पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/५८१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

वाद जो तीन "जो शर" बाहर रह जाते है, उन्हें भी 'दडी'! परोक्षा करने रहें. पीवमें सून टीले न पड जायं वा के एक और पेंच दे कर जिस स्थान पर मा शर है. विठकुल कस हो न जाय, इसलिये परक पतली छड उसे उसो भावसे पेंच दे देवें, जिससे वह गिर न जाय। ममय समय पर लगा दिया परें, अथवा स्थान स्थान पंचल ये तीन 'तो' रखना हो यथेष्ट होगा, किन्तु किमी पर पत्ता या कागज रय दिया करें, निमसे जाने के मत कारण वीचमे सूता कट जानेसे भी अमुविधा न होने अचे नोचेन हो जाय, उसी नगद की वस्था करें। पाचे ; इसलिये ताँती लोग अधिक "जो भर" रखे जुलाहे लोग जिस ओरसे रांच मरते है, उसी ओग्ने रहते हैं। नगजाता लगने में और साथ ही मागच दसरी रांच 'मरना-ऊपर लिखे गए तरीकेसे ताना नैयार | ओर ले जाने । म यधारवान पर ननु स्थापन करनी कर लेने पर एक ऊंचे स्थान पर मना बांध कर सम अधिक सुविधा होती है, किन्तु नांती लोग जिन योग्मे और तीन छडे है उस ओर लटका देवें। इसके बाद पक , गंच मरते रे, उसको विपरीत दिशामे नगज लगाते हैं। साथ २०२५ मत एकत्रित मोटी बांधी जायगी एवं "व" बांधनकी प्रणाली राजमे स्मृता नजाने में अझोंटियोंके मध्य एक 'पालावाडी' चला देनेसे सूने के बाद नरामके दोनों ओर दो टाके मार कुछ चाकर फांक अलग अलग हो जायेंगे। इसके बाद कपडे की के वांधना पड़ता है एव उनकी दूमरी ओर जो निरे हे चौडाईको विवेचना करके रांच तथा कपडे के मध्य म्यान हुए हैं, उनके दोनों योर १०चलने दो टे नाट ठीक करके 'पालावाडी' के साथ 'राच' लगा देवें। एक कर इस तरह बाँध देना चाहिये, जिसरे सब सून ओरसे झोंटी बोल कर एक एक जोडा सृत रांचके। समान मावसे कने रहें। अपर लिग स्थानोंक नों प्रत्येक छिद्रमे पिरो दे । इसमें दो आदमियों को आवश्य'जो शरों के द्वारा दो "जी" (Lence होते है, उनले कता होती है। एक आदमी सूनेको रांचके छिटके पास बीच हो कर 'घ' यांधना पड़ता है। पहले सामने रखता है और एक शादमी दूसरी ओरसे मुतरी द्वारा सूने- 'जोये अन्दर एक 'चियर' पहना कर घुमा देनेने ही मनी. को रांचमें पिरोता है । इस तरह विशेष सतर्कता के साथ में फार उठ पडेगा। पक हाथकी चरग्बी में 'क' बांधने रांच भरना होता है। रानमे २०३० सूत पिरोने के बाद का सूता पहना कर उम चनोको २॥ चा २ दायकी दूरी उन्हें एकत्रित कर वाध दिया करें। कलमें भी ( Mills); पर मिट्टी में गाड दे। चवीने सतका अग्रभाग पक रांच भरनेमें इसी तरह दो आदमियों को आवश्यकता लम्बी छडके सिरे से बांध एवं "जो" के अन्दर घुपा कर होती है। उन्हें Reacher in एवं Drorer in कहते हैं। मावधानीसे दुमरी ओर पीच लेवें। गुलट के पनले जोलाहोंके नियमसे रांच भरना आसान है, क्योंकि वे हिस्से से चिढ़में 18 हाथ लम्बा एक मोटा सूना बाँध देवें मिरा नहीं काटते, एक साथ जोड़ा सूत मिले रहनेसे । सामनेवाले 'जोक अन्दर "व" यधे हुए सूनेको दाहिने एक आदमी ही रांच मर सकता है। . हाथमे इस तरह उठाये जिससे 'चियर' के ऊपर ताने नराज सजना (Beaming)-यह विशेष सावधानी का एक एक गुच्छा सून लिपट जाय । 'व' मुता उलटा के साथ सम्पादन करना चाहिये। रांच भर लेने के बाद कर गुलटके ऊपर वाले डडेके नीचेसे घुमावे एवं उंडे के सूतके छोरोंकी झोंटी वांध कर बाहर के नराज तथा रांच । साथ एक पेंच दे कर सतेको गुलटके नीचेसे हो कर का मध्यस्थल ठोक मिला देवें, फिर उनके मध्य एक ' सामने की ओर ले आनेसे एक सूतेका 'व' चाँधा जायगा। पतलो छड दे कर बाहरके नराजके बीच एक छड लगा। इस तरहसे एक एक करके 'चियड'के ऊपगे सभी स्तों देवे' एवं एक आदमी दूसरी ओर एक पालावाडी दे कर के "य" वांधने चाहिये । समूचे इंडे में "" बांध चुकने स तेको कस कर रखें। तव नराजके छिद्रमें एक पर गुलटके पतले हिस्से के पाश्च सलग्न सूतेसे गुच्छा एक ताना लपेटनेका शर लगा कर घुमावें और एक आदमी मोटी छडके साथ बांध कर इंडेके नीचेले 'व' के भीतर स त यथास्थान पर बैठता जाता है कि नहीं, इसकी रखें। 'द' के अन्दर शर पहना कर उसके दोनों छोरोंको