पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/५८०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

वयन विद्या स्त रपेटनेसे अच्छा होता है। नरियेमें उतना हो मोटा। जिस मोर दो शरे गा गये है, उस ओर ताना पर सूत लपेटना चाहिये जितनेसे वह सुगमतासे ढरको आरम्म एघ निस मोर तीन शरे गाहे गये हैं उस मोर में प्रवेश किया जा सके। समाप्त करना होता है। क्पडा जितना हो घौडा करना हो पर जितना घना वा पतला युनना हो, उसी हिसाबसे तानेका फ्रेम सनाना और वार गुथना-जितने जोह सूतेको सख्या भी ठोक करनी होगी। फिर कपड़े के पढे पक घारम तैयार करते हो, उनका आवश्यकता दोनो पाढो के लिये सूते ठीक करक क्ल पर ताना नुसार नरिया ( Bobbins) भर कर ताना कल मध्य चढाना चाहिये, कारण यह है कि कपडा बुननेक समय स्थित सामें पहनाये। इसके बाद प्रत्येक नराके सा सूते कम वेश हो जाते हैं, इसलिये ताना करनेक समय के छोरखो बाहर करके एक बारके दो छरोंके मध्यम्य ही सूते गिन लेने चाहिये पच १०० सूतको एकत्र कर छेदोंके बीच से होकर स्त्री लेवें। इस तरहसे जितने गाँउ वाघ देनी चाहिये। क्लकी सहायतासे पाडका नरिया हो, उनमसे आधी तो वारके छेदो में एव माधो ताना न करके अलग ही करना उचित है, क्यो कि पाडो छरोंके छेद में प्रवेश कराके एक साथ गांठ दाँध देनी के तानेर्म दोहरा सूता दिया जाता है अर्थात् दा छडो पडती है। को एक साथ करके नारे लगा कर पय उस दोहरे ताना परना (Warping)-ताती लोग एक | स्नेको एक 'वावमा" चरखोम लगा कर, घरखाको बाये माघ ४ जोडे से ले घर १२ जोडे तकका ताना जितने हाथमे पकह दाहिने हायमें एक "इलको' लेवें फिर हाथ लम्बे कपडे उनकी इच्छा हो, उसस डेढ दो हाथ ! चरनीस दोहरे स्तेका छोर वापर करके 'हलका" की अधिक लम्या नाना करना चाहिये। ताना चौकोन अटोक मध्यसे पहले खू टेम बाधना होता है । इसके बाद किया जाता है। १०+५हाथफ स्थानमै ४० हाय लम्या हलकाको सहायतास ये सून एक छडके भीतरस हो कर ताना पिया जा माता है। पहले दो नियमित स्थानो में | एव दूसरी छहये बाहरसे घुमाये । एक ओर पाहा ३घा १० हायके दो पूरे गाडने चाहिये। पहले पूरेकी ताना समाप्त हाने पर छडौका क्रम प्रमसे उलटा र यहि ओर ६ या ७ की दूरी पर एव दाहिनी ओर ३ | गाह दवे एव दुमरी भारफे काय भा उक रूपसे सम्पन्न छडे, इसके बाद प्रत्येक २॥ या ३ हाकी दूरी पर ] करना चाहिये। पर इनमें दो दो एडे गोहनी चाहिये। इसके बाद पहले एक भोरके पाडका ता11 करके कपडे के प्रत्येक २॥ पा ३ हापको दो पर पक पक लाइनमें | शान्तिपाड या रगोनपाका ताना समाप्त करेंगे, फिर दो दो छई गाइनी चाहिये। इसके बाद तानेकी कल | दूसरी मोरकं पाडका ताना करनेक लिए छोंको घुमाना ( Bobbin frame ) पर वार ले भाये, सूतक छोरो को नहीं पड़ा।माज क्लताना करनेको कल हो जानेसे यह प्रयि खोल कर पहले सूरेमें वाघ देये पव वारको दाहिन काम बहुत सहज हो गया है एवं थोडे ही समयमे ताना हाथसे पकड कर धमकाते हा सूता बाहर होगा। वाये करनेका काम समाप्त होता है, नहीं तो दो जोडे पढे हायसे उसका एक प्रम्य सूना पहरी छडके मध्य का ताना रनमें डेढ दिन लग जात थे। तारीफे शेष भौर दूसरोफे पादर पर दे पप दूसरा प्रस्थ सूता पहले हो जाने पर मोटे शक बदले पतले 'जो शर' गाने छडफे बाहर और दूसरोके मध्य र य । इस तरहसे | चाहिए पर पहले ग्यूटेमें लपेटे हुप सूतेको कार पर जिस सभा छडो में सूता पहना कर पहले सूटेक पास आना ओर दोशर है, उस ओरसे सावधानीफे साथ 'जो शर' होता है अर्थात् साधे सूत प्रत्येक छडके दाहरको घोरस मध दर्थे । जहां तीन शर है, यदा जा पर एगमग रेट पध आधे मातरको मोरसे छोंमें पहना1 पते है।) हाप सता बाहर रखे और उन सूतोको फैलाते हुए ऊपर किंतु दोनो ओरक दोनो सूटॉम इस तरहसे सूता न , तथा नीचे दोनों "बिय" से पफ पार फिर लपेट कर सपेट कर सिंफ वाहकी भारस ही घुमाना पड़ता है। दही' द्वारा चियष्ट' फ साथ शरोंको वाघ देखें। इसके