पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/४१

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रोम-साम्राज्य भुवनविख्यात है । हानिचलके घुडसवार भीमयलने । दिनों के बाद दो प्रपल गजा गम विरुद्ध युद्ध करने के युद्ध करने लगे। रोगकी विशाल फौ सम्पूर्ण पसे । लिये तैयार हुए। नष्ट हुई। इस तरह रोमक फौजें पराजित हुई। माफे २१४ वर्ग परले फेवियम और मर्नेलस फिर - यान्मल नियुन हुए। हानियल आपुलियाने टिफटा जा हानिवल यदि इच्छा करता, तो गेमको इसी समय पर झापुया नगरी सो रक्षा करने का उपाय मोबने लगा। जीत लेता, किन्तु उसने ऐसा न किय" । इसलिये , ' वद पिउटोली अधिकार पग्नेका सहप कर रहा था, वहुतेरे ऐतिहासिक उसकी नीतिको निन्दा करते हैं। ऐसे ममय टरेण्टम् नगर पर अधिकार करने का मौका हानिवलने मी सहयोगी राजाओको रोमके हाथमे दीग पड़ा। इसके अनुमार या शीघ्र उस और चला। बचाने के लिये सैन्य भेज पर ममाहाय्य करने लगा। रोमक सैन्य भी वहां पच अपने दुर्गकी रक्षा करने हानिवल सामनियममे चल कर कम्पैनिया पहुचा और । लगा। छानिवल फिर शीतका यिताने के लिये आपु. वहाका प्रसिद्ध नगर कापुआ अधिकार कर लिया। . लिया चला गया। इमामे २१३ वर्ग पहले प्रोमकालमें नगरवासियो ने ननिक बाधा न दे नगरका द्वार पोटसिमिली यह आरम्भ हुआ। पाथजीय सैनिकोंने दिया और उसका अभिनन्दन किया। यहा हो उसने याकर मिमिली में युद्ध लडा किया । कुछ रोमक फौज शीतकालविताने के लिये वेमे पडे हिये। यहां तया । . ही प्यूनिक युद्धका यादि काल है । इमी मामय हानियल ने वासियांने विश्वासघाताना पूर्वया हानिनलसे नगर माप पव भावसे माफल्य लाभ किया । देनेका संकल्प किया। किन्तु क्लेि रामक फोजोंके युद्धका मध्यकाल (२१५-२०७ ईसामे पूर्ण ) इनके कारण हानिपल कुछ भी नहीं कर सका। वाणिज्य-समृद्धि, विलासवैभव, शिल्पविजानकी माइराफ्यूजके राजा हो। मकोका मित्र था । किन्तु उन्नति और साधारण ऐश्वर्य में कापुमा रोमकी अपेक्षा; उसका पुत्र होगनियम भिन्न प्रटानिका आदमी था। किसी तरह कम न था। रोमके रसिक और विख्यात । उसने रामके विगह कायेंज की सहायता युद्ध करनेका ऐतिहासिक्ने रहस्यच्छलसे लिखा है, कि बिलाम वायुके, संकल्प किया था। १५ महीने राजत्य करने के उपरान्त सुखस्पर्शसे हानिवलको फौजीने अनेक दृढता और यह एक गुप्त घातकके हाथ माग गया। माइराफ्यूजमें उद्यमको खो दिया था। जो हो, हानिबल भी रोमके सह- । प्रजातन्त्रको स्थापना हुई गम और काज-ये दोनों योगियोंकी सहायताके लिये इटलीके एक छोरसे दूसरे। इस पर अधिकार र लेने पर तुल गये थे। किन्तु छोर नक देशमे आधिपत्य फैलाने लगा। ईसास २१५ ! रोमकोंके प्रवल होनेसे दानिवल के भेजे दो काजीय धर्ण पहले फिर महासमर उपस्थित हुया । फेवियम और ' प्रतिनिधि एपिमाइडस् और हिगेरिस भाग कर सेम्प्रोनियस नामके दोनों वन्सल युद्धको तय्यारी करने , लिओस्टिनी नगरको प्रस्थान किया। इसी समय कन्सल लगे। हानिकलने भी टिफटा पर्वत पर व्यदकी रचना को। मसलस् फौजोंके साथ सिमिलीमें पहुचा (२१४९० यहा वह इटलीवासी साहाय्यकारी गजाओंकी प्रतीक्षा: पू०) वह शीघ्र ही लिओण्टिनीहानिवलके दोनों प्रति फरने लगा। कार्थेजसे भी घुड़सवारों के लिये वह प्रतीक्षा निधिके साथ युद्ध करने के लिये चला । उमने इस युद्ध में कर रहा था। इस समय नोला नामक स्थानमें एक छोटा विजय प्राप्त कर लिओस्टिनी पर अधिकार कर लिया। युद्ध हुआ। इसमें उसके बहुतेरे सैनिक मारे गये। उसने अधिवासियोंको क्षमा किया। किन्तु दो सौ टिफटाम भवस्थान करते समय वह चारों ओरसे सैनिकोंको प्राणदण्ड हुवा। साहाय्य प्राप्त करने लगा। माकिदन पति फिलिपने और मसेलसने आगे बढ कर स्थल और जलपथसे साइराक्यूज राजपुत्र हीरोनिमसने हानिबल के समीप साइसक्यूज पर घेरा डाली। रामकाने चहारदीवारों दूत भेज साहाय्य करना चाहा। इस तरह और इतने तोडने के लिये नाना नरहके यन्त्र और कला-कौशलकी