पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/८३

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रोम सान ज्य भार मिली। गालेरियसको डेन्यूश्के किनारे के प्रदेशोंका हुए। इस तरहका आयोजन करनेसे गथ, भाण्टाल, शासनभार मिला । माक्षिसमियानने इटली और गेपिनि, आलेमन्नी दि चर्वर ज्ञानियोंका बल चूर्ण अफ्रिकाका अधिकार विस्तार किया। स्वयं अधीश्वर हुआ था और वे रणक्षेत्रमे यमसदन सिधारे । थालेमग्नी डाइओग्लिसियन थेस, मिस्त्र और एशियाके धनधान्य , लग और चिन्दैनीसारके युद्धमें वेस्तान्सियासके हाधसे पूर्ण राज्योंका शासनभार ले कर निश्चिन्त हुआ। पराजित हुआ। गलवासी मालेमन्नी जातिके उपद्रव डाइमोल्लिसियन अनुलिनास-बंशीय एक सेनेट के । यच गये। सदस्यके गुलामका पुत्र था। वह बुद्धि और वाहुवलसे मित्र विजयके वाद वद्द पारस्यविजयमे लिये चला। अनुल सम्पत्तिका अधीश्वर हुआ। राजा हो कर एक वर्ष- ' गेम-साम्राज्यके चतुर्विभागकी परत साहिनियों उसकी के बाद ही सन् २८६ ईमें वह मापिसमियानको अपना सहायता के लिये भेजने की व्यवस्था हुई। लेरियास सहयोगी बना लिया। इसके बाद दूसरे वर्ष उसने : साथ माथ चला । पारस्य राजा नारोपने नाना वागाडीवासी विद्रोहियोंका दमन किया। इस समयले स्थानोंसे सैन्य संग्रह किया, किन्तु कोई नलावद्ध रोम साम्राज्यके चारों ओर विद्रोहाग्नि प्रज्वलित हो । व्यवस्था नहीं कर सका। युद्ध में असमर्थ हो पर वह उठी। वर्वरजाति रोमकसीन्य, राजकरके रामद करनेवाले मिसियाकी मरुभूमिमें भाग गया। गलेरियामने उसके और स्वयं राज्येश्वरोंके अपूर्व अत्याचारोंसे प्रपीड़ित गल परिवारवर्ग ( स्त्रीपुत्रादि ) को बडे यत्न और सम्मानके जाति विद्रोही हो उठी। परटासके किनारे पर फ्राडू। साथ रणक्षेत्रमे रखा था। अन्तमें सन्धिका प्रम्नाव औपनिवेशिकोंने डकैती आरम्भ की । अफ्रिका, यूनान हुआ। पारस्पको रोमको अधीनता स्वीकार करनी पड़ी। और एशियाके किनारे दिन रात लूटतराज हो रही थी। इस्तिलीन, जावदिमिन भानिन और झाइन प्रदेश ऐसी विडुलताबुलो नगरमें अवस्थित मेनापीय और इवेरियाका शासन रोम-अधीश्वरके हाथ लगा। सेनाध्यक्ष कारोसियसने इङ्गलिशप्रणाली पार कर वृटेन इम पर रोम और पारस्प वीच मितताकी सन्धि पर अधिकार कर लिया यह सन् २८६ १० की घटना है। हुई । तिरिदेतिसने भी पिताको सम्पत्ति पाई। इसके डाइमोक्लिसियन और माक्सिमियान हताश हुए। बाद वह डालभेसियाके अन्तर्गत मलोना नगरमें गया। विन्नु फिर दोनों सीजरोंको सहयोगिता प्राप्त कर यह सन् ३०५६०की १ली मईकी घटना है। इसी दिन उन्होंने नववलले वलवान् हो कर वृटेन पर आक्रमण उसके सहयोगी अन्यतम अधीश्वर मेक्सिमियान अपनी किया। कनस्तान्सियास इस सैन्यका अधिनायक हुआ मिलान राजधानीमें इसी तरहकी घोषणा प्रचारित कर ..था । सन् २६२ ६०के वुलो नगरके युद्ध में कारोसियस स्वयं लुकानिया नामक गण्डग्राममें जा कर निश्चिन्त पराजित हुआ और उसझी फौजोंने आत्मसमर्पण हुआ। किया। इसके बाद कनस्तान्सियसने फिर जलयुद्धका डाइओक्लिसियन और मेक्सियनके राजकार्यसे आयोजन किया। इतने में मन्त्री आलेष्टसने राजाको अवसर ग्रहण करते ही रोमराज्यमे फिर विडला मार कर सन् २६४ ई०में वृटेन पर अधिकार कर लिया। उपस्थित हुई। कनस्तन्सियस और गलेरियस सर्वमय रोमक प्रिफेक्ट असक्लिपियोउसने जगीजहाजोंसे कर्तृत्व प्राप्त कर भी सुशासनको प्रतिष्ठा कर न सके। अलेप्टसको मार गिराया । पृटेनवासी राजभक्त ही देख गलेरियस और कनस्तान्सियसने पूर्वकी तरह अगष्टस्को पड़े। उपाधि धारण कर ली। गलेरियसने अपने भांजे मेक्सि- डाइओक्लिसियनने प्रोवासकी तरह रोम-सामाज्य मिना और इटलीके सेनापति सेभेरसको सीजर वना कर की भित्ति दृढ़ करनेका सङ्कल्प कर सीमान्तके किलोंको चार विभागोंमें साम्राज्यको वांट दिया । उसने समझ -जबूत किया । मित्रसे पारस तक खेमे खड़े लिये गये। लिया था, कि ऐसा करनेसे शासनकी व्यवस्था ठीक हो ओक, एमेसा और दमस्कसमें अनागार स्थापित ! जायगी। किन्तु उसकी समझ गलत निकली।