पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/५८४

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५७८ अन्दामान नाक सौधौ और एकसी रहेगी। नवयुवक तो विशेष कर सुन्दर दिखायी पड़ते हैं। दक्षिणमें लोग खोपड़ामें एक फौता बांधे रहते हैं जिससे उनका खोपड़ा कुछ दब जाता है, जो भद्दा लगता है। स्त्रियां अन्दामानमें स्त्रीपुरुष एकत्र मिलकर नाचते हैं। गाते कुछ नहीं, केवल सब मिलकर एक स्वरसे चिल्लाते हैं। नाचके समय अनेक मिलकर जरुके ऊपर दोनों हाथ लगा आघात करेंगे। कोई नाचते अन्दामानवासी पुरुष इतनी सुन्दर नहीं होती, क्योंकि, वह थोड़ी ही अवस्थासे मोटी-ताजी बनती हैं। वह सदा प्रसन्न- चित्त रहें, और कोई सामाजिक बन्धन उनके ऊपर न पड़े। समाजमें भी उनका अच्छा मान है। स्त्रियों के बाल बिलकुल मुड़े हुए और मनुष्यों के कहीं मुड़े कहीं नहीं मुड़े हुए होते हैं। चर्बी मिलाकर वह गेवरी को शरोरसे चिपड़ लेते हैं। विवाह होनेसे पहले ही स्त्रीपुरुषका संसर्ग होने लगता, परन्तु उसे रोकने के लिये कुछ नियमोंका प्रयोग किया जाता है। विवाहके पश्चात् तीनसे अधिक बच्चे पैदा नहीं होते, और किसी-किसी के तो एक भी नहीं निकलता। तलाक देना मना है, और पारस्परिक प्रेम ख ब रहता है। गोत्रमें कुत्सित आचरण बहुत कम देखने में आयेगा। अन्दामानवासी स्त्री समय पैर जोड़ जांधके ऊपर हाथ मारता हुआ कूदता है। यहां नमस्कार या अभिवादन करनेका नियम अति विचित्र है। क्योंकि अभिवादन करते समय पैर उठाकर सम्मान दिखायेंगे। पैर दिखानेके पश्चात् घटनेके ऊपर थप्पड़ मारते हैं। अन्दामानमें एक बात विशेष है, जिसके कारण वह और भी अधिक ख्याति संसारमें पा रहे हैं। जो लोग आजीवन के लिये या बहुत कालके लिये कैद किये जाते, वह यहां ही हिन्दुस्थानसे भेजे जाते हैं, जिससे वह यहां रहकर आत्मदमन द्वारा सुचरित्र बन जावें। १० वर्षको मिहनतके बाद कैदीको एक 'पास' मिलता और फिर वह अपने आप पेट पालन करनेका अधिकारी हो जाता है। सकता, व्याह कर सकता तथा अपने बाल बच्चे यहां बुला सकता है, परन्तु स्थानको नहीं छोड़ सकता, और न आलस्यमें अपना जीवन व्यतीत कर सकता वह जोतबो