पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/७०७

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OOO अफ़रोका-अफरौदी अब युरोपीयोंने कई जगह रेल बना दी है। श्रेणीमें विभक्त हैं,-अफ़रीदी, शिनवारी और ओरक- अफ़रोकाके भीतर नदियोमें कई जगह जहाज़ जाई। शिनवारौ कुछ व्यवसाय-बाणिज्य चलाते, किन्तु भी डाले गये। गाड़ी चलने काबिल राह बहुत ओरकजाई असभ्य रहते हैं। वह निकटवर्ती स्थानमें कम देखियेगा। सन् १८७८ ई०में दस्-सलमसे लूट-मार मचायें; फिर भी, अफरोदियोंकी तरह भीतरको सड़क निकाली गयी थी। सन् १८८१ अपना समाजबन्धन विशृङ्खल न बनायेंगे। वह ई० में नियासा इदसे टङ्गनयिकाके दक्षिण सिरेतक कितना ही नियमके वशीभूत हो काम करते हैं। दूसरी पक्की सड़क बनो। सन् १८८७ ई०के समय अफ.रौदी फिर आठ भागमें विभक्त हैं,-कूकी- वृटिश-पूर्व-अफ़रोकामें मोम्बासेसे विकोरिया-नियजा खेल, मलिक्दीनखेल, कम्बरखेल, कमरखेल, ज.का- तक राह खुली। जर्मन-ईष्ट-अफ़रोका, कमरून खेल, सिपह, आकाखेल और अदमखेल। यह खबर और मदागास्कर में भी अच्छी राहें तैयार हुयी हैं। घाटीके पूर्व और पेशाबरके पास रहें और गर्मीके पहले मिश्र, अलजीरिया, केप-कोलनी और नेटालमें दिनों तौरह पहुंचेंगे। किन्तु अदमखेल कोहाट- ही रेल चली थी, यब कितनी ही जगह इसका ज़ोर घाटीको चारो ओर बसते और अपनी जगह छोड़ बढ़ गया। किन्तु तारका काम रेलसे पुराना है। कहीं नहीं आते-जाते। अफ.रोदियोंमें एक सर्दार सन ई० के १८वें शताब्द मध्य अलजौरिया, मिश्र और रहता है। राजकार्यके सम्बन्धमें सकल ही प्रजा केय कोलनीमें हजारो मौल तार लग गया था। अब अपना-अपना मत बतायेगी। सिवा इसके इनमें दूसरी जगह भी तार देख पड़ेगा। अफरीकाके विवाद बढ़नेसे सर्दार उसे निबटा नहीं सकते। बन्दरगाहोंसे पानीके भीतर होपोंतक तार लगा है। अफरीदी अच्छा, लम्बा आर मोटा-ताजा होता ग्रेट-टेन, जर्मनी, फ्रान्स और दूसरे देशोंके जहाज. है। उसका चेहरा लम्बा-पतला, नाक ऊंची और युरोपसे अफरीका आते-जाते हैं। राहमें तीन सप्ताह रङ्ग साफ रहेगा। अपने पहाड़ोंपर वह खू ब लड़ता से अधिक समय नहीं लगता। भिड़ता और भारतीय सेनामें भरती हो खासा सिपाही आजकल युरोपमें महासमर उपस्थित होनेसे बनता ; किन्तु अपना देश छोड़ने पर बीमार पड़ अफरीकाको राजनीतिक दशा अनिश्चित है। यूनियन् जाता है। वह अतीव भीषण, छली और प्रपञ्ची गवर्नमेण्टने लड़भिड़ जर्मनीसे उस दिन होगा। उसे किसीपर विश्वास नहीं आता। वर्तमान दक्षिण-पश्चिम-अफरीका छौन लिया। भारतके उत्तर-पश्चिम-सीमान्त-प्रदेशपर कितनी जर्मन पूर्व-अफ़रोकामें भी अंगरेजी और हो दूरतक अफरोदियोका अधिकार विस्तीर्ण है। फान्सीसौ फ़ौज आक्रमण कर रही है। पेशावर और कोहाट-मध्यवर्ती अफरीदियोंके पर्वत. कह सकते, भविष्यत्में अफरीकाका कौन भाग किस पर दो घाटौ हैं। उनमें एक कोहाट और दूसरौ युरोपीय शक्ति के अधीन रहेगा। जेवोयाको घाटो कहायगी। अंगरेजी अधिकारको अफरौदी-उत्तर-पश्चिम-सीमान्त प्रदेशके पेशावर ओर इनके राज्यको सीमा कोई चालीस कोस लम्बी किनारे रहनेवाली कोई पठान जाति। अफरीदी पड़ती है। इनके अधिकारस्थ पर्वत अतिशय उच्च उद्दण्ड होते और स्वतन्त्र रूपसे रहते हैं। सफेद और दुरारोह निकलेंगे। तोप आदि ला कर यहां कोहका निम्न और पूर्व भाग इनका मुख्य देश है। युद्ध मचाना मनुष्यका साध्य नहीं ठहरता। अफरीदी इनकी उत्पत्तिका कोई पता नहीं मिलता, किन्तु लोग जाति अतिशय उग्र एवं असमसाहसी होती है। यह इन्हें इस्रायलके वंशज बतायेंगे। वास्तविक इनका मध्य-मध्य व्यवसायियों और अंगरेजी अधिकारों पर रूप सेमितिकसे टक्कर लेता है। सम्भवतः हिरोदीतस्ने बड़ा उपद्रव किया करते हैं। इन्हें 'अपरितई' ( Aparytai) लिखा था। यह तीन खेबर घाटीके अफरीदी कितने ही वाध्य होंगे। । अवस्था अब नहीं -