पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६७९

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3 लेनेवाला। अपसुक्षित्-अफगानस्थान बहुव्री०। १ रूपहीन, बदसूरत । २ भोजनविहीन, अपमुषोम (सं० पु.) अपसु अद्भिः सोम इव पवित्रः जिसके पास खाना न रहे। सत्वम्। १ पानीका सोम। २ जलपूर्ण पात्रविशेष, अप्सुक्षित् (सं० त्रि.) अपसु अन्तरिक्षे क्षिपति पानौसे भरा प्याला। निवसति ; अप्सु-क्षि-क्विप, अलुक्-समास । अन्तरीक्ष-अप्सुसंशित (सं० पु.) अपसु अद्भ्यः संशितः, वासी, आस्मान्में रहनेवाला। अलुक् समास । १ जल निमित्तीभूत विष्णुका विचरण- अप्सुचर (सं. त्रि.) अपसु चरतौति ; चर-ट, स्थान अन्तरिक्ष। (त्रि.) २ जलोस्थित, पानौसे अलुक् समास। जलचर, पानी में चलनेवाला। भड़का। अप सुज (सं० त्रि०) अपसु जले अन्तरौक्षे वा जायते ; अफगान (अ.पु.) अफगानस्थानका बाशिन्दा, जन-ड, अलुक्-समास । १ जलजात, पानीमें पैदा अफगानस्थानमें रहनेवाला आदमी। अफगानस्थान देखो। हुवा । २ अन्तरिक्षजात, जो आस्मान्से निकला हो। अफगानस्थान-मध्य एशियाका देश विशेष । बदख्शान् . अप्सुजा (सं० स्त्री.) अप्मु जायते ; जन-विट और काफ़िरस्थानको मिला इसका क्षेत्रफल (रकवा) अलुक्-समास। १ अखी, घोड़ी। २ वेतसलता। २४५००० वर्ग मौल, आबादी पचास परिमाण और (त्रि.) ३ जलजात, पानीसे निकली। सौमा लाख है। अफगानस्थानसे उत्तर रुशी-तुर्क- अपसुजित् (सं० त्रि.) अपसन् असुरान् जयति स्थान, पश्चिम फारस और दक्षिण-पूर्व क्विप, अलुक् समास। असुरजेता, राक्षसोंको जीत काश्मीर सीमाको बांधे है। यह रूशी और भारतीय साम्राज्यके बीच में होनेसे अधिक प्रयोजनीय समझ असुमत् (सं० वि०) अपसु आपः जलानि सन्त्यस्य पड़ेगा। सन् १८७८-८० ई० में दूसरा अफगान-युद्ध मतुप, अलुक्-समास। १ यथेष्ट जल-लाभकर्ता, काफी छिड़नेसे इस प्रान्तको भौगोलिक स्थिति वैज्ञानिक पानी पानेवाला। २ जलीय पदार्थयुक्त, पानीको रूपसे मालूम करनेमें सुभीता हुवा। सन् १८८४-८६ चौजोंपर कला रखनेवाला। २ जलमें अपना स्वभाव रुशियन-अफगान-बाउण्डेरौ कमिशनने न खोनेवाला, जो पानीमें अपनी कुदरत न छोड़ता उत्तरीय-सीमान्तका नकशा उतरा सन् ही। ३ अप्सु सम्बन्धीय। १८८३ ई. में जो डुरण्डसन्धि हुयो, उसने दक्षिण अप्सुमति (सं त्रि०) १ जलीय शक्तिसस्पन्न, जिसमें और पूर्व सीमाप्रान्तके पठानोंका बंटवारा कराया। पानीको चीजें मिले। २ जलमें अपनी शक्ति न अन्तको सन् १९०४-५ ई० में पारसोबलूच कमिशनने खानेवाला, जो पानौमें अपना जोर कायम इसको पश्चिमीय सौमाका भौ मुंह बना-चुना दिया। किन्तु हश्शदानको ओर सीमाका कोई ठिकाना नहीं। अप्सुयोग (स.पु.) अप्सु योगः, ७-तत् । जलका अफगानस्थान निम्नलिखित भागमें विभक्त है,- संयोजक बल, पानी मिलनेको ताकत। उत्तरीय अफगानस्थान या काबुल, दक्षिणीय अफगान- अपसुयोनि (स.वि.) अप्सु जले योनिरुत्पत्ति स्थान या कन्धार, हेरात, और अफगानतुर्कस्थान । यस्य, अलुक्-समास । जलजात. पानौसे निकला। गिलजायो, हजारा, गजनी, जलालाबाद विभाग (पु.) २ अश्व, घोड़ा। और काफिरस्थान इसके करद राज्य हैं। अप्सुवाह (सं० त्रि.) जलमें हांकते हुवा, जो हेरातमें ईरानी और अफगान-तुर्कस्थानमें उसबैग पानी में कोई सवारी लिये जाता हो। रहते हैं, जो अफगान सरकारको ज्यादा नहीं अपसुषद् (सं.वि.) अप्सु जले सौदति, सद चाहते। काबुल, हेलमन्द, हरी-रुद और ओक्सस् इस क्विप षत्वम्। जलमें रहनेवाला, जो पानीमें रहता देशको प्रधान नदी हैं। अफगानस्थान अधिकतर पार्वतीय और मरु देश है; किन्तु बीच-बीच समान i 69 था। रखता हो