पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६८७

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अफ़रोका टौले एवं पश्चिम और उत्तर घाटियां मिलती हैं। मिली है। अफरौकाको तीसरी नदी नैगरा इन दोनो बीचमें सहारका जङ्गल रेतसे भरा पड़ा है। नदियोंसे उलटे बहती है। बेजुइ दक्षिण-पूर्वसे आती -पूर्व और पश्चिम दोनो ओर समुद्रके किनारे है। दूसरी नदियां समुद्रतट नहीं पहुंचतों। अरेञ्ज, किनारे पहाड़ी टीले मिलते हैं। लोहितसागर-तटपर कुनेने, क्वचा, ओगोवे, और सनगा आदि दक्षिण ; उत्तरको और अबसौनियाका पहाड़ चल गया है। वोलटा, कोमोई, बन्दाभा, गम्बिया, सेनेगाल आदि पश्चिमके पहाड़ चौड़े तो हैं, किन्तु अंचे नहीं देख पश्चिमको नदी हैं। जम्बे जी भारतीय महासागर में पड़ते। गिनौको खाडीके सिरसे मध्य देशकी ओर गिरती है। शौरी नइमा झोलसे निकल इसमें आ कितने ही पहाड़ी जि.ले बसें हैं। कमरून आग्नेय मिली है। तौखे नदी भी जम्बे जौको पानी पहुंचाये, पर्वतकी चोटी १३३७० फीट ऊंची है। फरनन्दोपो किन्तु दलदलोंमें जाकर गुम हो जाती है। लिम्पोपो हीपमें क्लारन्स गिरिशृङ्ग ८००० फीट ऊंचा खड़ा अधिक दक्षिणको ओर बहती है। पूर्वमें रोजमा, पश्चिमको ओर फटा जल्लोन उच्चभूमि भी रुफौजी, ताना, जूबा और वेबी शेवेली देख पड़ती हैं। पाते हैं। रङ्गवे (नइसा), ड्रेकन्सबर्ग, सटिमा, कमरून अदनको खाडीके पास पहुंच अबसौनियाके पहाड़से एलगन, करिस्मिम्बी, मेरु, तघरत (अटलास), सिमेन, निकलनेवाली हवाश भी नमकको खाड़ोमें गुम होतो रुवेनजोरी, केनया और किलिमनजरो इस महादेशके है। अटलाण्टिक और भारतीय महासागरके बीच दूसरे पहाड़ हैं। ओमो बड़े वेगसे रुडल्फको झोलमें जा गिरती है। पूर्व और पश्चिम पार्वतीय प्रदेशके मध्यका स्थान अफ.रौकाको नदियां अपने मुखपर या कुछ दूर मरुभूमि है। यह पहाड़ो टोलोंसे कितने चलकर किसी खास रोक या झरनेसे सिकुड़ जातो प्राकृतिक ही भागों में बंटा है। इनमें कोङ्गो प्रान्त अवस्था हैं। उनका पानौ यदि बराबर आगे बढ़ता जाये, सबसे अच्छा लगता है। अटलाण्टिक तो नाव चलनेका ख़ासा सुभोता पड़ेगा। महासागरसे लोहितसागरतक ३५००००० वर्ग- मादागास्करको छोड़ अफ रोकाके सभी होप छोटे मौल विस्तृत सहारेका मरुस्थान है। ऐसा हैं। नवगीनी और बार्निवोके बाद मडागास्कर जगत्- सुविशाल मरुप्रदेश जगत्में अन्यत्र न निकलेगा। में सबसे बड़ा है। इसका रकबा २२८८२० वग मोल मोलें भी अफरीकाम बहुत पायी जाती हैं। यथा होगा। यह दक्षिण-पूर्व समुद्रतटसे कुछ दूर अवस्थित चाद, लिवोपोल्ड, रुडल्फ, नइसा, अलबर्ट नियञ्जा, है। २५० मौल फैलो मोजम्बकको खाड़ी दीपपुच्च टङ्गनयिका, गोमो, वेरू, अलबर्ट एडबर्ड, बङ्गेवेली, इसे अत्यन्त निकटवर्ती स्थानपर महादेशसे विक्टोरिया नियञ्जा, अबायी, कौबू, सना और जुदा करती है। मादागास्करसे पूर्व मारिशस और रियूनियनके छोटे द्वीप पड़ते हैं। गर्दै यो अन्तरोपसे समुद्रतटके पहाड़ोंसे छोटी-छोटी नदियां निकल पूर्व-उत्तर-पूर्व सोकोतरा होप है। कनारी और केप समुद्रमें जा गिरौ हैं। किन्तु बड़ी नदियां देशके वरडे होपपुञ्ज उत्तर-पश्चिम समुद्रतटसे कुछ मिलता, मध्यमें ही बहती है। महादेशका पानी उत्तर और जो आग्नेय-गिरिसे बना है। पश्चिमकी ओरसे ही बाहर निकलता है। अफरीकामें अधिकतर जलवायुका परिवर्तन नहीं नील या नाइल सबसे लम्बी और कोङ्गो पाते। कारण, यह महादेश ककैट और मकर क्रान्ति सबसे बड़ी नदी है। नाइलका पानी दलदल में जाने रेखा बीच और भूमध्यरेखाके बराबर उत्तर और दक्षिण पर तैरती हुयौ सब्जीसे रुक जाता है। यह सहारेको अवस्थित है। उत्तरके नीचे मैदानों और पारकर भूमध्य सागरमें जा गिरती है। कोङ्गो मरुस्थानोंमें समुद्र दूर पड़नेसे बड़ी गर्मी बङ्गवेलू झोलसे निकली और अटलाण्टिक-सागरसे जा होती है। दक्षिणको भोर समुद्र पास आने और पहाड़ 171 जैवशा। नद नदी जलवायु