पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५८२

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दौजिये। अन्वावरोध-अन्दामान दबाव डालनेपर अवरुद्ध स्थान खुल जाता है। अन्तोली चारोली-गुजरातके एक राष्ट्रकूट नृपति ।। यह प्रक्रिया अति सहज ही सम्पन्न होगी पहले सन् ७४७ ई० के समय इन्होंने सूरतमें भूमिको उत्- बड़ी पिचकारीको डण्डी मलहारमें अन्त के अनेक दूर सर्ग किया था। दानपत्र वलभी भाषामें दो ताम्र- पर्यन्त ठेल दे। पौछ मलबारके पास डण्डीको फलकपर लिखा गया। देखनेसे मलूम होता, कि चारों ओर कपड़ेसे दबा धीर-धौर जलको भीतर पूर्वकालमें राष्ट्रकूट नृपति गुजरात और मालवेके. पहुंचाना चाहिये। उदर जलसे भर जानेपर गुह्य- खतन्त, शासक रहे। हारको दबा पेटको निम्नदिक्से ऊपरकी ओर रगड़ अन्यक (सं० लो०) अङ्गार। इस प्रकरण द्वारा अवरुद्ध स्थान खुल अन्थिग-बम्बई प्रान्तके कनाड़ जिलेवाले एक पल्लव सकेगा। अनेक चिकित्सक आध या एक सेर कच्चा नृपति। देवलो-शिलालेखमें लिखा है, कि तृतीय यारा अथवा छर्रा पेटमें पहुंचानेका परामर्श देते कृष्णने काञ्ची और तञ्जोरको दबा इन्हें भी संग्राममें उनके मतमें पार किंवा शौशेके दबावसे हराया था। अवरोध टूट सकेगा। अनेक विज्ञ चिकित्सक | अन्द (सं० पु०) बन्धन, लपेट । तम्बाकूवाली पिचकारी लगानेको भी व्यवस्था बताते अन्दर-मन्द्राज प्रान्तके दक्षिण कनाड़ा ज़िलेका एक हैं। किन्तु इस सकल चिकित्सामें विपद् पड़नेको घाट। यहांसे राह महिसूरको गयो; किन्तु उसमें सम्भावना रहेगी। गाड़ियोंका गुज़र हरगिज़ नहीं हो सकता। औषधके मध्य अफीम ही श्रेष्ठ है। १ ग्रेन मात्रा अन्दामान (अंडमान Andaman) बङ्गालको खाडौमें में अफीमका सार ६८ घण्टे अन्तरसे खिलानेपर स्थित होपसमूह। वहां छोटे और बड़े मिलाकर सब रोग कितना ही सुस्थिर पड़ सकेगा। विशेषतः होप २०४ हैं। यह हुगलौके मुहानेसे ५८० मील अफीम द्वारा अन्त को कृमिवत् गति घटती, जिससे दूर हैं। होपसमूह २१८ मोल लम्बा और पेटको यन्तणा भी कुछ मिटती है। ३२ मौल चौड़ा और समुद्र-तट दनदानेदार है। इस रोगमें वमन उत्कट लक्षण होगा। पतला पोटंबे यर, एलफिन्सटन-हावर, सू,अटै साउंड और द्रव्य खाते ही उलट पड़ता है। इससे रोगीको पोर्टकार्नवालिस आदि बड़े-बड़े बन्दर हैं। समुद्र-तट अधिक पथ्य देना निष्फल होगा। पिपासा बढ़नेपर पर हर जगह मूगा पाया जाता है। पुनःपुनः शीतल जलसे मुख धोने में कष्ट घट जाता अन्दामानको स्थिति एक प्रकारसे बहुत उपयोगी. है। मध्य-मध्य बरफ़के छोटे-छोटे टुकड़े भी मुखमें है। खाड़ीमें यदि कोई अन्धड़ आता है, तो मांझी दबा रखनेका देना चाहिये। मांसका सार, यवका अन्दामानसे हो उसको दिशा तथा उसके ज़ोरका दलिया प्रभृति यत्सामान्य हो खिला रोगीको जीवित अनुमान कर लेते हैं। मौसमका भौ ठीक-ठीक रखनेको चेष्टा करे। किन्तु पथ्यादि पिचकारोसे ज्ञान यहां हो से होता है। व्यापारियोंकी इस लिये पहुंचाना उचित होगा। उससे वमन किंवा आध्मान अन्दामान अधिक लाभ पहुंचाते हैं । सन् १८६८ई से पोटबेयरमें जलवायुका अनुमान करनेके लिये एक इस पौड़ामें पेट फाड़ अन्त का अवरोध निकालनेको सेशन स्थापित है। अन्दामानको आबहवा न बहुत विशेष चेष्टा की गयी थी। किन्तु उससे चिकित्सक | गर्म और न बहुत ठण्डी हो है। समुद्रो हवार्क प्रायः क्वतंकार्य न हो सके। कर्कट प्रभृति रोगमें कारण यहां गर्मीका वेग नहीं बढ़ने पाता। वर्षाका सरलान्त, रुकते, अवरोधपर कृत्रिम मलद्दार बना समय अनिश्चित है। उत्तरपूर्वीय मानसून चलने पर देनेसे रोगी कुछ दिन पर्यन्त जी सकेगा। सूखा रहता है और दक्षिण-पश्चिमायके समय वर्षाः अन्तौ (सं० स्त्री०) वृद्धदारक लता। होती है। एक स्थानपर ही भिन्न भिन कालमें: नहीं बढ़ता।