पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 1.djvu/७२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

७१८ अबोर-अब्द मकानमें आग लगेगी। अनेकको विश्वास है, कि चुली ७-तत् । १पद्म, कमल। २ दशार्बुद अर्थात् एक- काटा मिशमि सुविधा लगनेसे इनके सन्तानादि चुरा ले शत कोटि संख्या। हिन्दी में इसे अरब कहते हैं। जाते हैं। किन्तु अबोर इस बातको न मानेंगे। यह (पु०-क्लो०) ३ शङ्ख। (पु.) चन्द्र, चांद। कहते,-पेड़पर भूत रहते ; वही भूत लड़केको देखते ५ धन्वन्तरि। ६ निचुल वृक्ष, ईजड़। कर्पूर, ही छिपा रखते हैं। इसलिये किसीका लड़का खो काफ। ८ विशालके कोई पुत्र। (वि.) जल- जानेपर सकल मिलकर वनके पेड़ काटेंगे। पल्लोके जात, पानीसे पैदा हुवा। १० जलचर मत्स्यादिरूप किसी मनुष्यपर विपद् पड़नेसे एहस्थ उसी समय जात । जाकर मोरङ्ग-भवनमें संवाद सुनाते हैं। संवाद पाते "नृषड्दरमदृतसव्योमसदव जा" ( शुक्लयजुर्वेद १०२४) हो सकल उसका प्रतिकार पहुंचानेको दौड़ पड़ेंगे। 'अना: अप्सु उदकेषु जायते मत्सादिरूपेणेत्यनाः' (महौधरभाष्य ) अबोरों में यही गुण रहनेसे कोई दरिद्र और अनाथ अनकर्णिका (सं० स्त्री० ) अन्नस्य कर्णिका, ६-तत् । निराश्रय नहीं,-सकल ही सुख-खच्छन्दसे समय पद्मके भीतरको संवर्तिका, कमलका छाता। बिताते हैं। इस जातिका चित्र और परिच्छद नागा शब्दमें देखो। अञ्जज (सं० पु०) अनात् विष्णुनाभिपद्मात् जायते अबोर गोमांस भिन्न प्रायः दूसरे सकल द्रव्य खायेंगे। अन-जन-ड। ब्रह्मा। गोमांस खानेवालोंसे यह वृणा रखते हैं। इनकी अनबान्धव (सपु०) सूर्य । प्रधान पल्लीका नाम मेम्ब है। इस पल्लौकी चारो अनभोग (सं० पु. ) पद्मकन्द । ओर बांस, कटहर और रबरके वृक्ष लगे हैं। पहले अजयोनि (स.) ब्रह्मा। यह आसाम पहुंचकर अतिशय उपद्रव उठाते थे। अनवाहन (सं० पु०) शिव । (विकाण्डशेष) उसके बाद इन्हें सुकार्यमें प्रवृत्त रखनेके लिये सन् अञस् (स'• क्लो.) आपः असन् जुट् इखश्च । १८६२ ई०से भारत-गवर्नमेण्ट कुछ कुछ कपड़ा,कुदाल (उण २।४६८) रूप। और दूसरी चीजें देने लगौ। सन् १८८० ई॰में दिवं अजहस्त ( स० पु०) सूर्य । (हेमचन्द्र) नदके पश्चिम-किनारेसे इन्होंने पूर्व-किनारे चले अनित् (वै० त्रि०) जलजेता, जलके जितनेवाला । नानका सङ्कल्प किया। उससे मिशमियों के साथ "अश्वजिते गोजिते अजिते भरेन्द्राय” (ऋक्स हिता २।२१।१) 'पलिते हवे याक्रान्तानामपां जैवे' ( सायण) विरोध बढ़ सकता था। सन् १८८३-८४ ई में पहला अबोर-अभियान चढ़ा। अबोरोंने कुछ जङ्गी पुलिसके | अजिनो (सं० स्त्री०) अजानां समूहः अब्ज- सिपाहियोंको अंगरेजी राज्यमें ही मार डाला था। पुष्करादित्वात् इनि स्त्रियां ङोप् । पद्मलता। कोई ६०० योडावोंने जा अबोर-देश जीता और कितने अजिनीपति (स'• पु०) अजिन्याः पतिः ; ६-तत्। सूर्य । ही ग्राम विनष्ट किये। कुछ दिन बाद दूसरा अभि. (हेमचन्द्र) यान भी गश्तके दो सिपाही धोकेसे मारे जानेपर, अब्द (स• पु०) आपो ददाति दा-क ६-तत् । अब्दादयश्च । भेजा गया था। अंगरेजी फौज इन्हें उचित दण्ड उण ४।६८। १ मेघ, बादल। अवति सीमानं रक्षति दे भारत वापस आयो। सन् १८८४ से १९०० ई. अब-दन् । २ वर्षपर्वतविशेष। ३ मुस्तक, मोथा। तक इनके प्रतिकूल नाकेबन्दी रही थी। ४ संवत्सर। अबोल (हिं० वि०) १ न बोलनेवाला, मौन, खमोश, 'अब्दः संवत्सर मधे गिरिभेद च मुस्तके ।' (विश्वप्रकाश) चुपका। २ बोला न जानेवाला, जिसके बारेमें कुछ पृथ्वीके सभी सभ्य देशोंमें एक-एक अब्द चलता है। कहा न जाये। (पु.) ३ बुरी बात, खराब बोलो। समयकी सौमा निश्चित करनेके लिये अब्दको आवश्य- अबोला, अबोल देखो। कता है। चीना लोग अपनेको अति प्राचीन जाति अन्न (सं० ली.) अप्सु जले जायते ; अप्-जन-ड, बताते हैं, इसलिये उनके इतिहासमें जो कोई घटना