पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/५१

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कामकान। माल और कमानिया-कमौला कमानिया (हिं. पु०) धानुष्क, कमानदार। रत, भामदनी। २ लाभ, फायदा। ३ उद्यम, कमानी (फा. स्त्री.) १ स्थिति-स्थापकत्व-विशिष्ट पदार्थ, कोयो लचीली चीज। जैसे-तीक्ष्णायस कमाल (प. पु.) १ सिद्धि, तकमील,. पूरापन । दण्ड पात्र वा व्यावर्तन, भारतीय घर्षक पिण्ड, संहत २ पाचर्य, तान्न ब, अचम्भा । ३ कौशल, होशियारी। समौरणका समवाय। यह ट्रय नाना प्रकार यन्त्र ४ नेपुण्य, कारीगरी। ५ कबीरके पुत्र। यह भी विषयक कार्यमें लगता है। कमानौसे बल पाते या एक पहुंचे साधु थे। कबीरको वात काट डालना पहुंचाते, गतिको नियमपर लाते, गुरुख वा अन्य इनका लक्ष्य रहा। (वि०) ६ सिद्ध, पूरा । ७ अत्यन्त, ‘शक्ति नपाते और सट लगाते हैं। यन्त्र सामग्रीमें बहुत ज्यादा। इसके जो प्रधान भेद चलवे, उन्हें नीचे लिखते हैं- कमावू (हिं० वि० ) उपार्जन करनेवाला, जो पैदा १ सनिष्ट (पेचदार), २ व्यावर्तित (लचीली या करता हो। बालकमानी), ३ विलोन (मरगोल ), ४ अण्डाकार कमासुत (हिं. वि०) धनोपार्जन करनेवाला, जो (बैलाबी), ५ अर्धाण्डाकृति (निस्फ.बैजाबी), ६ प्रधान रुपया कमाता हो। (बड़ी), ७ साटोप (ऐंठदार)। यह लोह वा कमिता (सं० पु०) कम-णिङ्-भावे च । कामुक, पित्तलसे बनती है। भारतीय घर्ष क (रवरको) तथा मस्त, चाहनेवाला। वायव (हवायो) कमानी प्रर्धाण्डाकार रहती और कमिश्नर (अं० पु० = Commissioner ) १ नियोगी, चलनपोल (चलते ) द्रव्यपर लगती है। यह घड़ी मुख तारकार। २ अधिकारो, अमीन । या पता चलाती, झटका बचाती, तौल ठहराती पौर पुलिसके बड़े अफसरको भी कमिश्नर कहते हैं। "धक्का लगाती है। दवानसे दव नाते भी कमानी कमी (फा० स्त्रो०) १ न्य नता, कोताहो, घाटा। अपने पाप जपर उठ पाती है। २ पप्राप्ति, कमयाबी, सङ्गी। ३ हानि, नुकमान् । २ वक्र एवं नमनशील लौहशलाका, लोहेको झुको ४ हास, तकलील, उतार। ५अपचय, गवन, धाव. यो लचकदार तोली। यह छाते और चश्मे वगै. घप। ६ उपशम, तख़फोफ, नरमी। रहमें लगती है। ३ मेखलाविशेष, एक पेटी। यह कमीज (हिं. स्त्री०) पुतक, अधोवसन, पहननेका चर्ममय होती है। इस कमानीके भीतर सौहमय एक कपड़ा। यह एक प्रकारका कुर्ता है। इसमें एवं नमनशील पट्ट रहता है। फिर उभय प्रान्तपर कली और चौबगला नहीं लगाते। पीठ पर सुबट उपाधान लगा देते हैं। जिस रोगीका अन्न उतरता, पड़ती है। फिर हाथमें कफ और गले में कालर भी वह कटिमें कमानी कसता है। इससे अन्न उतरने रहता है। भारतीयोंने अंगरेजोंसे कमीज पहनना नहीं पाता। ४ धनुषाकार काठविशेष, भुं की हुयी सीखा है। परवीमें इसे कमोस कहते हैं। कोई लकड़ी। इसके दोनों प्रान्त रज, चोइसूत्र वा कमीन गाह (अ० स्त्री०) निभृत स्थान, धातकी जगह। कुन्सलसे बंधे रहते हैं। ५ वंशवण्डविशेष,बांसकी एक कमीना (फा०वि०) अधम, जघन्य,, कम-मस्त्र, 'फो। यह सूक्ष्म रहती और दरी बुननेके यन्त्रमें लगती रनील, पानी, ओछा। है।६ लोहनाड़ीके तालकका विशीर्ण स्थितिस्थापकल कमीनापन (हिं० पु. ) जघन्यता, कम-पत्री, विशिष्ट पदार्थ, बन्दूकके तालेको सूखी कमानी। पोछापन। कमानीदार ... फा० वि० ) स्थितिस्थापकत्वविशिष्ट कमौनी बाछ (हिं. स्त्री०) करविशेष, किसोकिलाको पदार्थयुक्त, जो कमानी रखता हो। उगाहो। यह कर गांवमें खेतीन करनेवाले नोन कमायन (हिं. बी.) कमानचा, सारङ्गीका गल। लोग जमीन्दारको देते हैं। कमायो (हिं. स्त्री.) । उपार्जित, सभ्याध, उज- कमीता, कबीखा देखो।