लेख्यगत ले यो ३५७ साक्षियोंका अड्डिन रेख्य समाहित होने पर भी मप्र | ऐर-एक घणसपर जाति । माण है। लेट(हि.यो.) सुरागी, क्फड और चूना पोट कर स्खी पालक, पराधीन, मत्त, उमत्त, भोत तथा ताडित पाइ हुकडी चिकनी सतह, गव। प्यक्किा लिखा हुआ रेण्य भी जायज समझा जाता| लेट ( वि)जो निश्चित या 3 समयदे उपरान्त है। लेखक वा अधमर्णादिया साक्षी यदि कहे कि यह भावे, रहे या हो , जिसे देर हुइ हो। रेक्ष्य मेरा नहीं है तो उनए अक्षरादिफे द्वारा लेग्य लेटा हिनिहाथ पर और सारा गैर जमीन सायित करना होगा। नहा ऋणी धनी, साक्षी अथरा| पा और मिसनद पर टिशावर पड रहना, पौढना। लेखक मर गया हो वहा यह र अरु स्वहस्तविह किसी चाना बगलका ओर झुा पर जमीन पर गिर द्वारा प्रमाणित करता होता है। ( विष्णुसंहिता ७१ ) | जाना। ३मर जाना। लेग्यगत (स.लि १ चित्रित, चित्र खींचा हुआ। लेटपेट (हि. स्त्री० ) पा प्रारको चाय। २रिपित, लिखा हुआ| ३ थडित, चिद किया हुया। लेटपी (अ. स्त्री०) यह फीस जो निश्चित समयरे एपचूपिया (स. स्त्रा०) लेसस्य चूर्णिका । तूलिका।। खा० ) लसस्य चूाणका । तूलिका पाद डाकमान कोर चान दाखिल करने पर देशी पडतो रेग्यपन (स.पु०) लेख्य रेसाह पत्र प्राय। १ तालश, हो। डासानेमें मार सभी कामोंके लिये समय ताडा पेड। (को०)२ लेपनीय पल, लिखनेयोग्य निश्चित रहता है। उस निश्चित समयके उारात चिट्ठो। यदि कोई व्यक्ति कोई चीन रजिस्टरी पराना या चिट्ठी लेप्यमय (स. त्रि.)लिखा हुआ। रवाना करना चाहे, तो उसे कुछ फोस देनी पड़ती है लेख्यम्थान (स. ती ) रेग्यस्य स्थान । वह स्थान नो रेटफा कहलाता है। नहा लिसा जाय आफ्मि। प्यारूढ ( स० त्रि.) निसके सम्बधर्म लिखा पढी |' ले रपेटेट ( 31. पु. ) वह राजकीय आज्ञापत्र निसमें हो गइ हो, दस्तावेजो। | किसोको कोइ पद या स्वत्व आदि देने या कोइ सस्था लेनम (पा० स्त्री.) १ एक प्रकारकी नरम और लचा | स्थापित करने को यात रिसा रहती है। Pार कमान जिससे धनुप चगनेका अभ्यास पिया जाता | लेटर वापस (0पु0) डाक्यानेका वह सदूक जिसमें है। यह मान मिममें लोहेको ज जार 7गी रहती पदों मजने के लिये लोग चिहिया बालते हैं, चिट्ठी डालने है और क्रोरिया प्रडी रहता है और जिममे पहलवान का सदूर। रोग कसरत फरत है। इसे हाथ में लेकर तरह लेरा (हि.पु०) गले का शाराय, मडी। पतरों और बैटोंके साथ कमरत करने हैं। । राना (हि मि०) दूसरेको रेटनर्म प्रवृत्त करना। लेजरग (दि. १०) मरक्त या पनेकी एक रगत जो ले (10 पु०) १ सीसा नाम धातु। २प्राय दो उस गुण मानी जाती है। अगुली चीही सोसेको ढली हुइ पचरका तरद पतला लेजिस्लेटिव (१० वि०) व्ययस्था सम्यघी कानून | पटरी। यह छापेखानेमें अक्षरों की पत्तियोंके पोच, सम्याधी, वैसे-लेजिम्लेटिव डिपाटमेंट । अक्षरोंको ऊपर नीचे होनेसे रोके लिये दी जाती है। टेनिस्लेटिव परेप्लो (स्त्री०) म्यवस्थापिका परिषद | लेडमोल्ट (१० पु०) छापेमाने में अक्षरोंकी पक्यिोंके देखो। दीचर्म रखने के लिपे सौसकी पटरिया ढालनका साचा, रेगिस्लेटिव कौंसिर (अ० स्त्रा० ) व्यवस्थापिका सभा | ड ढालनेका साचा । लेदी (म० स्रो०) १ भले घरकी ना महिला । २ लाई रजुरा (दि. पु० ) १ रस्सा, डोरी। २ कूए से पानी | या सरदारकी पत्नी।। सीनेकी रस्सी।३ एक प्रकारका यगहनी धान जिमा | लण्ड (स० हो०) गृथ, यधा मर । चारस बहुत दिनों तक रहता है। ले यो (म0पु0) बीयो देखा। Vol x 90