पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६८१

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अमौर अबदुर धर्म अफगानस्थान ६७५ यह घरमें आये परदेशीका यद्यपि सम्मान करते, प्रत्येक प्रान्तमें अमीरका एक नायब रहता, जो तथापि अपने पड़ोसीको चलनेवाले शिकारको खबर अपने कार्यका उत्तरदायी ठहरता है। अमीरके दे देना मुनासिब समझते और अपना घर छोड़ने दरबारमें सरदार, खान् और मुल्ले रहेंगे। अमोर पर प्रायः उसे पकड़ कर लूट लेते हैं। अपराध दबाना हो अपने देशके प्रधान शासनकर्ता हैं। प्रत्येक मनुष्य और महसूल मांगना यह अत्याचार समझेगे। अमीरसे प्रार्थना कर सकेगा। अमीरके नीचे काजी अफ.ग़ान इसलाम या मुसलमानी धर्म मानते हैं। और काजीके नीचे कोतबाल काम चलाता है। माल- दुनियामें रूमके नीचे अफगानस्थान ही सबसे बड़ी गुजारी, चुङ्गी, डाकखाने और जङ्गो कामका महकमा मुसलमानी बादशाहत है। अफगानोंमें सुन्नी अधिक अलग-अलग रहेगा। रहमान और शीया कम मिलेंगे। किन्तु उनके बोच कानूनका कितना हो सुधार कर गये हैं। अमौरको भारतको तरह कोई झगड़ा नहीं पड़ता। फौजमें कोई पचास हजार सिपाही हों, जो काफरस्थानके काफिर हो मुसलमान नहीं होते। जगह जगह बंटे मिलेंगे। अमोर अबदुर रह- गाजी लोग अपना ही जातिको बढ़ती मनाते हैं। मान कहते थे,-"हेरातको रक्षाके लिये एक सप्ताहमें पढ़े-लिखे अफगान और अदालत-कचहरीको हम एक लाख सिपाही भेज सकते हैं।" उन्होंने भाषा ईरानी है। किन्तु पश्तोका ज़ोर बढ़ते सत्रह और सत्तरको अवस्थाके बीचवाले आठ मिलेगा। पश्तोका कोई इतिहास है, जिसमें लिखा, आदमियों में एक आदमौको ज.बरदस्ती युद्धको शिक्षा कि सन् १४१३-२४ ई. में यूसफ़ज़ाइयोंके राजा देनेका नियम निकाला था। फौजको तनखाह वक्त- शैख मालौने वातको जोता था। सन् पर नही मिलती। काबुलके अस्त्रागारमें रोज. बोस साहित्य १४८४ ई. में उन्होंको जातिके काज खां हजार कारतूस, पन्द्रह बन्दूक और दो तोप बनती गद्दीपर बैठे, जिनके शासनकालमें बुनेर और हैं। बलखके पास हेरात और देहदादौ दो किले पञ्जकोर जीता गया और उन्होंने उसका इतिहास खड़े हैं। भी लिखा। अफगान साहित्य कवितासे भरापूरा अफगानस्थानको आर्थिक दशा ठीक नहीं। सन् ई० के १७ वें शताब्दमें अबदुर-रहमान इसका कारण व्यापारको कमी होगी। मालगुजारी सुप्रसिद्ध कवि हुये थे। अफगान-साम्राज्य-संस्थापक का कोई ठिकाना नही; किन्तु डेढ़ करोड़ अहमदशाहने भो कविता ख ब बनायो। वीररसका रुपयेसे ज्यादा कभी नहीं मिलता। भारत- काव्य अधिक मिलेगा। सरकार अमौरको शान्ति रखनेके लिये अट्ठारह लाख अफगानस्थानमें प्राथमिक हौ शिक्षा दी जाती है। रुपये साल देती है। उच्च शिक्षाके लिये कालेज और स्कूल नहीं देख यहां धातु कम निकलेगा। लघमन और उसके पड़ते। किन्तु प्रत्येक गांवमें मुल्ला बच्चोंको लिखना पासवाले जिलों में कुछ सोना पैदा होता है। फरमुली पढ़ना सिखाया करते हैं। सिवा इसके जि.लेसे लोहा काबुल जाये, जहां उसका आधिक्य शिक्षा लड़कोंको कसरत करायें और घोड़ेपर मिलेगा। वमियन और हिन्दूकुशके दूसरे चढ़ना भी सिखायेंगे। मुल्ला और वैद्य उच्च शिक्षा भागों में भी कच्चा लोहा भरा पड़ा है। प्रदान करते, किन्तु दोनो कुछ भी नहीं समझते। तांबा कई जगह मिलता, किन्तु उसे कोई नहीं अमीर ही अफ.गानस्थानके एकमात्र स्वतन्त्र प्रभु निकालता। शीशा भी कई जगह मिलेगा। सुरमे हैं, जिन्हें पुरुषानुक्रमसे राज्य मिला करता है। यह और गन्धकको कोई कमी नहीं पाते। हजारे और पांच प्रदेशोंमें विभक्त है,-काबुल, तुर्क- | पोरकिसरीमें नौसादर होता है। खड़िया-मट्टी स्थान, हेरात, कन्धार और बदखशान् । कन्धारके मैदानमें ढेरको ढेर देखेंगे। जुरमत प्राय 1 धातु 1 शासन