पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/७९

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७६ राम-साम्राज्य नियुक्त हुआ! उसने गथ-शबुओंके विन्द अत्र धारण। सैन्य ले पर अग्रसर हुमा। गालियेनास राइन किनारे करने में असमर्थ हो कर उन्हें धन दे कर मनुष्ट रिया।' था। सेनापनि पसथूमासने फाइनोको पगजित कर इस दुर्दिगके समय अकम्मात् इप्टिलियानासको मृत्यु गल गत्यकी रक्षा की और आलेगन्नियोंको मोय- हुई। लोगोंने गालासके प्रति सन्देह किया, दिन्नु : प्रजाटने पराम्न घ्यिा। यारोंको जोन पर भी विशेष को भापनि नहीं की। उन लोगोंने उमफे सइ- गारिदयेनाम सन्तुष्ट नही हुआ। योजि, उस समय गुणों पर गोहिल हो कर उसको ही सम्राट के पद पर सेनेट भीषण पड़यन्त में फसी थी। उसने मिलान नगर- अभिपित्त दिया। के समीप महन्त्र आलेमन्नी म निकोको पराजित कर गय हाथोंसे रोमका प्रभाव ग्वर्य तथा वन मान मम्राट मार्शमन्त्री राजननया पीपाका पाणिग्रहण किया। की दुचंन्टता देव नया वयर दल पहाडी सोतोकी तरह जब नथ जाति दाढ़की तरह यूनानके प्रदेशोंको लूट रोमसामाध्यमे आ घुसा। पानोनियाके सामनकर्ता पाट कर ध्वंम कर रही थी. तर पारस्य-गज मापुरने एमिलियानासने राजाके निश्चेष्ट मायकी उपेक्षा कर स्वयं गुमापसे अमे नियाके राजा युगाको मार कर उनके अपनी सेना को ले कर इन वर्वरोको डेन्यूब नदीके । अधिन प्रवेगों पर जा कर लिया। रससे पातंज उस पार पर दिया। सेनान उनकी अद्भुत वीरताको गमन के पुत्रने कोधित हो कर युफ्रोटिन नदीके दोनों टेन्त्र उसीको सम्राट बनाया। ओरम देशोंको उजाड बना दिया। भालेग्यिान उमका सम्राट गाल्वास यह समाचार पा कर विद्रोही । बदला चुकाने के लिये युमोटिम नदी के किनारे पहुंचा। नानीको और एहयोगीको समुचित दण्ड देने के लिये। नदीको पार करने को पारस्यराजकी लेनाओंने उसको स्पोलेटो-रणक्षेत्रमे उपस्थिन नया। चिन्तु सम्राट को पराजित कर फैट पर लिया (२६० ई.)। मी समय सेना विद्रोहियोंमे मिल गई। फल यह हुआ, कि पुत्र । विरयात वीर हिमोस्थेनिम कापाहोकियाकी राजधानी के साथ सन्नाट गान्लास मारा गया। इसी समयसै सिजारियाकी रक्षा कर रही थी। बाद मापुरने घोड़े पर गृहयुद्धका अवसान हुआ। यह २५३०की घटना है। सवार हो कर रोमसन्नाट का पाल बिचवा लिया। पीछे उक्त वर्ष के मई महीनेमे एमलियानासने राजसम्मान उस पालको भूमेसे नर कर पारस्य विजयको कीर्ति- पाया । वह सेनेटके हाव शासनविभागका भार अर्पण कर स्वाप राजस्थमे गड्या दियो । स्वयं रोमराज्य-रक्षा अभिप्रायले उत्तर और पूर्वकी ओर ___गालिटयेनास अपने पिनाको मृत्यु पर हर्षित हो वर्वेरियनोंको दण्ड देनके लिये सेनापतित्व ग्रहण कर उठा। अब बद्दी राज्यका एकमात्र अधीश्वर था। उसके चला। किन्तु उसका यह उद्देश्य काा में परिणन नहीं वाग्मितागुणसे, कवित्वशक्तिसे और उधान-गरिपाटीसे हुयो। स्योंकि गाल्लासने इससे पहले ही भालेरियान समी उस पर प्रसन्न रहने थे। रितु उसकी तरह नीच न्य संग्रह करने के लिये गल और जर्मनीमें भेजा प्रकृतिका मम्राट् कभी बैठा न था। उसके इस श्रीहीन था। भलेरियान सैन्य ले कर लौट आया। इन दोनों में राज्यने क्रमन. वैदेशिकोंके आक्रमणसे बीमत्मरूप धारण संघर्ष होनेसे पहले एमिलियानास सेनाओं द्वारा किया। बरगण रोममाम्राज्यको हिलाने डोलाने लगे। मारा गया। अलेकसबिडयामें गृहविवाद उट बड़ा हुया । सिसिली सेन्सर मलेरियान ६ वकी अवस्था साम्राज्य- द्वीपमें डाकुओंके प्रादुर्भावसे राजकर न मिलने लगा। को अधीश्वर हुआ। विन्तु पुन गालियेनामके हाथ इसीरियामें द्विवेल्दियानाम शवृतावरण करने लगा। बारह राजकार्यात्रा कुछ भार अर्पण कर निश्चिन्त हुया। वर्ष तक इस तरहके विप्लबसे नया लगातार १५ वर्ष इमसे राचमे घोर विशवला उपस्थित हुई। फ्राइम, तक महामारीके कारण रोम साम्राज्य ध्वसप्राय हो गय, आलेमन्नी श्रीर पारसीगलोंके वारंवार आक्रमणस; उठा। यह देख सम्राट को पड़ा शोफ हुआ। मलेक चिन्तित हो कर राजा स्व युद्ध करने के लिये पूर्वाकी ओर सण्डियाफे आधेसे अधिक अधिवासी दुर्भिक्षके कारण