पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/५१०

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बदला साहित्य और चादमाम यति प्रयकर्ता। इसमें मुमर | २१ दफापेत्-पर मुसलमानी सहिता। पारसो मानी योगमाधननरके अनेक विषय हैं। | प्रथसे कवि सैयद नूरउद्दीनने अनुवाद किया है। शान चौतीसा सरसमानपूर्ण फविना । कति २२ सुलतान म्नमाका प्रथ-यह महम्मद कामिम सैयद सुलतान इसके रचयिता है । कारचा हुआ है। इसमें कविने मनुष्यये मृत्युवारीन १० थकान रहर इसमें हजरत महम्मद मुस्ताफाके मोर नत्परवती काला हाटकीयन् अर्थात् पापपुण्य तिरोधोनका विवरण है। यह सैयद सुल्तान द्वारा रना का न्याय विचारादि सरल भाषामें दिखलाया है। गया है। गुलाम मौलाका बनाया हुआ एक और सुलतान नम १ समेद्देरान-इजरत महम्मद मुस्तफाका स्वग । जमाका प्रप मिलता है। प्रतिपाद्य विषयम दोनों प्रय परिभ्रमण थापार इम प्राय लिखा है। सैयद एकसे है, परन्तु रचनामें कुछ पृथक्ता देया नाती है। सुलतान है। २३ इलिनामा--मुसमानी धर्मनाथ गुरु १० हजरत महम्मदचरित-सैय- सुलतानी इसे तिरका कत्तयता इस प्रधान प्रतिपाद्य विषय है। लिया है। ____ २४ नर कन्दिल-यह कवि महम्मद छरिने ठिना १३ यामिना वहाल- राम द्वारा रचित है। इसमें स्वय, सुटि, मनुष्योत्सर्ग आदिस ले घर १४ फेकायतोर मोउरिन (सलाम हितधा) मानव जीवन शेष विचार तकको यात विवी हैं। विदूषी मनुसहिताकी तरह पक मुसलमानो सहिता, ५५ योग कालन्दर-एक मुसलमानी योगशास्त्र । महम्मदा धर्म परिच्छदसे आयत है। योगमाधन किम प्रकार करना होता है तथा परलोक्ता १५ हातुर वुटर (मात्ममुनि सोपान)-एक धम उपाय क्या है घी इस प्रथमें रिखा। प्राय यह इसी नामक पारसा प्रयका अनुवाद है। प्रथ । २६ मामछेपाराकी प्याख्या-पवित्र कुरान शरीफके पत्ताका नाम मैयद नूर उद्दान है। अन्तर्गत शामडेपारा अशको ध्याख्या और उसके पढने १५ वालपानामा-प्रणेता यिनचाद फकीर। | का फल इस प्रयमें प्रतिपादित हुगा है। फकार होछेन १७ इमामयात्राको पुस्तक-एक धमविषयक मुमत | इसमयक रचायता ह। इस प्रथक रचयिता हैं। मानो प्रथ। इसा रचयिता ह यगुग जिला निवासी २७पित इमान-एक मुमतमानी धर्मप्रय। इसका महिचरण औरगना दादा शादर्गतिया सरकार अनुराद अरवा भाषाम हुआ है। रचयिता हाजी यदि माहवा उदान है। १८ होत्य-तयारियो हामिदोके प्रणेता मौल्यो २८ छरछालको नोति था नत्तिय विताय-प दामिदुल मनि इसकी रचना का 1 प्रपद्य और गौ मुमरमानी सहिता। हुलापन निवामी मुनाइम मुगीय रिता है। प्रधाने मूंछ कटानेवाले मुसलमानों पर [ पहनसे कविकरम अगेन इस प्रथा पारसी भापास श्लेप पर लिखा है। मछटाना महम्मदीय शास्त्र में अनुवाद क्यिा । निपिद्धकर्म है। २६ असतार निणय-एक मुमलमानी प्रथाप्रधमें १६ खाणपथ-पाय । यह महम्मद इमिदला सृष्पित्तनसे लेकर असतारवाद तक्या क्याप लिम्वी हैं । ना द्वारा रचा गया ईश्वरवा परस्य तथा सुति और नमी वशक च्याप्यान मसङ्गम कधिने महम्मदका सय कुतिका काल इस प्रथम प्रतिपादित हुआ है। तारत स्वाकार किया है। २० पैगम्बर नामा-यद मुश्तान द्वारा विरचित ।। ३० फनमाश पुरतनामा-बाबो पत्मा हनरत मह प्रय बहुत बढिया है। इसमें हरत, छा,मुछा, दाऊद, | म्मद मुस्तफाको डा और हजरत अली मूत्तजाको खा मुलेमान, नुर, मादि पैगम्बरोंका चरित तथा प्रसन- थो। उनक दो पुत्र थे, इमाम हुसेन और इसन । उनको समसे धोरामवरित और श्रीरामचरित पर्णित है। सतनिहित भव्य रूपराज देखनफे रिये दिन र Fat I 130