पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/८०

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रोम सम्राज्य मरगपे । उस प्रज्ञामएटलीने 'स्वेच्छाचारी रानाके पाप | तैयारी की। यह राजदुर कामिनी रूप और गुणों से से राज्यका क्षय होता है। समझ औरेमोलामको अलत थी। यह यूनान, मिरिया और मिस्रदेशको सम्राट बना कर आइडाये रणक्षेत्रम गालियेपासको । भाषा अच्छी तरहसे जानती थी। उसके पति वीर हराया। आधी रानको मम्राट गुप्तचरों द्वरा मारा गया थेष्ठ गोडेनाथास सनेटमे सिरियाका शामा नियुक्त था। मरते समय सम्राट गजपरिच्छद और वेशभूषा किया गया था। स्वामीचे मर जाने पर नेषियाने ही सब पाभियाफे सेनानायक सियासो दे कर राजसिंहासन प्रदेश शासन कार्य किया था। और तो क्या, पारस पर येठानेको व्यवस्था पर गया। इसके अनुमार कटि रा तपा रोम सम्राट गालियानासकोभा उसके हाथस याम राजसिंहासन पर बैठा। मिलान हाथ पर और पराजित होगा पडा था । इस समय उमने अपनी राज्य और लिमोरासको मार कर उसने सेनाओंका सस्कार | सीमा विथिनया सीमा तस युटिसके किनारे तक किया था। मितु गथ और वारों के साथ सौरमतीय विस्तार पर ला थी। शस्यशाली मिनराज्य उसक तथा अन्यान्य जमन जातियोंन जल और रय 'से युद्ध अधीन हुआ था। पर रोम साम्राजाको निध्वस करना भारम्भ किया था। ___सम्राट औरेरियानके विधिनिया पहुचने पर सयोने कडियासने रोमको इनसे बचाया था। फिर नाइसेसके | उसकी वश्यता स्वीकार कर ली । मानपिरा और तियाना गुबमें डियामने युद्धविद्याका यथेट परिचय दिया था। पदानन हुए। कि जेनोरियाने युद्धको तैयारी की। इसी समय सनार में प्रधान शत्रु टेद्रिकासने पश्चिमा अन्तिमओक और पमेसारके युद्धर्म (२७२ इ०में) परा चल में और जेनोलियाने पूर्व प्रदेश राज्य स्थापन करनेकी जिन हो कर जेनोपिया नीप्सरा वार युद्धकी तैयारी करने चेष्टा की। पहले तो यह उा सयों दएड देने पर तैयार लगी। उसके मिस्त्रविनयी सेमापति जावदास तथा मये, किन्तु पोछे वह मिसिया थेस, माविडोनियाके उमने स्पय युद्ध का परिचालना की थी। इघर सबार, युरमें विजय लोम फर रोगामात हो शिामिपास नगरम। के विश्वस्त सेनापति प्रोवास पफ रणचाहिनी ले पर मर गया रामरते ममय यह मोरलियानको राजसिंहासन मिस्रो जीत लिया। उस समय रानी जेनोवियाने अपने का अधिकारी बना गया। फिर भी उस भाइ दुइटि । क्लेिम आश्रय लिया। उस समय पामिरा नगरी लियसने १७ दिरफ लिये माकुइलेझ्या नगरमें राजच्छता का समृद्धगौरव रोमसे कुछ कम न था। सम्राट न शिर पर धारण किया था। औरेलियानके गानेसे शव, पामिरा पर घेरा डाला । पारसके राजाफे मर जानसे दलम्नयतके दूसरे पार भाग गया। साहाय्यको भाशा रही। घर मिन विजय कर शिरमियास नगरवासी किमानकुलका सामान्य ! प्रोवास पहुंच गया । यह देख रानी जेनोरिया भाग खडी सैनिक रह पर सीमाग्यसे लियान सम्राट पर हुई। किन्तु पाछा करनेवाले सैनिको न उसको पक्ड गया। उसके राज्यकाल के चार य महीने में गधिक। लिया। सम्राट रानीदी बहादुरी पर सदयता दिखाइय युग" का अन्न हुआ था। जर्मननातिने अपन क्येि, सार के यहासे जाते ही पामिरायासियोंने विद्रोह कर दुष्कर्मो का उपयुक्त दण्ड भोगा था। एकुटाइन प्रदेशक। यहाक शासक्को मार डाला। यह समाचार पाकर सम्राट शासनक्सा टेद्रिकास राजसिंहासनलामा प्रयासी सौर आया और उसने पामिराका स किया था। हुभा। इस मधारने विद्रोही होन पर पकह कर पामिराको भावाल-गद्ध पनिता समी तलवारफे शिकार पैद कर लिया था। आएटोनियासी चहारदीवारीसे हुए थे। यहासे जा कर उसन मिस्रके विद्रोहका दमन हायलास स्तम्म सक सम्राट शान्तिविस्तार पर किया। दलपति फामास मारा गया। विजयगीरयसे निश्चिन्त हुमा था। यह २७१ १०की घटना है। उम्मत्त होने पर भी सम्राट ने केदो गजाओंके प्रति असद्ध इसके बाद सम्राट न उसी पपर्म ही पामिरा गौर व्ययहार नहीं किया। जेनोवियाको उसमे टिमोलीफे पूर्व प्रदेशीको अधीश्वरी लेनोबियाफे विषद युद्धकी गोचेम रखा था और उसको भ्याओं का विवाह Vol, x, 20