पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/४५२

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बङ्गदेश ४५७ पर टाला नहीं बन जाता या समार मासे उच्य नहीं हो । के ठाभिनयम माग भी ममुद्रगममें मिटोनिन अमख्य शाता। |चर दिपाइ दन हे, शेज्मारके समय डुरे रहत है और हम इस तरह मिट्टीमा और समुद्गभमें | भाटे समय निकल आते हैं। यह पहायो नावश्यस्ता पैक जाने पर पहले त्रिकोप के याका मुहाने पर नहीं, रिहा यिर्म भन्छा तरस जमीरी पाठ समुद्धा भरनेकी चेष्टा दग्न है गौर इमविको दिन पर गदा और नहरक मागरम दिसाइ देते हे समय पा तादी ओर तथा आगे पोण समुद्रमो ओर पर ये दा नाल भी विस्तृत आयता हो पर शुकगर्भ रहना ६ । तुि ममुहमा प्ररल स्रोत वेग मोट चौडाइ हो कर हट जाये गे और छोटे छोटे सप द्वाप देशक गोस्चाकाट कर फेक देता है । इमा कारण साय जुर कर एक बारम परिणत पांगे। भरा मा EAT सममे ममुद्र छोड उठन, तय गाठ पूर दक्षिणा समुद्रभाग मो इसा तरद भरा एक अपिरियालिमाण भूगएड निर्मान होनेके ! भूमिखान के उदयाले समय दक्षिा ओर हट गया और बदर श मूर भमागम सरन मम्मत उमा न भूखण्ड पर रत्तमान सुनाउनको गौर अरिष्ट यदुम् एड द्वापाका परिणत हुमा तरह नसार दा नातेवार दो नायेगे। उ7 नदो दिखाई देता है। उसोपमि नो सबके मध्यस्थर: प ! सालोंमें मुरप्रसाद हा सापेक्ष प्राल यारा था। स्थिन वह छोटी चौडाइ और एम्ने साकारर्म र पदमप्राह गान मा पद्माकर तर भूमिका स्थित है। फिर यह भरा मा भूपण्ड जब जर हटनसे | तोर प्रशाहिन हा साह। निरनी गाया थाफिर मामिले नमन रगा धी फलत समुद्र इट जान ना ममुद्रगम गथम व तय समुदजला नोत नेग सौर उसका गान कार पर द्वाप उठा, तर गलाका मूर माह भागारया बात तो फे या निधीतर नहीं मका था। पर उसकमरियत पर सवाधिन हुआ था। इस कारणसे पहुन दिनोस नाये और रस शो काट घर या गरी रेसा बना लोग गङ्गासागर मनमा गदालागारदम' परत देता है। नर हट पानेमे ये हो मब रेवाये उस समय है। पद्मा र मेरना सम्भवत पर समुद्रशास्वामी पदापम धन छोटी बहा दियों और नरोक रूपम, धा, पोरेनदास का परिणत हुई। परिणत होती हैं। यह पोदित भूमि मपी 17 किगा' इम्पासना नथम शादाम रिसे परिमा द्वारा पिर जमा हो कर गौर ममश ज्मारका प्रवास दिखाई देता है, कि वत्तमान रगपुर प्रभृति मञ्च से तज सारित हो पाली मिट्टीद्वारा फिरशिमिन दोन पर ए पात भार या य यमाय वाणिज्यका चाजे गटासे तरहमे चिरस्थायित्व प्राप्त करतोद, अपूणग्निभागमें ! पार या नहाज द्वारा मोलर लाता धों। अपश्य दट जाती और फिर उसी तरह मिाणका कार्य को साकार करना होग निगममा मृतप्रवाह माग' 'रतो रहती है। पुननिमित भाग रव जो पुर दी और रथीर गादसे प्रमादिन न रहोस कसा रह पे सत्र नदर र जाती है, नई गिता और भायनाम सामान्य प्यनस पका राजे उत्तरवङ्गमे गगा द्वारा वदार तमा और उसके द्वारा उन का इतना मुस्तासे होता कानीं साथी । जयमा ऐमा नो हो सस्ता ६,कि दायाको मिट्टी भी विशेष रूपा तरित नहीं | ६, मि इस समय जैस मेवनाक मुहाने पर वहादुर घुस होती। पर समुद्र पाटीको भा भेघा हा पहा है, उस माय गांगेय यद्वार इस तरह होगठिन हुमा और मन मा उमी तरद गगाय मुखशी मारवादर सक भातरण मा उसके दक्षिण भागको गठननिया इस तरह पूर्ण | गौर तमोरम किनारको समुद्रप्ताहाको गगा कहा मवापसे चर रहा है। निर हो मगुप्पका भायास आर दोगे। पेरिप्लुस । गागेय पदरम वाणिज्य द्रष्यादिक प्यादा उपयोगा नपे गपे भूमित्रएइ समुद्रसे जल घट प्रसगम उमो यथा हा गगाया निाशपत्य सूरित हुगा जाने कारण पान हो रहे हैं । उपरान भगठनमनिश! हा पेरिप्सम गात इमा माथी मार भी यदी rot v 115