२२४ लहवा–लहसुनिया लहयर (हिं पु०) १ एक प्रकारका बहुत लंबा और , मुडने या झोंका पाते हुए चलना। सहवाके भोंक में ढीला दाला पहनावा, चोगा । २ झंडा, निशान । ३ एक, इधर उधर दिलाना सुलाना या हिलने डोलनेके लिये प्रकारका तोता जिसकी गरदन बहुत लंबी होती है। छोड देना। बार बार इधरसे उधर हिलाना डलाना। . लहमा (हिं पु०) निमेप, पल । १० सोधे न चल कर सौपको तरह इधर उधर मोडरे लहर (संपु०) एक जाति। २ काश्मीरके अन्तर्गत हुए चलाना, चक्रगतिसे ले जाना। लोहर जनपद। लहरि (सं० स्त्री० ) महातरंग। तहर देखो। लहर (हि स्त्री०) १६वाके झोंकेसे एक दुसरेके पीछे लहरिया (हिं० पु०) १ पेसी सामानान्तर रेखाओंका समूह ऊंची उठती हुई जलकी रागि, वड़ा हिलोरा । २ उमग, | जो सीधो न जा कर क्रमस इधर उधर मुड़ती हुई गई जोग । ३ आनन्द की उमंग, मौज । ४ शरीरके अंदरके हों, टेढ़ी मेढ़ी गई हुई लकीरोंकी श्रेणी । २ वह साड़ी किसी उपयझा वेग जो कुछ तर पर रह रह कर या धोती जिसकी रंगाई टेढ़ी मेढी लकीरोंके रूप में हो। उत्पन्न हो, झोंका। ५ मनकी मौज, मनमें आपसे आप | ३ एक प्रकारका कपडा जिसमें रंग बिरंगी टेढ़ी मेढ़ी उठी हुई प्रेरणा । ६ वक्र गति, इधर उधर मुड़ती हुई टेढी लकीरें वनो होतो हैं। ४ जरीके कपड़ोंके किनारे धनी चाल । ७ आवाजकी गूज, स्वरका कंप जो वायुमें उत्पन्न हुई बेल । (सो०) ५ लहर शब्द का पूरवी निर्देशात्मक होता है। ८ हवाका झोंका। किसी प्रकारकी गंधसे | रुप। भरी हुई हवाका झोंका, महक । १० वरावर इधर उधर लहरियादार (फा० वि०) जिसमें लहरिया दना हो. मुडती या टेढ़ी होती हुई जानेवाली रेला, चलते सर्पकी जिसमें बहुत सी टेढी मेढी रेखा हो। सी कुटिल रेखा। लहरी (सं० सी० ) लहर, तरंग। लहरदार (फा०वि०) जो सीधा न जा कर टेढ मेढ़ा लहल (हिं० पु०) एक प्रकारका राग जो दीपक रागका गया हो, कुटिल या वक्र गतिसे गया हुआ। पुत्र कहा जाता है। लहरना (हिं क्रि०) तहराना देखो। लहलह (हिं० वि०)१ लहलहाता हुआ, हरा भरा। लहरपटोर (हिं पु०) पुरानी चालका एक प्रकारका २ हर्षसे फूला हुमा खुशीसे ग्विला हुआ। रेशमी धारीदार कपड़ा। लहलहा (हिं० वि०) लहलहाता हुआ, हरा भरा। २ दृष्ट लहरा (हि.पु.) १ लहर, तरंग। २ मौज, मजा । पुष्ट । ३ आनन्दसे पूर्ण, खुसीसे भरा हुआ। ३ वाजोंकी वह गत जो आरम्भमें नाचने वा गानेके पहले लहलहाना (हि. क्रि०) १लहरानेवाली हरी पत्तियोंसे समां बांधने और आनन्द बढ़ाने के लिये वजाई जाती है। भरना, हरा भरा होना। २ दुर्वल शरीरका फिरसे दृष्ट इसमें कुछ गाना नहीं होता केवल ताल और स्वरोंकी और सजीव होना, शरीर पनपना। ३ प्रफुल्ल होना, लयमान होती है। एक प्रकारकी घास। खुशीसे भरना। ४ सूखे पेड या पौधेमें फिरसे पत्तियां लहरा-उड़ीसाके अन्तर्गत एक प्राचीन नगर। यह पाल निक्लना, पनपना। लहरा राज्यको राजधानी है। पान-नहरा देखो। लहलही (हि. वि० स्त्री० ) लहलहा देखो । लहराना (हि क्रि०) १ हवाके झाके से इधर उधर हिलना लहसुन ( हिं० पु०) १ एक केन्द्रसे उठ कर चारों ओर डोलना, लहरें खाना। २ मनका उमंगमें होना, उल्लासमें | गिरी हुई लम्बी लम्बी पतली पत्तियों का एक पौधा। होना । ३ आगको लपटका निकल कर इधर उधर हिलना, इसकी जड़गोल गांउके रूपमें होती है। दहकना। ४ हवोका चलना या पानीका वाके झोंकेसे विशेष विवरण लशुन शब्दमे देखो। उठना और गिरना, बहना या हिलार मारना। ५किसी २मानिकका एक दोष । इसे संस्कृत में अशोक वस्तुके लिये उत्वंटित होना, लपकना । ६शोभित होना, कहने हैं। विराजना । ७ सीधे न चल कर सांपकी तरह इधर उधर लहसुनिया (हिं पु०) धूमिल रंगका एक रल या बहुमूल्य
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/२१९
दिखावट