२२२ लशुनावनेन-लसोड़ा लशनाद्यतेल-कर्णरोगमें उपकारक एक प्रकारकी औपध। जब सेनापति लार्ड लेकको यह खबर लगी, कि इसके बनानेका तरीका-तिलनेल १ सेर, वकरीका, मराठी सेना छिपके बढ़ रही है, तब चे उन्हें रोकने के लिये दूध ४ मेर । सार्थ-लहसुन, आंवला और हरताल घुडमवार सेनादलको ले कर गहरी रातमे इस गांव में आ मिला कर २ पल । इसे कानमें देने बहिरापन जाता धमके। गहलो नवम्बरको दोनों दल में मुठभेड हुई । लाई रहता है। (मपञ्चरत्ना०) लेक आपनी पराजय अवश्यम्भावी समझ कर पीछे लगान (म० पु०) रमेन ऊनः, रग्य लत्वं, पृषोदरादित्यान् । हटे। इसी समय पैटल सेना उनकी सहायता सम्य गः अकारलोपश्च । लशुण, लहसुन । पहुंच गई । लार्ड लेक कुछ काल विश्राम कर फिर युद्ध के लपण (संकी ) वाञ्छन, चाह । लिए रणक्षेत्रमें उतरे। इस बार मिन्टे सैन्यने भीम लपणायनी (सस्त्री०) एक प्राचीन नगर। विक्रमसे अगरेजों पर हमला किया। मराठी सेनाने शेष लपना (हिं० क्रि०) लखना देखो। पर्यान्त युद्ध कर भारतमें गोरवकी रक्षा की थी। अन्तमें लपगण (सं० पु०) लक्ष्मण । उन्होंने यह संन्य नष्ट हो जाने के भयसे लड़ाई वन्द कर लपमादेवी-एक राजकन्याका नाम । दूसरा नाम लक्ष्मी- दी। अरेजोंकी जीत हुई । उन्हें ७१ पमान और काफी देवी था। रमद भी मिली। लय (सपु०) लाययति नृत्ये शिल्पं युनत्तीति लपलमा (म. स्त्री०) लसतीति लस अच, राप्। हरिद्रा, (सर्वनिमुवेरिवति । उण १।१५३) इति वन्प्रत्ययेन साधुः। दी। नक, वह जो नाचता हो । लसिका ( सं स्त्री० ) लस्तीति लस-अच ततः कन् ततः लयन (हिं० पु०) नक्खन देखा। टाप् थान इत्वं । लाला, शूत्रा लम (म० पु०) १ चिपकने या चिपकानेका गुण इन्टेपण सी (हि'० स्त्री०) १ लम, चिपचिपाहट । २ दिल लगनेको २ वह जिसके लगायसे एक वस्तु दूसरी वस्तुमे चिपक वस्तु, आफर्माण । ३लम्बन्ध, लगाव । ४ लोमका योग, जाय, लासा । ३ चित्र लगनेकी बात, साकर्षण । फायदेका डोन्ट । ५ दूध और पानी मिला भरवत । लसक ( स० पु० ) नर्तक. नाचनेवाला । लसदार (फा० वि० ) जिसमें लस हो लमीला। लसोश ( स० स्त्री० ) ३ इरस, ईनका ग्स । इलट मासमध्यगत रस, मांस और चमडे के बीच में रहनेवाला लसना (हिं० कि० ) एक वस्तुको दूसरी वस्तुके साथ इस प्रकार सटाना कि वह अलग न हो, चिपकाना। रस या पानी। लसम (हि० वि०) जो खरा और चोग्ना न हो, दागी। लसीला ( हि वि०) १ लसदार, चिपचिपा । २ शोभा. लसलसा (हिं०वि०) लसदार, चिपचिपा। युक, सुन्दर । लसलमाना (हिं० कि० ) गोंद या लसदार चीजकी तरह लमुन (हिं० पु० ) लशुन देखो। चिपकना, चिपचिपाना। लसुनिया (हि.पु०) लदनिता देखा । लसलसाहट (हिं स्त्री० ) लसदार होनेका भाव, चिप लसोड़ा (हिं पु०) एक प्रकारका छोटो पेड़ । इसकी चिपाहट। पत्तिया गोल गोल और फल बेरके-से होते हैं। यह लसवारी-राजपूताना अलवार-राज्यके अन्तर्गत एक बड़ा वसन्तमें पत्तियां झाड़ता है और हिन्दुस्तानमे प्रायः सर्वत्र गाँव । यह अक्षा० २०३३ उ० तथा देशा० ७६५६ पू०के पाया जाता है। फल में बहुत ही लसदार गूदा होता है । मध्य रामगढनगरसे चार कोस दक्षिण-पूर्व तथा अल- यह फल औषधके काममें आता है और सूग्बी खांसीको चार राजधानोले दश कोस दक्षिण-पूर्व में अवस्थित है। ढीली करनेके लिये दिया जाता है। फारसीमें इसे यहां १८०३ ई० में विख्यात लेसवारीका युद्ध हुया था, सपिस्तां कहते हैं । हकीम लोग मिस्री मिला कर अवलेह जिममें यगरेजॉके हाथसे प्रसिद्ध महाराष्ट्र-शक्तिका परा- या चटनी बनाते हैं, जो खांसीमें चाटनेके लिये दिया भन हुथा। जाता है। संस्कृतमें भी इसे श्लेष्मान्तक कहते हैं।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/२१७
दिखावट