पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/१०१

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. करिहस्ताचार-करौर सन्धम, ६ तत्। २ गलका स्कन्ध, हाथोका कन्धा । इन्हें छोड़ दिया। छूटनेपर यह अधिक प्रबस पड़े (वि.) करि स्कन्धमिव स्कन्धं यस्य । ३ करिकी भांति देशके लोग करीमका नाम सुनते से कांपने स्कन्धविशिष्ट, हाथोकी तरह कन्धा रखनेवाला। लगते अनेक कष्टसे यह फिर इन्दौर, पकड़े गये। करिहस्ताचार (सं० पु०) नृत्यभेद, किसी किस्मका कुछ दिन पोछे छूटनेपर. इन्होंने अंगरेजों के विका माच। यह एक देशी भूमिचार है। इसमें इंस पस्त्र उठाये थे। १८१८ ई०को करनेच पादमने स्थानक बना उभय पद तिर्यक् रखते और भूमियर इनके विपक्ष सैन्य भेजा। इन्होंने उस समय यशो- मदन करते हैं। वन्त रायका प्राश्रय लेना. चाहा था। किन्तु करिहां (हिं. स्त्री०) करिव देखो। १५ वौं फरवरीको इन्हें वाध्य हो मानकोमके निकट करिहांव (हि.पु.) कटि, कमर। २ कोल्हका वश्यता मानना पड़ी। करीमखानको जीविका निर्वा- मध्य भाग। यह गड़ारीदार होता है। इसमें कनेठा हसे चिये गोरक्षपुर जिले में बुरहियापार मिला या। पौर भुजेला चक्कर खाया करता है। इनके सन्तान १८५७ ई के विद्रोह पर्यन्त तक खामका करिहारी (हिं. स्त्रो०) कलियारी, करियारी। पाय उपभोग करते रहे। करी (सं• पु०) करः शुण्डः अस्ति अस्य, कर-इनि। २ ईरानी जन्दं नातिके एक सरदार। इन्होंने १स्ती, हाथो। २ प्रष्ट संख्या, पाठको पदद। जन्दी और माफियोंको फौज जुटा पारस्थसे अफगा- करी (हिं. स्त्री०) १ कड़ी, धरन, काठका सम्बा नों को भगाया था। १७५८ से १००८ तक करीम पौर पतला शहतीर । यह छत पाटने में लगती है। खान्ने ईरानमें निष्कण्टक राज्य किया। १७७० को . २ कलिका, कली। ३ छन्दोविशेष, चौपया। इसमें रौ मार्चको ८० वत्संरके वंयसपर यह मर गये। १५ मावा.लगती हैं। करीमभाट (हिं. पु.) वन्यपविशेष, एक जाती करीति (सं० पु.) महाभारतोल जनपदविशेष, धास। यह पशुका खाद है। एक बसती। (भारत, भीम) करीर (सं० पु-क्की.) किरति विक्षिपति पाव- करीना (हिं. पु.) १ छेनी, टांको। इससे पत्थर रणान्, कृ-ईरन् । कृपृष्टिपटिशौटिन्य ईरन्। ए ॥२०॥ गढ़ा जाता है। २ मसाला, केराना। १ वंशाङ्गुर, बांसका कसा। यह कटु, तिल, अर, करीना (प. पु.).१ नियम, तरीका। २ प्रथा, कपाय, लघु, शीतल, रुचिकर और पित्त, रस, दार चात। ३ क्रम, सिलसित्ता। ४ व्यवहार, कायदा। तथा वच्छन्न होता है। इसका पर्व निगुर है। ५ नैचेका एक हिस्सा। यह वस्त्रसे पाच्छादित (राजनिघण्ट) २. घट, घड़ा। ३ अरमान, कोई रहता है। करोना फरशीके मुइपर जमकर बैठता है। अंखुवा। करीन्द्र (सं..पु.) करिणां इन्द्रः, ६-तत्। १ करि "हिमांश-भव करोरमेन मां निशम्य विनामि फले यहा।" (नध) श्रेष्ठ, बढ़िया हाथी। २ ऐरावत, इन्द्रका हाथी। ४. मरुभूमिजात उष्ट्रप्रिय कण्टकच विशेष, करीव (अ० क्रि० वि० ) १ निकट, नजदीक, पास । करील, कचडा। इसे हिन्दुस्थान तथा बढाउमें २प्रायः, लगभग। ऊंटकटारा, अरव एवं बम्बईमें कवर, सौरिया कवार, करीम (५० पु.) १ ईश्वर। (वि.) २ करुणा सुरुष्कमें कवरिश, और पारस्वमें कवर या फरक मय, मेहरवान्। कहते हैं। ( Capparis aphylla ) संखत पर्याय- करीमखान्-१ एक पठान दलपति। यह १०. पष्टा कुकर, अन्थिल, क्रकच, निष्पत्रिका, परिर, गूदपत्र, दश शताब्दके शेषभाग चौतूसे मिल ग्वालिवरका करक और तीक्ष्णकण्टक है। यह प. भारतवर्ष में राज्य लूटने लगे। . अन्तको सेंधियाने, इ. पकड़ सचराचर उत्पन्न होता है। पर अवहार पाया लिया था। किन्तु उन्होंने बहुतसा रूपया करता है। यह कटु, तिल, खेदजनक, उर और . ।