पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/१५६

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लखा-लगना रखेरा-लाखसे चूडी और खिलौना बनानेवाली एक , रगड (स० वि०) चार। जाति । सम्मपत साक्षाकार शब्दवे अपम्र से लगढग (हि. फि० वि० ) नगमग देखो। लपेग र दना है। इस ज्ञानिकी उत्पत्ति सम्बध लगण (म0पु.) एक प्रारका रोग इसमें एक पर बहुत मी चिदतियां प्रचलित है। इस जाति रोग एष छोटी चिरनो, पडी गांठ हो जाती है। इस गाटमें अपनेको पटयाम नातिको एक शापा तथा उनके समान न तो पीडा होती है और न यह पक्ती है। कायस्थ नातिमे उत्पन मानने हैं। एक और उपाण्यान लगत (१० पु०) घेदान्त योतिफे प्रणेता एक ज्योतिपी से पता चला है, शिपार्वती विवाहकालमें देवादिदेव का TTA | इनका दूसरा नाम लगध भी था। महादेवने हिमालयको कन्या हायकी चूडी बनाने लगदी । दिली. ) वह विडीना जिले बच्चेवाला खिय लिये पार्घताके परफा मैट ले रहम नानिको सृष्टि बञ्चो के नाचे इसलिए बिछा कर 3 अपने पाम की। उसमें यह भी लिखा है कि ये पते यदरशी सुलाती है, कि जिसम उनके मलमासे और विछौ राजपूत थे। पाण्योंका पिनाश करने के लिये पुरुराजने खराब न होने पाचे, पथरा पोतड़ा। जो जतुगृह बनाया था उसमें दुर्योधनकोत गोंने लगन (दि ० स्त्री० ) १ लगनेकी क्रिया या भार, गान मदद पहुना थी। इस कारण ये लोग पोछे निदिन २ किमी थोर ध्यान लगानेको क्रिया, प्रवृत्तिका किसी और समानत हुए। नोम पे उमा गएको तिजा | ए मोर लगना, लौ । ३प्रेम मुख्यत। (पु.) रत करमपनो जीधिराचाते है। दिन जिनमें विवाह आदि होते हैं, सहालग। निगाह - इनमें विधवा विवाह प्रचलित है। इस रोमे ये लिये स्थिर पिया हुआ कोई शुभ मुहत्त, ज्याका मुहर वियाह यधन मा तोड सकते हैं। सभी राव पोते और या साइत । ६ खग्न देपो। मास खाते हैं। विहारमै पे रोग लदेरा पहलात हैं। लगन (फा० पु.) १ कोइ रही थाला निममें चार रनोट (हि.पु.) युट देखा। गृधते या मिठाइ आदि रखते हैं।२ तारे पोतर यादि लमीटा (हि.पु.)१च्दन पेसर आनिमे बना हुभा। सीएकबारकी थानिममें रम पर मोमवत्ता जा अगराग। २५६ प्रकारका छाटा डिम्बा ।यद प्राय जाती है। मुसलमानो म पिपराहकी एक रीति इस पीतल का बना है मी। इसमें खिया प्राय मिग्दूर आदि में विवाहसे पहले धालियाम मिठाइयो भादि भर मामाग्यको सामनी रयत है। इसा ढक्ने प्राय । उरके रिये भेजा जाती हैं। शीना मोगा होता है। रिपारट। लगनपती (EिO सी०) हि समय निर्णयको विटी जोरी (दि. खा० ) १ भारतकी या प्रकारफी छोटा फ्याका पिता परफे शिताको भेनता है। पतली इट। इस रही माय पुराने मकान्गेमें ही लगना (दि ० कि०) दो पदाधा तर मापस मिलन पाइ जाती है। अब इसका ध्यपहार पम होता ना रहा। ए चोनकी मतह पर दृमरी चीनको सतहका होन है। इसे नातेरहोइट भी रहते हैं। एक प्रकार सरना । ए राजका दुमरी चीन पर मीया जड मारा घर को यह मिट्टाय यगेक योनो में बनाती है। दो या पिकाया पाना । ३ मम्मिरित होना, जमिa मृगीका यर । ३ किमी दानाको उमः प्रियालकी पर होना । ४ पिसी पदार्थ दुसरे यार्थी मनोन गनपत्तिया या फल आदिवाना। मिरना। ५ उत्पा द्वाना मना, उगना। शिस लगन (हि.mo)रगी या नी मग करनेकी मिया पदार्थ के तल पर पदना । ७ भावात पढना, चोट पहु या माय ।२रगन होनेकी प्रिया या भार। चाना। ८ स्थापित होना, रायम होना। समय य रग (दिनि यि०) १दी ममाप । २ पपन्त, म || रिमं पुष हाना। १० छोर या मात आदि पर पर (खो०) ३गन, लाग, प्रेम । (आय) लिये कर पिना या रखना। १६ ध्यय होना। खर्च होता पास्ने। । १२ मामसे रखा या मनाया नासा, सिलसिस रस Vol 41