पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/३२९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

' पतिता हा , युक्त। ३३४ लिपिकर-लिविकर ___ इन सब विभिन्न प्रकारको लिपियोंका उत्पत्तिविवरण लिप्ता (० सी० । ज्योतिपके गानुमार काल का एक अक्षरलिपि शब्दमें दिया गया है। भारतवर्षके नाना स्थानों मान जो एक मिनट के बराबर होता है। तथा बहुत दूर पश्चिम वाविलोनीय, आसिरोय, कालदीय. 'लिप्तान ( स० वि०) जिसका शरीर सुगना द्रव्यादिमे मिन्त्र और पूर्वमें चीन आदि राज्योंमें बहुत प्राचीनकाल-, लेपा गया हो। से विभिन्न प्रकारकी लिपि प्रचलित देखी जाती है। उनमें लिप्तिका (मं० सी०) लिप्नव स्वार्थे कन् । दण्ड । भारतीय लाटलिपि, वाविलोनीय फलकलिपि, आमिरीय ' "वैश्वस्य चतुर्थोऽशः श्रवणादी लिनिकाचनुप्म अभिजित् ।" कोणाकार लिपि और मिन हाइरोग्लिफिक वर्ण लिपि (महत्यनुना० ) ही सर्व प्राचीन है । अन्नरलिपि वार वर्णमाला देखो। लिप्सा (स. स्त्री०) लघुमिच्छा लभ सन्, अ-राप् । २ अक्षर लिम्बनेको प्रणाली, वर्ण अङ्कित करनेकी , इच्छा, अमिलाप, लालन । पद्धति। ३लिये गए अक्षर या बात। “जिप्या चके प्रसेनात मणिरत्ने म्यमन्न।' लिपिकर (सं० पु०) लिपि करोतीनि लिपि कृ (दिवानिशेनि ! (हरिवंश ३८३५) पा १२१ ) इति ट। र लेखक, लिननेवाला । २ खोदाई लिप्सतथ्य (० लि. ) लिप्स तथ्य । लाभाहे, पाने के उप- करनेवाला । ३ लेपक, वह जो पोतता हो। लिपिका (सं० स्त्री० ) लिपिग्य स्वार्थे उन्-टाए । लिपि, लिप्नु (मालिक) लब्धुमिच्छुः लम् सन, सन्न्तादुः । लिखावट। | लाभको इच्छा रखनेवाला । पर्शय-गृनु, गद् न, लिपिकार (सं० पु० ) लिपि करोतीति कृ.शण । लेखर, तृष्णा, लुब्ध, अमिलापुर, लोलुप, लोलुभ । लिखनेवाला । लिप्सुना ( सं० स्त्री० ) लिप्सु दल -टाप् । लिनुका भाव लिपिज्ञ (सं० त्रि०) सुलेखक, अच्छा लिखनेवाला। - या धर्म, पानेकी इच्छा। लिपिन्यास (सं० पु०) म्बाहीसे पन आदि की लिखावट । लिप्स्य ( स० वि०) जिसे पानेशी स्यत. इच्छा दो। लिपिफलक (सं० पु०) पत्थर, तस्ती, धातुपत आदि जिन लिफाफा (अ. पु० ) १ कागजको बनी हुई चौकोर बोली पर अक्षर खोदे जाय। । या थैलो जिसके अंदर चिट्टी या कागज पत्र रख कर लिपिवद्ध (२० त्रि०) लिखित, लिखा एमा। भेजे जाते है। २ऊपगे आच्छादन, दिग्नावटी कपड़े लिपिशाला (सं० स्त्री०) लिपीना शाला। लिपिगृह, पाठ- लत्ते। 3 ऊपरी भाडबर, झूठी तडक भडक, मुलम्मा । शाला। ४ जल्दी नष्ट हो जानेवाली वस्तु, दिखाऊ चीज । लिपिसजा (स० स्त्री० , लिपिकरणोपयोगी यन्त्र या लिबड़ो (हि० स्त्रो०) कपडा लत्ता। द्रव्यादि, वह वरन्तु जिससे लिखा जाय। लिबरल (अं० वि० ) १ उदार, उदारनीतिवाला । (पु०) लिपी (सं० स्त्री०) लिपि कृदिकारादिति डोय लिपि।। २ इङ्गलैण्डका एक राजनीतिक दल जिसकी नोति अयो. लिप्त (सं०वि०) लिप-क्त। १ भक्षित, खारा हुआ। नस्य देशोंकी व्यवस्थाके सम्बन्ध तथा अन्य राज्यों के २ कृतलेपन, जिस पर किप्ती गीली वस्तुकी तह बढ़ी साध व्यवहार करने में उदार कही जाती है। ३ भारतका हो, पुना हुआ। पर्याय-दिग्ध, विलिस्पित, चर्चित ।। एक राजनीतिक दल जो बहुन ही सौम्य उपायोंसे अपने ३ मिलित, खूब संलग्न ४ अनुरक्त, खूब तत्पर । देशको स्वतन्त्र करना चाहता है। ५ विपदिग्ध, जिसमें जहर मिलाया गया हो। लिदास ( म० पु०) पहननेका पड़ा, पोशाक । लिप्तक (सं० पु. ) लिप्त एव म्वार्थे क्न् । विषाक्त वाण, लिवि (सं० स्त्रो०) लिप-इन, वाहुलकात् पस्य वत्म। जहरीला तीर। लिपि, लिखावट। लिप्तहस्त (सं० त्रि०) रक्तात या प्रक्षित हस्त, खूनसे लिविकर (सं० पु०) लिविं करोतीति क-(दिवाविभानिशेति । तरावोर हाथ। पा श२१) इति ट। लिपिकर, लेखक । मान- mirpur wereswwwseemaramowmaramananews