वाला साहित्य ५ नोवेलमुन्लु सामारोक-यह पर मुसलमानी ! साहित्यको मल कृत किया था। नीच कुछ पुस्तकोंका यास्यान मय है। सैयद महम्मद अकबर अलान इसकी परिचय दिया जाता है- रचना का। रचना उननो प्यार नहीं है। रागन'मा-प्राचान महातका एक इतिहास । इस ५ कग फुर शाह-पक वडा उपन्याम प्रथ। इमक | पुस्तक्क बनानपाले एक नहीं थे। घी मिल कर इस रचयिता मिया हममत मरो कानी चौधरा है। का सङ्कलन किया है। इसमें प्राचीन राग और तालका ६ तमिम गुराल चैतन्यामलाल-एक प्रेम कहानो। नाम, गत् रागका ध्यान तथा प्रत्येक रागानुयायोपिक महम्मद अकबर इसक रचयिता है। गान रिपिघद्ध है। ७ पद्मावती-चट्टप्रामके सुप्रसिद्ध कवि आलाउल ___ २ तालनामा-सगोत मम्मघीय एक पुस्तक । द्वारा रचित । बट्सला साहित्यमेवोके निकट इस प्रथका बालोच्य प्रथमं द्विज रघुनाथ, श्राबाद राय छैयद माहन विशेष गादर है। उदिन, गोपीवल्लभ छैपदमूतंजा, हरिहर दास नाछिर। रामति मयफर मुलुक-लारमति और जोल उदिन, गैयाज आलाउठ भवानन्द अमान, सेरचार, कणायन सिकन्दरके पुन मुल्लुक प्रणय और परिणय | शिवरामदाम और होरामणि आदिका भणितायुक्त पद व्यापारको ले कर यह प्रप्रलिया गया है। पाया गया है। मलिकाका इनार सीयाल-एक पञ्चारिका । सेर सहिपत्तज-ए सनात पुस्तक । इसमें राग चार गराइमके रचयिता हैं। तारके जमादिका हाल लिया है तथा चम्पागाजी रङ्गमारा-पक काथ्य फरीर महम्मद विरनिन । यह वपमा अनी और अला राजाको भणिता देखने मेम और भतिकहानी ले कर लिया गया है। भाती है। रेजबान शादा-एक मुसलमानों उपाख्यान प्रथा ___४ ध्यानमाठा---एक मड्डीतविपया पुस्तक। राग इसे पकाय बहन में भी कोह अत्युक्ति न होगी । कवि तारको उत्पत्ति कौन राग फव गाया जाता है और किम शमसर सलोने पदने पदर इमका रचना की। कुछ अश के द्वारा पहले पहल पाद्यय का आविष्कार हुमा, उस रचे जान बाद उनका देहाल हो गया। पोछे कवि का एक आनुपूया इनिहाम पुस्ताक मध्य बालोचित माछलामने उसकी रवा शेष की। भावलाम-एक मुसलमानी पेच्छा या राजयुमार हुया है। राजकुमारीका प्रेमकहानी । समसुदान छिद्दिकीने इसकी ५रागतालकी पुस्तक-समी राग और ताल की उत्पत्ति दण्डमाग घडीमाग, रागत रके निराह आदि रचना का। विषय लिये है। इसमें केरल दो व्यक्तिको भणिता देवी युसुफ जलेना-युसुफ और जेलेवासी प्रेमकहानी से कर यह प्राय लिखा गया है। पारसी भाषाफे प्रसिद्ध जानी है। मपत नामा नामक ग्रन्थका यह पर पद्यानुवाद है। चम्पागाजी पर पिण्यात पण्डित थे। मगीतशास्त्र रायतो मजनू- मुसलमानी प्रेमकहानी । यह में उनकी आमाधारण व्युत्पत्ति थी। उनक रत्रित मनेर काय नियोगान्त है। प्रथा कविका नाम दौलत | सङ्गीत पाये जाते हैं। यजार पहराम है। ६ रागनामा-इसी श्रेणीको पर दूसरा पुस्ता । समीतशापा। पदसप्रह-रागमाला आदिमें जिस प्रकार मुमर मुमल मान लोग सङ्गात मास्त्र विशेष पारदर्शी थे। मान करियोंक रचित पर और गाता समाघेश हुआ है, मारन-सबरी पढनेम इसका गच्छौ तरद पता चरता आलोच्य पदसग्रहम भी उसा प्रकार बहुतस व्यक्तियोंक है। हिन्दू भार मुममा सहोताफ यतसे रानामा, रचित विभिन्न पद और गीत रिपियद दो नगते हैं। तालनामा आदि भने पुस्तकें रवी गा जिहान बहुला झुलुमा-पर छोटो गीतका पुस्ता । मर्म सिफ