पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/६९९

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- किया गया। ६६२ अफ़रोका कोनो-स्वतन्त्र राजाने उसे स्वीकार न किया। सन् राजाने वहां अधिकार जमाने अपनी फौज रवाना १८८७ ई० को २७वीं अप्रेलको जो सन्धि हुयी, उसके को। जब सौधे हाथों घी न निकला, तब काङ्गोके अनुसार उबङ्गी नदाका दक्षिणतट फान स और वामतट स्थानों और नाइलके बीचको राह बन्द कर दी गयी कोङ्गो-स्वतन्त्रराजाके अधीन रहा था। सन् १८८१ सन् १८०६ ई० को ८वी मईको लन्दनमें जा सन्धि ई. के फरवरी मास स्वतन्त्र-राजा ने कोई बड़ा हुयी थी, उसके अनुसार सन् १८८४ ई० का पट्टा रद अभियान नाइल देखने भालने को. भेजा। कुछ घोर होने पर सन् १८८२ ई. के सितम्बर मास सन् १८८५ ई० को १४वीं फरवरी और सन् १८८६ अभियान नाइल पहुंचा। ई० को जो सन्धि हुयी थी, उसके अनुसार पोर्तुगालने सन् १८८४ ई० को १२वीं मईको अंगरेजों और कबिन्देपर अधिकार पानेका दावा किया। सन् १८८५ बेलजियनोंके बीच 'एङ्गलो-कनोलोज़' सन्धि हुयी, ई के ही सन्धिपत्रसे नोकी तक दक्षिणीय काङ्गोतट जिसके अनुसार बेलजियमने सन १८८० ई० वाली पर भो पातुगालका स्वत्व माना गया था। पश्चिममें 'एङ्गलोज-मन' सन्धिके अंगरेजी राज्यको स्वीकार पोर्तुगाल काङ्गोसे कुनेने नदीके मुखतक राजा किया और अंगरेजोंने उपर नाइलको पश्चिम और करते रहा। सन् १८८१ ई०की २५वों मईको जो थोड़ोसी जमीनका पट्टा बेलजियनोंको लिख दिया। पातुंगाल और स्वतन्त्र-राजाके बीच सन्धि हुई थी, उसी समय कोशो-खतन्त्र-राजाने भी अंगरेजोंके नाम उसके अनुसार बह बड़ा प्रान्त दोनोने आपसमें बांट साढ़े पन्द्रह मौल भूमिका पट्टा लिखा था। किन्तु लिया। सन् १८८६ ई० में पातुंगाल अङ्गोले और सन् १८८० ई के जुलाई मास अंगरेजी और जर्मनों मोजबिकके बीच सारे प्रान्तपर अधिकार पाने को में सन्धि हुयी, उसके कारण अंगरेज अपने उत्तरीय उसे राजी कर सका था। सन् १८८७ ई०को १३ वीं और दक्षिणीय प्रान्तके बीच समाचारका आदान अगस्तको अंगरेजोंने इसके विरुद्ध एक चिट्ठी लिख प्रदान रख न सके। लिसबन भेजी। सन् १८८८ ई०को ११वों फरवरीको सन् १८८६ ई० में फान्सने नाइलको ओर एक मताबेले और मशोना देशके नृपतिने सन्धिकर अभियान भेजा, जिससे अंगरेज और फान्सीसी युद्धमें अपना सारा देश अंगरेजोको रक्षाके अधीन किया। कूद पड़े। सन् १८८७ ई. के अक्तोबर मास अभियान इसी बीच अंगरेज, मताबेले और मशाना देशको सू नदौके किनार जा पहुंचा। सन् १८८८ ई० को खानि आदिका पता लगाने को तैयार होने लगे। १०वी जुलाईको फान्सीसी अभियान फशोदे गया, सन् १८८८ ई०को २८ वीं अक्तोबरको बृटिश गवन- राहमें डाक वैटी थी। फशोदेमें फान्सोसो झण्डा उड़ा मेण्टने बटिश-दक्षिण-अफरोका-कम्पनाको अधिकार और देशीय नृपतिसे सन्धि हुयो। मिश्रके अंगरेज पत्र प्रदान किया। सन् १८८० ई०को ११ वीं यह खबर मिलते ही दौड़ पड़े और फशोदेमें अपना सितम्बरको अंगरेजी अभियानने पहुंच मताबलेको भी झण्डा जा चढ़ाया। इससे बड़ा उपद्रव मचा। मकूबुसी नदीपर अपना झण्डा जा उड़ाया। इसके किन्तु सन् १८८८ ई० को २१ वी मार्चको अंगरेजों बाद कितने ही दिनों अंगरेजों और पोर्तुगीजोंके और फारसौसियोंमें जो सन्धि हुयी, उसके अनुसार बीच झगड़ा चलते रहा था। फान्स नाइल उपत्यकासे हट गया। फिर पोर्तुगाल जम्बेजोसे उत्तर अपना अधिकार फ्रान्सके नाइल उपत्यकासे निकलते ही बेलजियम बढ़ाने लगा। सन् १८८८ ई० में जम्बे जौकी राह ने सन १८८४ ई. के 'एङ्गलो-कङ्गोलोज' सन्धिपत्रको अंगरेजो जहाज जाने न देने की जो चेष्टा हुयी थी, श्री धारापर बहरुलगज़ल पानेको अपना स्वत्व वह विफल गयी। बताया। अन्तको सन् १८०४ ई० में बेलजियमके सन् १८८८ ई० में अंगरेजोंको मालूम हुवा, कि