पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/३१२

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निष्ठ ३१७ पमासे मनुगर्ग 47 गा पष्ट वर्षको मिति होती है। और तीन माग हम सफे द्वारा निहनिर्माण करनेसे वर्य नारायणने कहा है कि स्पग, मस्य मोर पाताल | उमे गम्धलिग कहते है। इस लि गरी भरिपूर्वक पूजा सादि म्यामि जो मय दयता है एमालशियोको | दररोसे शियसायुज्पलाम होता है। पूजा करनेमे दाम दयताओंगी पूना होती है। पुष्पमप रिश-मने प्रशारफे सुगन्धित पुष्प द्वारा पदपुराणमे रियाद, शिपो पिलि गोमा नोरि पनाया जाता है उसे पुषमलिंग पहते हैं। हो परने, १६ मदा ममगर होता?प र ममी इस लिगकी पूजा करनेसे पृथ्योका माधिपत्यराम तथा प्रशारदा दात पियिष माग पशादि और इमरी और अन्त यह गणाधिपति होता है। निगमाये दोनों हो ममान है। गाराधनाफे विना गोल्लि ग-(गोयरफा शिय) सच्छ कपिल वर्ण याग पहादिमिरर होता है। गएप लिगपूजा मुनि के गोवरम लिंग बना र पूजा करे,नो पेचपलाम होता मुहिद मौर विविध पापना पिलि गकी है।म विपयों ऐसा प्रमित है कि जिमपे लिये गोवर मारापमा परमे भातशलमें नियसायुज्य लामा कोगियपूजा की जाता उसी अयश्य मृत्यु होतो होता है। है। गोवरको पियपूनामें विशेषता यह है कि मृतिका हिमानगरानमे लिया है कि विगारगाय पतित गोपरसे गिनहीं बनाना चाहिये। अन्य पूतादि निपल है। इमरिये को कोर पूनादि । ___जोमपरिग--जसे लिंग र उमपी मा परतत उमपे प्रारमामे निगपूना करनी चाहिये। परोमे विधायरत्य तथा पीछे शिग्मायुयलाम होता निस रायमे शियपूजा ना। तो, यद राज पत्ति समा जाता है। यहां रहना उचित महा। ययगोधूमालिश-पी, गे और चायर के घूरता ___ मरम्यान मादपुराण पीरमितोदय लिगपुराण, रिना पर पूजा करनग घा, पुष्टि मीर पुवादिनाम रिपपुराण स्मूमि और सात मादि समीधाम होता है। जियपूमा पागेकी मायरपाता बसाएरमाण मितादरमपरिग-सितापादरी लिग बना पर ग्राण, क्षत्रिय, वैश्य, अष्ट या मीर गाणपत्य मौर पूजा करनेस मारोग्यगम होता।। वैरणय भादिको नियपूला करना अयश्प बसम्य है। ___यरिंग-हरिताल मौर विक्टुको एयण मिला दिमा नियजा दिये जर प्रहण परमसे प्रापयायका | पर उसस लिगपना पर पूजा गरमेमे उत्तम योगरण भागी होना पता महरय संध्याम्दनादिका होता है। तरदतियपूमा नियामहै। स्मृतिनिधार र ___रयज रित मौभाग्यप्रद, पायगि पामगा मन्दमा महामतिपय मानिसमें पासिय सिदि तिमिलिग मिलायसिदिर गोत्य Pिurnt अपप पता प्रतिपादन पागि मारपी, मम्ममय निग सर्पपरा, गुदोग्य मम्स और विधि - निधि दर दी है। गिनीतियन गयमपलि ग गुपदापन, TRA विस्तार दो ज्ञान मापसे उसपे प्रमाणादिया पर मदो मिग सुगाव, मापुर मिमित गि यशस, गोरय पिंग निग सपरोगाद धौर निगमम्मय रिग मर्य- PIAN भाप ममा ३गर पानिपरि मा निमामि दारिद्वार Aruert माना है। सब मिपाद पनादि पि पिपाय दधिदुग्धोपन हानि लिर यानिनिदिधन माने पापा और मुरायपालि मापन समोर हिन राधाद्वारा निमि-हिपाहा माना मिग परम पाजाति मुगा, मामान ६ समय सम्म गायुग म RECIPमा है-1 प्रागिरि गौशाप मामा गरपरिमाण कमरिया, पार माप मदन । लिग अपरतुनाश पलागि मुक्षिा होना। fol x0