रोम-साम्राज्य
सके सारे इटालियनों और रोमको मार डारनेको । उतरा। उस समय ए- सिपिमा मौर नोर्याना पसल
ज्ञा जारी पर दी। ८०००० रोमक एक दिनमै । थे। सिन्ना मौर सिसालपा न गलोंके प्रो सल
पर डाले गये। मिथिडेटिसके पयलाभसे यूनानियोंने कार्यो, सरलाके साथ युद्ध करने के लिये सैन्य संग्रह कर
मिकी अधीनताको तोड कर विद्रोही हो उसकी सहा रहे थे। रितु सिन्ना अपने विद्रोहियों के हाथ मारा गया।
ताके लिये यात्रा की । इस समय सल्लाने पांजोंके सा मेरायाका दल नेतृहीन हो पर मा सटाके साथ
चूनानके मातर्गत पपिरासमें आ कर पथे स गीर पिरि । युद्ध करने का आयोजन करने लगा। २००००० फौने
पास पर घेरा डाल दिया। कुछ ही समयमें सलान । मेरायासतके दल की ओर युद्ध करने लगीं। किन्तु सला
रथेस पर अधिकार कर उसे लुटा पारा। । ४०००० फौजोंके साथ प्राण्डुसियासम उपस्थित था।
मिथिडेरिसके सेनापनि आफैलास विशाल सैन्य किन्तु मेरायासका सैन्य दल, अधिनायक और शिक्षाके
- अमायसे कापुआ, रिनाम और पिनेप्टिके य दम पराजित
ले पर व्यूरिया सहाके सामसे आ डटा। चोरेनिया |
हो कर तितर बितर हो गया।
नामक स्थानमें भयङ्कर युद्ध होने रगा। किन्तु इम ।
___साल नोर्वानाला फम्पिनीयरके युद्धक्षेत्रमें पराजित
समय पर नयो विपद्का सूत्रपात हुआ। मेरायासको
हो पर रोडस द्वोपम चला गया। इधर कार्यों और छोटा
मोरसे एक सैन्य ले कर भालेजियम शाक्सको एक दल ।
“ । मेरायास रोमा कासार नियुक्त हुए। इसासे ४२ वर्ष
फौजके साथ यूनानम मिथिडेटिम और सहामे माथ
पूर्वा साल्लाके सैम्यके साथ छोटे मेगयासका साकि
ही युद्ध करने के लिये भेना गया। फिस्त्रिया नामक |
पोटम नामक स्थानम युद्ध हुआ। मेरायासने परास्त
सेनापति के साजिशमे ताकास मार डाला गया। पोछे
होकर प्रिनेष्टि नामक स्थानम आश्रय प्रहण किया।
फिस्त्रिया सेनापति हो र मिथिडेटिमके विरुद्ध कर
ग्रिनेप्टिके उद्धार के लिये दो युद्ध हुए। इस समय पम्पी
युद्ध में परास्त किया (८५६०के पू०) । इधर आमिनास
और कार्योमेटलास सल्लाका ओरमे कार्याक साथ युद्ध
नामक स्थानके युद्ध में सल्लाने आधैलासको पूर्णरूपसे
करने लगे। सल्ला ये रोक रोममें जा घुसा। फापों
पराजित किया। उस समय मिथिडेटिसने सधिको
पराजित हो कर अफ्रिका भागा। किन्तु सामना
मार्थना की। यह इसाफे ८४ वय पूर्वको घटना है। इसके
और लुकानियन सलाके विरुद्ध युद्धार्थ रोमकी ओर
अनुसार मिथिडेटिस पशिया सण्डके जान हुए प्रदेशों को
दोडे । कलिनगेट नामक स्थानमं भीषण युद्ध हुआ ।
रोमोको दे दिया और ०० सुसजिन जडोजहाज
सामनाइट सेनापति पण्टियाप्त कासको अद्भुत धीरताके
रोमकों को दिये। युद्धके क्षतिम्वरूप उसन २०० टालेख
कारण पराजित हुमा और मारा गया। पास मर्शियस
प्रदान क्येि । सहान सधि पर मेरायास द्वारा भेजे हुपे
नामकरणक्षेत्रों सलाके नृशस मादेशसे कह सहस्र साम
कामके हत्याकारी मनापति फिस्त्रियास युद्ध करनेकी
नाइर गौर लुकानियन केदियो शिर फाट लिया। इस
तयारा की। यह देख पिप्रियाश सेनायें उसे परित्याग
घटनासे प्रिनधि किले के सैनिकोंने आत्मसमर्पण क्यिा।
कर सल्लाकी फौजोंस मिट गह। फिस्त्रियने मात्मस्या
छोटा मेरायासने आत्महत्या कर ली।लुकानियन पिईय
पर ली। इसके बाद सलादरीकी ओर बढा। सरलाने
मायसे मारे गये । सरला व इटलाका एकमात्र कर्ता
पशियाम विजय प्रास करते समय अपर सम्पत्ति हस्तगत
हो गया। उसने मेरायासके पक्षपाती समा आदमियों
पर ली थी। सिया इसके वह युद्ध में फस रहने पर भी
फेरि लानेको माछा जारी की और इसके लिये
यूनामक रिउस नगरसे पेलिकन नामक विराट पुस्तका
पुरस्क रालोम दिखाया । इस अनुमार भीषण
स्य रोम ले माया था। इस पुस्तकालयम गरिएल
रोमहर्पण दृश्यका अभिनय होने लगा। २०० सेनेटके
मौर घिउमाटमके प्रन्य सुरक्षित थे।
सदस्य, ४६"सल १६०० विचारक थीर १५००००
इसा ८३ वर्ष पूर्व घसम्तकालमें ४० हजार सैनिक रोमालियांके शोणित स्रोतसे रोममें धीमत्स दृश्य उप
भौर बहुसंख्यक पारिपदोंक साप साल्ला नापलियममें स्थित हुआ।
पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/६२
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