पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/१२४

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सकवानकीर मक्षा० १३ ४२ उ० उ० हया देशा०७५३८३० मद। जलका कोइ मच्छा प्रवध नहीं है। अधिकाश नदियों में नदी किनारे तरिकेरी रेलवे स्टेशनमे १२ मीलको दूरी वर्षा सिवा और रिसी समय जल नहीं रहता। जहा पर अवस्थित है। मनसाया हजारसे ऊपर है। राजा बालू कम है यहा अधिवासी पक्र हो कर रहते हैं। यही पत्रमुक रायका सुप्राचीन राजधानी रलपुरो इमफे एक एक गाव कहलाता है। वर्षाका पानी जमा रखने के पाम ही यस्थित है। घेदेपली मगरमें पिवार-सदर } लिये प्रामवासा वडे व गड्ढे खोद रखते हैं। पीछे प्रतिष्ठित वर्षाके बाद उसो पानीको खेत आदि पटानेके काममें या (20पु0) पक वातरोग । इसमें प्राय चेहरा राते हैं। कई मामों के बीच पर तालाय रहता है, कि तु रेता हो जाता है। यह चेहरेके सिया और और अगोंमें , पला मिट्टी रहनेफे कारण यह स्थायी नहीं होता। उस भी होता है और निस अ गर्म होता है उमे विल्कुल समय अधिशासी एमाल गम्भोला दीसे हाथमा १०से येकाम पर दता है। इस रोगमें शरीरके शानतन्तुओं में एक १५ माल तक दूरबत्ती पर्वत मध्यरियत जरमात पा प्रकारका विकार आ जाता है। जिससे कोई कोह मग पुस्करिणीसे कर लाते हैं। गदहे या पैरको पीठ पर दिला दोलने या अपना ठीक ठीक काम करने के योग्य | जरा मशक लाद स्त्रिया हो जल लाती है। कभी कमी नहीं रह जाता। इसे फानिस भी कहते है। ये स्वय ही दो पर लाती हैं। कमी ( स्त्री). यादि तोडनेकी लग्गी।। २ उक्त जिले का पर नगर मार मार्च पालकि तहसील इसके ऊारा सिरे पर लोहका चद्राकार फल या प का विचारसदर। यह गक्षा०२३३८ उ० तथा देशा०७० तिरछा छोरोल्पोवधी रहता है। इसी लग्गोको । ५६ पूछफे मध्य अवस्थित है। इस नगरके दूसरे किनारे हाथमे ले कर ऊपरो सिरे वधी र छोरी रक्सी या पूतन इशानपुर नामक नगर था। १८४४० सिख फ्टको सहायतासेकचे पृक्षाफे फल प्रादि तोडते हैं। गयर्मेएटके रानम्य समाय फते पा विवानाने यक्ष दुर्ग एमाटी (हि. खो०) एक प्रकारको दिल्ली जिसके स्थापन कर एक नगर वसाया। गम्भीला नदीकी प्रबल मरों पदकोशीमसे एक प्रकारका मुश्क मिलता है। बाढसे नगर दूय जाने तथा पुरम गम्मीठा सङ्गमस्थ स्कार ( स० पु० ) र म्वरूपे कारः । स्वरूप पण, साडीसे उत्पन्न मच्छफि उपद्रयसे गजकर्मचारी उस लकार यदी अक्षर राजधानीको उठा कर दुसरे मिारे घलुइ भूमि पर ले "अनुमा विमानी पटना कामो मुशनसम्पना गपे। यहा पहले मोनारोल, सोयेदायलेट और सैयद पथकारी भार्या पुरुष पुपयोदया भव ।" (उदर) खेल नामक तीन ग्राम थे। शानपुरफे अधिपासी भी लदि- पचायप्रदेश बनू निलेकी एक तहसील। पीछे यहा मा पर वस गपे । इस प्रकार कई ग्रामौके भूपरिमाण १२६६ घर्गमौर है। यह मक्षा० ३२ १६ अधिवासियोंके एक्त्र हो जानेसे यह एक समृद्धिशालो से २ ० तथा 1080२५१५ से नगर पा गया । १८७४ हमें यदा म्युनिसपलिटी ० मध्य अपमियत है। दुराम और होचो स्थापित हुई है। तमीसे नगर बहुत साप मुधरा है। विधीत उपत्यकाका दक्षिण मात ले पर यह सहसोल, यहाएक मस्पताल और एक यापपुरर स्कूल है। सडित है । यदा मारणात नागय एक नातिका वाम है। -सिधुप्रदेश कराची जिला तर्गत गिरिश्रेणी! उन लोगोंगे प्रधानता के कारण पाश्चयती म्यानधारी हमे मायत विभागते । विन्तु सकिनगरमें राज लकि-पदामिहेसामे शिकारपुर जिलेशाप नगर । कोप मदर प्रतिक्षित रहनेसे सकारा पिशरण इसका शनिदे। माम रहा। रकीर (दि.बा.) १परम आदि द्वारा भषा और पद स्थान पर है इस बारप फमा मच्छी नहीं किसी प्रकार पनी हो यद मीधी माधनि पो बहुत हा Pाती। गम्मीठा मादि पदादी नदियों के सिवा यहा ता एक हो सीयमें चलो गा हो, रेपा । २ धारा। lol, ur, 31