पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/३८६

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लोहमुक्तिका-लोहापाट ३६१ है। ये गण पे सप हैं, त्रिफला, निसोय, दत्तो, विक्टु रोहसिंद-मध्यप्रदेशके सम्बलपुर जिलानर्गत एक ताल मूठी, रददार, पुनणा, भडू सरल, चिता, अब | भूमम्पत्ति । भूगरेमाण ६० वग मील है। इसम२६ रक, पिङ्ग, भृगराज भिलांपा, मोठ, अनारका पत्ता, गार लगते हैं। अधिश प्रजा 13 और वनमानीय सोया, तुलसी मोथा, मोल, गुडूचा, मण्डापर्णी, हस्ति है। ग्राम-समीपपत्तों स्थान घ लोग तो पारो परत फणपगम, कुशि यशराज माण, खण्डितकर्ण और | हैं। १८५७ ३०में सिपाहीनिमोहक समय विद्रोहि दलक दानींशाक इन सब द्रव्योल लोहम पुट देना होता है। नेता सुरेन्द्र शाहक सगान यहाके अधिवासियोन घोर (रसेन्द्रसारस०) अत्याचार किया था। स्थानीय सरदार चन्दतरके भाइ रोमुक्तिका ( स० सा० ) लाल रगको मुका। मधु डायर मूरको हत्याक गराधर्म माणदण्डसे दण्डित लोहमेनन (स० वि०) धातुनिर्मित मेपलाघारी, जो । विद्रोह शान्तिरे पाद सरदार चन्दतरुने अदरेज लोदेको मेम्बरा पहने हो। राजको शातिरक्षाका अङ्गीकार पत्र दिया था इस कारण लो मेला (स० खा०) स्का दस मातृभेद। (भारत : पय) | पुनः राना बनाये गये थे। रोहयष्टि ( स० सी०) एक प्राचीन नगरका नाम। |लोदहारक (स० पु०) मनुके तार प. नकरका नाम । लोदर स० को० । जनाइमेद, गायद लाहोर। लोहांगो ( हिं० स०) नइ छडी जिसके एक सिर पर (राजतर० ४११७७ ) | लोहा लगा होता है। लोहरजस (स. को०) लाहकिट्टा लाहा (हि. पु०) १ लौह आर लाह देखा। २ अत्र, इथि साहरानक (००) रौप्य, रूपा। या। ३ लोहेको वनाइ इ इ चांज या उपकरण लोहलगर (हिं० पु०) १ जहाजका लगा। बहुत भारी | ४ लार रगका चेल । (जि०) ५लायत बधिर यस्तु। कना, कठोर। दल (स० वि०) हगिरलातोति ला का ? अशक | लोहार (स० को०) लोहम्प भार । वाहमा आग, चार अपत वाणी। २ दिग्राहक, सौदा परादने । लोहको स्वास। वाला । (पु०) ३ शड्डलाचार्य। रोहाकर्ण (स० लि०) राहिापर्ण कविशिष्ट लाल लोदलिङ्ग ( स० मी० ) रवपूर्ण स्फोटकादि। चाराला। (कात्या० धौ २२।११।२६ ) लोइयत् ( स० लि०) देके समा। लोदापय ( स० को०) लोहमे गापा यस्य । १ अगुरु, लोदवर (सं0 लो०) लोहेषु सतेजसेषु घर । स्वर्ण, | अगर । रोद, लोहा। साना। रोहागडा-बद्नाल यशोर जिलेका पर गर । यह रोख्यमन् ( रा ० ) लोहा पर अक्षा० २३ ११ उ० तथा देशा० ८६ ४१ पूरके मध्य रोपात (स० पु०) धान या चायला एक भेद । । अयस्थित है। मधुमती दी यहासे थोडीही पडता रोदशद (स. पु०)१ मनुक अनुसार १५ नरसफा है। यदा गुड थोर चोगीका जोगें पारपार चरना है। माम। (मनु 8 )२सहनिर्मित पोलफ, लोहेका माजुरा गादि पित्तों ग्रामवासी गुटये बदले चावल पारा सूटा। सरोद ले जाते हैं। उम गुष्ठस यहा गछी चीनी तैयार रोहरेपण (स.पु.) हानि सयतजसा लेपपति होता है । यह चोना क्सत्ता और पापग जम भेजा पजियनीति श्लैपिरयु। रणशार, सादागा। जाती है। यहा एक कारोका मूर्ति प्रतिष्ठित है। र रोहसङ्कर ( स०) लोहाना मरो यत । १ यत्त / देव लोग उस मृत्तिको पूना परी माता लोह, पर प्रसारका लोहा। २ मिश्रित जमा (गेहाघाट-युनगदशा कुमाय जिगतर्गत पफ सना लोसार (स.पु.) १ फौलाद । २ सोलाको बनो। यास। गा अक्षा० २६ २४३० तथा दा०८०८ मीर। । के म रोहानदाफ याए सिरे अम्धिन ।