लोहभेद
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स्थानों के नाम
गनाने का स्थान | दिनोंसे प्रसिद्ध है। पचहत्तर वर्ष पूर्व-लिनिन एक विव.
मलाबार माग्नेसाइट तथा लाटेराइट कर्मनार, शेर- रणीसे पता चरता है, कि पारस्थवासी वणिक-सम्प्रदाय
नार, बल्लवनार, कोणसमुद्र के सर्वोत्ष्ट इसात चरीद कर ले जाता था।
एरनार योर तेमेल-
उससे दामाम्कासको चिरप्रसिद्ध तलवार के फलक तैयार
पुर तालुका
किये जाते थे। वह इस्पात साधारणतः मिटपल्लीके
सालेम माग्नेटास्ट
पोर्ट नामो
Iron sand और दिमदुर्तिके fagnctite लोहेल बनाये
दक्षिण-आर्कट टोल
तिरुणमलय, पलकुचि
जाते है।
उत्तर ब्लाक सैण्ड
मध्यप्रदेश
चेङ्गलपत माग्नेटाइट तथा हिमाटाइट
वस्तार, सम्बलपुर, विलासपुर, रायपुर, चान्दा,
नेल्लूर माग्नेटाइट तथा हिमाटाइट
वालाबाट, माण्डारा, नागपुर, मण्डल, गियनी, छिन्द्र-
फोडग हिमाटाइट
वाडा, निमाव, होसद्गापाद, नरगिंहपुर और जबलपुर
णूल
आदि जिलेके नानो स्थानों में हिमायराइट माग्नेटाइट लाइ.
वेलरी
मेनाइट मादि श्रेणीका यौगिक लौह बहुतायतसे पाये
कृष्णा
गुण्टर, मसलोपत्तन
जाते हैं। उनमेसे सम्बलपुर के अन्तर्गन गढ़नात महलो.
गोदावरी लाइमोनाइट तथा हिमाटाइट -
मे, रायरानोलमें, रायपुरके अन्तर्गत दण्डीलोहारा और
विजोगापट्टम, गजाम, अनन्तपुर तथा दक्षिण कनाडा-
ग्वैरागढ़, वोगर वांध, गएडाई, टाकुरतला सौर नन्दगांव
के कई स्थानोंमे लोहा पाया जाता है।
भूभागमें , बांदा जिले के मध्य लोहारा, देवलगांव,
सहिसुर-राव्या
पिप्पलगांव, गुञ्जबाडी, ओगलपेट, मेटापुर, भानपुर तथा
अष्टप्राम माग्नेसाइट
लोरा पर्वत के अन्तर्गत मोगला, गोगरा, दानवाई और
वगलूर ब्लाक-सैण्ड
चीनपत्तन
घोसालपुर आदि स्थानों में काफी लोहा उत्पन्न होता है।
नागर • तथा हिमाटाइट वावा धूदन, चित्तलदुर्ग,
उपरोक तीनों विभागके जिलोंमे अधिक लोहा पाया
उमारिया कोयले को खानके कारणानेका तथा जयलपुरके
उत्तर-पश्चिम सभी स्थानोंका खनिज लौह यूरोपोय
जाता है। नागर विभागान्तर्गत कोदुर नामक स्थानमें
प्रयास परिएकृत हो व्यवहारोपयोगी लोहेमें परिणत
अनेक लोहेको साने हैं। ओबाणी नामक यहाके स्थानके
होता है।
चतुपावोंम तथा बाबा-बूटन ग्रामके पूर्वस्थित शैलपाद-
मूलमें खनिज लोहा गलानेका कारखाना है। इसके
__मा, बुन्देलखण्ड, ग्वालियर, इन्दोर, धार, चन्द्रगढ़
सलावे यहा इस्पात तैयार किया जाता है।
और अलीराजपुर आदि भूभागोंम हिमाटाइट और माङ्गा.
हैदराराद-विभाग।
निफेरस यौगिक-लौह पाया जाता है। वे सब लोहे
यहां हिमाटाइट, टिटानिफेरस, सांड पर्व वरङ्गलम
( Coal measurt strata' और 'metamorphic
हरिद्रावर्ण एलामिट्टी तथा लाल गेरूमिट्टी में लोहेकी खान |
rocks' नामक स्तरमें रखे हुए हैं। ग्वालियरके अन्त-
दिनाई पड़ती है। लिङ्गसागर जिले में फैली हुई धारवार-
र्गत सान्तन, माइशोरा, गोकुलपुर, धरौली, बनवारी,
शैलमाला पेन्नार हग्गेरी शैलस्तरमे माम्न टाइट लौह भी रायपुर पार शेल, मगार, विनायरी, बड़ादा, इमिसिया,
पाया जाता है। वहांके सिंहरणो कोयलेकी खानमें
| गुञ्जारी और वागेन आदि गांगोंमें हिमाटाइट और लाइ.
अपेक्षा उत्कृष्ट लोहा पाया जाता है। अनन्तगिरि, कल्लूर
| मोनाइट श्रेणो के लोहेकी खान है। इन्दोरसे ६० मोल
प्रभृति परगनेमें लोहा गलानेका कारखाना है। जेल. दक्षिण-पश्चिम । अवस्थित वाय-प्रामके Transition
गएडलके अन्तर्गत कई ग्रामोंमें इस्पात तैयार किया जाता
rocks स्तरमें चिर प्रसिद्ध हिमाटाश्ट लोहेकी खान
है। इस स्थान कोणसमुद्रके इरपातका कारखाना बहुत मोजूद है।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/३९७
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