पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष भाग 4.djvu/५७९

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५८. कालान्तर-कालापहाड़ होनेसे औषधको उतार पीस लेते हैं। पञ्च गुना कालापक (सं० क्ली) कान्नापस्य कलापिना प्रोतास्य परिमित कालान्तकरस खानेसे राजयक्ष्मा विनष्ट हो शाखाभेदस्य धर्म आम्नायो वा, ६-तत् । १ कनापि- जाती है। अनुपान मृगावत् है। (रसरवाकर) शाखानुसागे एक शास्त्र । २ कलाप-व्याकर पवेत्ता । कालान्तर (सं० लो०) अन्यः कालः (मय नि० सं०)। "पालापकालापक-दुर्गसिंह" (विन्मोदतरद्विषी) १ अन्य समय, दूसग वक्ता । २ उत्यत्तिका परवर्ती | कालापहाड़ (हिं० पु०) अत्यन्त भयानक वस्तु, निहा- काल, पैदायशके पीछेका वना । (त्रि.)३ समयान्तर यत डरावनी चीज । स्थायी, दूसरे वश में पड़नेवाला । कानापहाड़-१ जौनपुरवाले नवाब बहलोल लोदीके कानान्तरक्षम (सं० वि०) कालान्तरको वहन कर भागिनेय और उनके पुत्र बारबक शाहके सेनापति । सकनेवाला, जो देरका वक्त बरदाश्त कर सकता हो। वह एक विख्यात वीर थे। कहते हैं किसी समय बारवक कालान्तरमाणहरसम्म (सं० लो० ) म स्थानविशेष, शाहने दिल्ली के सुलतान सिकन्दर लोदीके विपक्ष निस्पकी एक नाजुक जगह । जहां प्राघात लगनेसे युध्यात्रा की थी। युद्द घोरतर हुवा। घटनाक्रमसे पक्षान्त वा मासान्तमें प्राण निकलते, उसे कालान्तर उस युद्ध में कालापहाड़ कैद किये और दिलीको प्राणहरमर्म कहते हैं। वह तीस होते हैं । यथा भेजे गये। सिकन्दरने देखा कि कालापहाड़ स्नान- आठ वक्षमें (दो स्तनमूलमें, दो स्तनरोहितमें, दो मुख पदवजसे उनके सम्मुख जा रहे थे। उन्होंने प्रपतापमें और दो अपस्तम्बमें ), पांच सोमन्तमें, चार अविलम्ब अश्वसे उतर कालापहाड़को पालिङ्गन तलहृदयमें, चार क्षिप्रमें, चार इन्द्रवस्तिमें, दो कटि किया और कहा,-'पाप हमारे पिटतुल्य हैं, हमें तरुण में, दो पाखं में, दो वृहतीमें और दो नितम्बमें । भी पुर्वतुल्य समझते रहिये । कालापहाड़ इस असम्भा- (सुश्रुत) वित समादरको देख विस्मित हुये। उन्होंने सुलतानमे कालान्तरविष (सं० पु.) कालान्तर दशनात् पन्य- कहा, कि वह सुलतानके लिये जीवन पर्यन्त उत्सर्ग: मिन् काले विष यस्य, बहुव्री० । १ मूषिकादि जन्तु, करनेको प्रस्तुत थे। फिर वह पहले जिनकी पोरसे चूहा वगैरह । २ लूतादि, मकड़ी वगैरह, जिन लड़ने चले थे, उनके ही विरुद्ध हो गये। अन्तुवाका विष पहले दष्ट स्थान पर मालम न पड़ते शाहक सिपाही कालपहाड़को पाते देख भाग खड़े हुये। भी पीछे देखा जाता, उन्दीका नाय कालान्तरविष 'तारीख-जहान-लोदी' नामक फारसी इतिहासमें पाता है। लिखा है कि ४८ हिजरीको (१४८३ ई. ) सिक- कालान्तरात्त (सं० वि०) कालान्तर दीर्घसमयान्तर न्दरशाहने बारवकशाहको पकड़नेको लिये काना- पाहत्तपराहतम्, ७-तत् । बहुकाल मत्याहत्त, वक्तसे पहाड़को अवधके भभिमुख भेजा था छिपाया गया। "तारीख शेरशाही' नामक मुसलमान इतिहास कालान्तराति ( स्त्री.) कालान्तरे पाहत्तिः के मतानुसार कालापहाड़को सुलतान बहलोलने प्रत्यावर्तनम्, -तत् । समयान्तरमें प्रत्यावर्तन, दूसरे वाकी वापसी। अवध सरकार और दूसरे भी कई परगने जागीर दिये थे। मरनेके समय वह ३०० मन पक्का सोना. कालाप (सं• पु०) काल: मृत्युः पाप्यते यस्मात्, कालं- पाप-धन । १ सर्प-फण, सांपका फन । २ राशस और विस्तर असङ्गार सम्पत्ति छोड़ गये। उनकी एक.. कखातबामक.व्याकरणं वेत्ति अधोते वा, कला मात्र कन्या फातिमा उत्तराधिकारियो हुयी। 'अण् । ३ कलापव्याकरणवेत्ता । ४ कतापव्याकरण सुमतान इब्राहिमलोदीके राजत्वको शेषावस्खामें,

प्रध्ययनकारी:।.५ एक ऋषि, उनका माम पराया।

वह मर गये । युक्त प्रदेशमें कालापहड़का नाम पर शाक्यमुनिके अध्यापकं रहे।. विख्यात है। वह बड़े हिन्दृविहेपी औरदेवमू- "रोजकोऽपालापः बट एकता" (भारत सस): पूर्णकारी थे। बारवक i 1 !