पहले इप्सस ऐतिहासिक अन्तिोक साइरकसके वासी थे। नगरमें सेल्यूकस और लेसिमकासके साथ लड़ उन्होंने सन् ई०से ४२० वत्सर पहले विशेष प्रसिद्धि इन्होंने प्राण छोड़े। पायी थी। यह सिसिलीका एक इतिहास लिख साइक्लोपके मरने के बाद उनके पुत्र डेमेट्रियस गये हैं। किन्तु उस पुस्तकका अब किञ्चित् अंशमात्र पोलिश्रोक्रेटेस मेसिदनके राजा बने। इसके पीछे मिलता है। फिर भी ष्ट्रावो, डाइयोनिसस् प्रभृति उनके पुत्र अन्तिगोनास गोनटस्ने सिंहासन पाया । ऐतिहासिकोंने कितने ही स्थानमें इस ग्रन्थका उल्लेख यह सन् ई० से ३१८ वर्ष पहले उत्पन्न हुये थे, सन् किया है। ई०से २३८ वर्ष पहले मर गये। यह पिटवत्सल अन्तिक (सं० वि०) अन्तःसमोपएव, अन्त-स्वार्थे ढन् । और परम करुण राजा कहलाते थे। प्रियदर्शी दूरान्तिकार्थेभ्यो द्वितीया च। पा २।३।३५ । १ समीप निकट, अशोकके अनुशासनमें यवन-राजाओं के बीच अन्तिकिनि करीब, नजदीक । “अन्तिकैऽपि स्थिता पत्यु :।" (भट्टि ५।१७) नामक किसी राजाका उल्लेख मिलता है। ऐति- ( लो०) २ सामीप्य, नैकट्य, कुर्ब, पड़ोस । (अव्य ०) हासिक लासेन साहब इन्हीं अन्तिकिनीकि अन्तिगोनास ३ पाससे, नजदीक । गोनाटस् बता गये हैं। हम अशोक और प्रियदर्शी अन्तिकगति (सं० स्त्री० ) पासको चाल, नजदीकका शब्दमें इस विषयको विस्तारसे आलोचना लिखेंगे। पहुंचना। अशोक और प्रियदर्शी शब्द देखो। अन्तिकतम ( स० त्रि०) अतिशयेन अन्तिकम्, अन्तिक- अन्तितस् (स० अव्य०) अन्ति-तसिल्। अन्तमें, तमप्। अतिनिकट, निहायत नजदीक । निकट, पास, नजदीक । 'नेदिष्टमन्तिकतमम् ।' (अमर) अन्तिम (स त्रि.) अन्ते शेषे भवः, अन्त-डिमच् । अन्तिकता (सं० स्त्री०) सामीप्य, नैकव्य, पड़ोस, अन्तभव, चरम, अखौरमें पैदा हुवा। कुवै। अन्तिमाङ्ग (सं० पु०) शेषसंख्या, आखिरी अदद। अन्तिका (सं. स्त्री.) अन्तिः नाट्योक्तौ ज्येष्ठा अन्तिय (वै त्रि.) नजदीक, निकट। (लो०) भगिन्येव, अन्ति-स्वार्थे क-टाप् । १ नाट्योक्त भगिनी, २ निकटस्थ स्थान, पासको जगह। (नाटकको) भाषामें बहन । २ सातला। ३ चुल्ली । अन्तिवाम (सं० त्रि.) अन्ति अन्तिके बामं दरमस्य, "अन्तिका भगिनी ज्येष्ठा।" (अमर) बहुव्री०। धनसम्पन्न, दौलतमन्द, जिसके पास खूब अन्तिकाश्रय (सं० त्रि.) अन्तिक समीपं आश्रयति, रुपया रहे। अन्तिक-श्रा-शि-अच् ; अन्तिके आश्रयो वा यस्य। अन्ती (सं० स्त्री० ) भट्टी, चल्हा, तन्दूर। १ निकटस्थ, पास रहनेवाला। (पु.) कर्मधा० । अन्तेवसत् ( स० पु०) अन्ते समीपे विद्याग्रहणा) २ अवलम्बनस्थान, सहारकी जगह । वसति ; अन्त-वस शट, ७-तत् अलुक् स०। शिष्य, अन्तिगोनास (Antigonus)-इस नामके दो राजा छात्र, शागिर्द, तालिबइल्म, चेला। ओंने मेसिदनमें राज्य किया। इनमें एक प्रथम | अन्तेवासिन् (सं• पु०) अन्ते निकटे विद्याशिक्षार्थ अन्तिगोनास अथवा अन्तिगोनास साइक्लोप्स और वसति ; वस-णिनि, ७-तत् वा अलुक् समास । दूसरे उनके पौत्र अन्तिगोनास गोनटस् थे। प्रथम १ शिष्य, छात्र, शागिर्द, तालिबइल्म । 3B ..