लार्खानीलाल गिन
कारिगण इस सिन्धुप्रदेशका गन्दनकानन ( Eden toh , याममा जिम यो नानु कदा बार अमोगक
Sind ) यनला गये हैं। यहां ३ बाजार और फुन्छ गजल । प्रनिनिधि तीन है । इनकी या लगभग सात सा है।
कार्यालय हैं। जनसंन्या १५ हजारो लगनगई । ताल. मममाको गरे गोमाम नाक लाख बने ।
पुरके मीर राजाफि अधिकारकालमै पूर्वाकशित दुर्ग : लाल (हि.पु.) छोटा और प्रिय बालश, प्रयाग मत्रा।
अस्त्रागाररूपमे व्यवहत था। अंगरेजों के दाम में मानक , २ पुत्र, येत्रा। प्रिय ध्यान, प्यारा आदम।। ४ श्री .
पोदसे उसका कुछ अंश अरपताल तथा कुछ कागार का एक नाम दुलार, प्यार ! ६पनमा शुकशा
रुपमे व्यवहन होना है। माहारका मायरा मोर, प्रायः य और यो मुसे पहा कराई. लार।
पूर्वोक्त दुर्ग यहाके प्राचीनत्यका परिचायक है । शहरमें . ७ए प्रमित छोटा विदिया। इसका नरभूपन
एक चिकित्सालय, एक पर लोचनफ्युिटर म्ल सौर लिये लाल रंगका दाता है और हम पर छोटी मोटा
एक य पालर स्कूल है। १८८५ म्यु निमपलिटी मफेद युकिया पो रही है । पद बहुम कोमल तथा
स्थापित हुई है।
चंचल छाना दौर इसको दोलो पन प्यारी होती है।
लाबानो (लाडवानी )-राजपूताना प्रमित दस्यु सम्प्र , लोग इसे प्रायः पानी है। मादाको मुनियों नहीं
हाय . १८वो शताब्दी के प्रारम्भमें ये मय दस्युत्ति द्वारा 10 चौपार्योप, मुहका एक रोग।
विशेष प्रतिपत्ति लाभ की थी। ये प्रमशः पेन्धारी और लाल (फा० पु. १ मानिश या माणिनामा !
फाफ दस्यु सम्प्रदायरे समान एक सुप्रणालीपद दल। गानिर देगा । (यि०) २मानिा, धीरबहटी यामा
संग्रह किये थे। इसी कारण यहां माम पास के अधि' आदिफे रंगका; स.यण, मुर्गाजिमपानंदगोध.
वासी भयभीत हो उठे थे। उन दल में करीय पनी के मारे नमतमा गया दो, बहु धि नीमर
अश्वारोही दस्यु-सेना तथा पानसे पैदल और लाठी- के गेलो गोटी जो चारी भोरस भाजिम
वाले थे। वे लोग जिस समय भीमवेगसे जिस किसी योचरं न पहुच गई दो और जिस लिये कोई जान
स्थान पर आक्रमण करते, उस समय यहांके अधियामी वाकी न रद गई दो । ५जिसती सम गोटियां बीन
गण घर-बार छोड कर माग जाते थे। ये लोग मारवाट । चामे पहुंच गई हो और जिसे कोई नालनाको
राज्य के अन्तर्गत सम्बर राज्यफे अधीनस्थ दन्तरामगढ़। न रह गया हो । ऐमा निनादाजीनामा माभा जाता
भूभागको जय कर एक छोरा सामन्नराज्य विस्तारके है। जो रोलमे रिसे पहले जोन गया।
साथ आगे वढे थे। उक्त दन्तरामगद सिया ये दस्यु-लाट ( स० पु०) १0 ज्योतिषी और रियान |
सम्प्रदाय नस्ल तप्पा और ३० मजे लाम किये थे। ये देवीदासर पिना थे। इनका जन्मधान कान्यात
इस दस्यु-सम्प्रदायको जान रखने के लिये विकार था। २ एक लुसाई-दलपति । इन्दौन अंगरेज विपझमें
युर फर वडी योरता दिलाई थी।
और मारवाडके राजाने उन्ही लोगों के तरफका बहुन ।
'लाल अचारी ( हि रती०) १ एक प्रकारका पटुमा
सा मौजा प्रदान किया था।
लार्ड ( पु) १ परमेश्वर, ईश्वर । २ मालिक, स्वामी।
.जिसके बोये दयाम काम आते है । २ पटसनको आतिका
३ भूम्यधिकारी, जमींदार । ४ इंगलैएड. घडे बढे
एक प्रकारका पौधा । इसे पटया भी कहते है।
जमींदारों और रईसों आदिको मिलनेवाली कतिपय वडी
पटवा देखो।
लाल अगिन (हि.पु०) प्राय: एक वालिप्त लंबा भूरे
उपाधियोंका सूचक शन्द। यह उनके नामके पदिले
रंगका एक प्रकारका पक्षी। इसका गला नीचे की ओर
लगाया जाता है।
लाई गाफ-एक अगरेज सेनापति । गाफ टस्वा ।
सफेद होता है । यह मध्यभारत तथा उड़ीसा मधि-
कतासे पाया जाता है मौर घास फससे प्याले के
लाई लेक-एक अंगरेज-सेनापति। लेक देखा।
आकारका घोंसला बना कर उसमें चार तक भण्डे
लाई सभा (हिं० स्त्रो०) ब्रिटिश पार्लमेण्टकी वह शास्ना देता है।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/२७१
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