पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/२२४

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२२५ लोडर मोक्षा कुच (म.पु.)मकुच दो।। पक्ष पर छोड़ देते हैं। उस काटसे घुक्षके छिलके में राश(स.लि.) लादम या मा नया माप्रयोग।। नये कोरकी उत्पत्ति होता है । धारे धारे यह नूतन कोट लामको (म. स्त्री०) मीताका एक नाम। यश पक्षो छा देता है। जब हावा रसे घुक्षत (१० उत्तर० ५५ म०) ' आपाद मम्ता आच्छन हो जाता है तब वह गृक्ष जाता साक्षण (स० त्रि.) १ लक्षण सम्वघा रक्षणा। हीं रहता, रमदान हो कर उमरे पते झट जाते हैं। २रक्षणविन् , टक्षण मानीवाय। उसकतनेसे ले कर पवादि ता राक्षामलसे भागृत रमणि (स.९०) रक्षणा गोत्रापत्य । हो कर मलसयुन हरिनाम लोदितापम ग्ग पाता है। लाक्षणिक ( स. पु०) रक्षणमधीन देवा या लक्षण (क्न् लाभापालनकारी उपयुक्त समयमें चद राझामल परि कमादि सूत्रान्तात् ठक 1 पा २०) इति । लक्षणा पर हुमा है या नहीं, नाम र उम तोडलेत और धानार मिड, यह जो लक्षण माना हो। २ वह छन्द जिस में येव हैं। यह लाझा देश वाणिय पण्यद्रम्पमै के प्रत्प घरणमें ३२ गाताप हो। (त्रि०)३ जिससे । गिनो जाता ह । उमम नाना प्रपरके सिलौने बनते हैं। लक्षण प्राटहो। ४लक्षणसम्बयो। मिलाने बनानस पहले उसे जनम भिगो रखते है । जए साक्षण्य (स. ति०) रक्षणचित् लभण नाननवाया धारे धारे लाल हो नाता है । यद लाल जर मुखान पर राक्षा-कामरूप पक्षिणमं प्रवाहित एक दी। (काशिका . गादाता है। पीछे जो हार रग पेंदोर्म जम जाता है पु० १७५०) रामपाल दक्षिणम भी यह नदी बहता है।, उम पुनमुखा कर 'Inc dve तप्यार करते है। यही (देशाता)| वाणिचद्रव्यरुपमें वानारमें विश्ता है। पलता नामा पाशा (म० स्त्री० ) पतेऽनपेति एम (पुरोश्च हम । सूनी काडा इसी लामा रगसे बनता है। पा २२१०२) इति म राप यदा बाराम् राजतेरपि मिगोने और परिष्कार करना चार लान पर छाटे मा इपिरिमादित्वात् पालव (उप ३६२) रक्यण| योजी तरह चूण हो जाती है। उसे लगकदाना पा seed पक्षनिपामविशेर, लाय, ला। सम्रन पर्याय राक्षा, | हत हैं। दानोंको भागी गर्मी में घोटारजनके जत, पाय, अलस मामय प्रदिरिता का, रहमाता, साथ गएर जो गायरा पत्ता ( shell tac ) बनाया परदूग, एमिहा, माघि मला पठाशा मुद्रिणा, नाता है उसका नाम चपहा है। युतामोडमा छोरा दीप्ति, पग्नुका, गम्धमादिना, नीम, दरसा पित्तारि।। और गाल राम (Futton the ) कहलाता है। भिग्न मिना यद भिन्न मिा नामस प्रसिद्ध मारतश्पक यायिशेष लाथका त्पत्ति और परि है। हिन्दी-एम, Mहा पहरागार, गुनरात-गका माप मतत्र है। पश्चिम बङ्गार मोर मासामफ पहाडी तामिर-पोम्युरकि, नैसर-कोम्मरप, सरफ,लम प्रदाम तथा मध्यप्रद नाना स्पानोर्म रक्षा बहुतायत मण्यारम्-भादुल ग्रह-जिशर गिहापुरलर, सपइ नाता है। युक्त प्रदेशम इसका तो बहुत कम देयो महाराष्ट्र राव करित-मट जाता है। पक्षाव दमा और मद्राज थिमा मा असना, यर, महुमा , पगा मादि कहिलपमें उनना नहीं होती। ग्राम का नहीं पपात और कहीं लामा काडा (Coccus thcca ) रहने कारण रा। दो अन्य उदरन हाना है। पाम सिर, पूगारतीय एगा वो नियास निएता है उसीशेक्षा नहस । द्वापपुओंमेम किमा किमी दोरम सपा यान साम्राज्यम कोई कोर ,विसमा कोदा Tan हिसाबन कम लाह उपनता, स सप स्पानोपमे श्याम, ना पर पो मल त्याग करता है यहा जस्पायु भीर पक्ष भासाम मीर प्रसाएशा मपोरर है। रमगुपसे लाशा परिणत दो साता है। इस राक्षा भारतयप में सामाका दार यदुत प्राचीन काम्स, पालाइ लिए भारताप नाना थानों में पता होता समयता निरकारमा मापामसंहिता धार ६। पहा माग पुस टासा कार से कर दूसरे) मदामारसमें लाशात सतर। दुर्योधन व पक्ष Not xx58