रोग-सामाध्य की अनुशासन सम्बन्धी विधि व्यवस्थानी एक पुस्तक रिन्तु उस समय रोमकी श्रीवृद्धि उत्तरोता होने देव प्रकाशित की। इसमें यह भी लिखा गया था, जिकिर नाथजयन्चिन हो उठा। मिमिली डीपके ऊपर क्मि दिन सरकारी या धमधिमण आदि कार्य होगे, कार्थेजका गेममा विवाद उट पदासा। मिमिली. या वन्द होंगे। पुरोहितों का पवित्र अधिकार क्स, के अन्तर्गत मेमनानगर बहुत दिनों तक मैमार्टिनी हुभा। या मङ्गलपुत्र) नामक एक.प्रवल टाकदलका वाम था। गज्यविस्तारके माध साय चागे थोर उपनिवेश ' साइराफ्युजक गजा दोगेनको जीत फर समूल नष्ट स्थापित होने लगा। १२ नई जानियां गेमकं सामना करनेका उद्योग करने लगे। इस समय उन्होंने रोममे धीन हुई। लिभिका कहना है:-माके २३वा पूर्व महायताकी प्रार्थना को। रामक होगके साथ मैत्री मर्दुमशुमारीसे जाना गया था. शिरोम की जनसंग यामे : रहने के कारण पहले महायता करने पर राजी न हुए। पुरुषोंकी संख्या ३०००० यो। त्रियों की संख्या निदि ट . पीछे कार्थेनीयनों को सहायतार्थ प्रवन देघ रोमक इनकी नही। रोमकी समृद्धि सुन कर नाना देग विद्गण , सहायता करने पर राजी हुए। प्रोक्त फन्सल हि रोममें आने लगे। धीरे धीरे लक्ष्मीकी वृद्धि माध माय। यामक पुत्र पपियाम कुडियाम मैन्य, साध सिसिन्दी सरस्वतोकी पार्ट। यूनानी विदान, रोममे आ कर : चला। इसके पूर्व ही कायेंजीयन सैन्य ममार्टि नोके रहने लगे। मित्र के विद्वान भी गेम परिदर्शन करनेके , नहायता मेनमाना नगा सा पहुंचा था। होरोने लिये रोम आने लगे। रोमक सैन्यको देन कार्थेजीना माथ मिल कर जल. भूमध्यसागरके चारों ओरके राज्योंके मध्यमें । पथ और स्थलने मेसमना पर वेग डाल दिया। रोमक स्थापित हरलीगज्य इतने दिनों तक शनि और समृद्धि, वोगे ने भी इम मिलित सैन्यदर युद्धको घोषणा की। अर्जित कर राजकीय जगतमें यथार्थ केन्द्रस्य लास कर यह ईमासे २६४ वर्ग पहले की बात है। पहले पिर. रहा था। उस सागरके किनारे के राज्य अविवासी राजा, निक-युद्धका सूत्रपात हुना। और प्रजा सभी इटलीय गीर्यक्षेत्र रोमका प्राधान्य अनु कार्थेजवाले जलयुद्धमे प्रसिद्धि पा चुके थे। क्योंकि भव कर रहे थे। पिगहासकामागना और यूनानियोंके : फिनिकों ने प्राचीनकाल समुद्र वाणिज्यमं रत रहने के अधिकृत दक्षिण-इटलो नगगेमे रोमका आधिपत्य और कारण भारतीय गिल्पियो जहाज बनाने सोख लिया चयता स्वीकार होने के पहले भृमध्यजगन्मे ( Eastcru, था। इससे उस समय भी कार्यजीयनाके पस बडे बडे Mediterranean sworld ) इम इटली राज्यकी प्रक्ति जहाज मौजूद थे, किन्तु रोमा पास कुछ भी न था। सौर प्रभा विकसित हो आई । मित्रने रोमसे मित्रताकी! फिर भी निभीक क्लदियास मेसानाके निकट स्थल युद्ध. रामनार आपसमें सदभाव कर लिया। यूनानी विह। में प्रवृत्त हुए। रोमरसत्यके पराक्रमसे यह सम्मिलित न्समाज इस नवोद्भुत और दिदिगन्त स्याति प्राप्त , सैन्य वार दार पराजित हुआ। ईसाके ३ वर्ष पहले कर रोम-राज्यका इतिहास, राजतन्त्र और लेटिन प्रजा रोमक्योर होरोको राजधानी साइराफ्यूज पर आक्र. तन्त्रके मूल विषयको उन्नतिम सहायता करने लगे। मण करनेके उद्योगी हुए । बहुसक नगरोंको लूट पिरहासके लौटने पर रोमका पूर्ण सम्बन्ध उसी तरह। पार कर तथा जला कर भरम कर माइराकृजकी चहार- था। उस समय ५० बर्गतम फिर रोमकी दूर दृष्टि टीवारीक निकट वे पहुचे। हीरो रोमकों के साथ पूर्वाञ्चलमें न पड़ी। सन्धि कर उनका साहाय्यकारी बनाया गया। रोममे जद प्रजातन्त्र कायम हुआ, तब रोम कार्थेज- रोमक सैन्याने हीरोके साथ मैत्री कर कार्थेजीय के साथ सन्धिसूत्र में बद्ध था। अर पिरदास सिसिली- : फाँजाके साथ युद्धार्थ पोजेटस नगर पर घेरा डाला। में पार्थेजके साथ युद्धमे प्रवृत्त हुए तब मो कार्थेज राम- इस नगरमें सिसिलीवासी यूनानियोंका किला था। में सायन सन्धि कर मित्रता.पासमे बंध गया था।। ईसाके २६२ वर्ष पहले युद्ध में जयलाभ कर रोमाने इस