पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/७५

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सोमसाम्राज्य लिया। उस समयने २५६० तक उक्त प्रदेश रोमके। कोमोडासकी मृत्युसे जनताने शोक प्रकट न कर अधिकारमें था। बादशाह द्राजानने योगविया-पिद्रिया। उसकी जगह पर प्रिफेक पार्टिनाक्सको बैठाना चाहा। प्रदेशको रोमसामान्यमे मिला लियो था। उम समय अन्यतम कन्सल सोसियास फालको उसका मार्काम ओरेलियासके राजत्वकालमें (१६२ १७५ प्रतिद्वन्द्वी वन कर सिंहासन अधिकार करनेकी चेष्टा ई०) माॉमन्नी आदि असभ्य जानिया सीमान्तसे करने लगा। किन्तु सफलता न मिली और समी आ कर रोम राज्य पर आक्रमण करने लगी । वे धीरे ध्वंसको प्राप्त हुए। धारे उत्तर डेन्यूव प्रदेशको पार कर क्रमसे रिटिया, नौरि कोमोडासको मृत्युके बाद (१६३ १०की २८वीं काम और पाननिया प्रदेशको लूट पाट और ध्वंस कर मार्च को ) तीन सौ "प्रिटोरीय गाईस" नामक रक्षक आपसको पार कर इटलीमे आ उपरियत हुई। इन चैदे- सनि ने गुप्तम्पसे महल पर आक्रमण फर पार्टिनाक्स शिक वर्वरों के साथ रोमको चौदह वर्ष तक युद्ध करना को मार डाला था। उस समय टेन मिरिया और पड़ा। इल्लिरिकायके रोमीय सेनावृन्दने प्रिटोरीय सेनादल के सन १८० ई०में मार्काम योरेलियामा मृत्यु हुई। पार्टिनाफ्सको मार डालने पर शोक प्रयास किया और उस समय से २८४ ६० तक सामान्य युद्धविग्रह और इस बुरे मार्गसे प्राप्त अर्थको युक्तियुक्त स्वीकार नहीं शासन विश्वास रोम साम्राज्यमें घोर विपर्याय उप किया। उस समय ये अपने अपने कठोर अधिनायकोंके रिया हुआ । विन्तु सेप्टिनियास सेभेरास, डेसियास / अधीनमें रह कर उपरोक्त हत्याकारियोंको दएउ देने के इडियास, औरेलियन और प्रोवास आदि रणदुर्मद लिये आगे वढे । पृटेनके लीजनके नायक क्लोदियास वादगाहोंके कठोर शाननसे रोम ध्वंस होनेसे बच गया मालचिनास, सिरिया सेनापति गौर पिम मेनियास था। २११ ई० मे मेमेगसकी मृत्युके वादसे २८४ नाइगर और पानोनिया सेनादल के अध्यक्ष सेप्टिभियासने डायलिसियनके राज्यारोहण तक लगभग २३ बादशाह भेरास पार्टीनापाको मृत्युका बदला चुकाने आ कर अगएसके सिंहासन पर बैठे थे। इनमें केवल तीन नापसमें प्रतियोगी हो कर सिंहासन पानेकी आशामें वादशाहोंकी शोचनीय मृत्यु हुई थी। डिसिया गया युद्धका आयोजन किया। लुगडनाम रणक्षेत्रमें हेलेस जानिके साथ युद्ध करते समय मारा गया था। माले पेण्ट और सादलिसियाके युद्ध में और चैजयन्तो नगरके विचानने सुदर पूर्व की ओर फैटमे पड कर अन्धकार- घेरेके समय भीषण युद्धमें बालयविनास और नाइगर. पूर्ण जीवनका अवसान किया था और कृडियासने उसी परिचालित प्रतिपक्ष रोमक मौनिक अपने नायकके दुर्दिनकी महामारी में अपना जीवन खो दिया था। साथ मार डाले गये । पृथ्वी रक्तरञ्जित हुई। श्रीराम. __राजमुकुट आहरणोहे से जानले भयकारी इन सव | गणी सैप्टिभियास सेमेरासने इस तरह शत्रु ओंका अभिमानी बादशाह 'टाइरेण्ट' नामसे पुकारें गये थे। नाम कर सिंहासन पर अधिकार कर लिया। विख्यात कीमोडासाने अपनी बुद्धिके दोपसे और अत्याचारसे नीतिवान् पापिनियन अपने अधिकार के समय प्लोटि- रोम राज्यमें विश्वला उपस्थित कर दी। चारों शोरसे नासके बाद "प्रोटोरियन प्रिफेकृ" हुआ था। उक्त पापि- शत्रु ओंने उसके प्राणनाशकी चेष्टा की। उसकी वहन नियनके सिवा उसके वंशक अधिकारकालमें पलास लसियास भेरुसकी विधवा पत्नी और ब्लडियास पम्पि- और उलपियान नामक दूसरे दो घ्यवहारविद् पैदा हुए । नागको द्वितीय-परिणीता रमणी लुसिल्ला भाईके प्राण उनको लेखनीसे मालूम होता है, कि उस समय रोमको साजिश करने लगी । आम्फी थियेटरसे महल में आते राजनीतिने पूर्णता प्राप्त की थी। समय वादशाइको मोडास गुप्तवातकके हाथ मारा ____प्रथम पत्नीके वियोगमें सेभेरासने पमेसावासी गया। सन् १०६ ई०को ३१वीं दिसम्बरको लुसिल्ला जुलिया डोमा नाम्नी एक रमणीका पाणिग्रहण किया। निर्वासित की गई। ये रमणी रोमको सम्राझी होने पर भी चरित्रहीन थी,