पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष विंशति भाग.djvu/९९

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गेपहरण-रोपावली गौरवजनक फई कानूनोंका प्रचलन किया। यही इति- । २ रोमाञ्चकर, जिसग्ने रोंगटे गहे हों। (पु.) हासमें "Roman Lan" के नामसे परिचित है। अग! प्यासका शिष्य, मन, पौगणिक। (अर्मपु० १ ० ) प्रस केन्द्रभूत राजनीतिने यूरोपीय मभ्यजगत्को प्रका- विभीतक वृक्ष, बहेडे का पेट। शित किया था । कमिसियाने द्रिव्यून मनिटे मी, प्रिटर, रोमहर्गित ( सं० लि. ) गेमहप जाताथै पच । समान कुश्टर आदि राजव्यवम्बाके अनुस र राज्यशासन किया। पुलक, रोमाञ्चित, पुलकित । था। वही रोमोय जरीम्प्र डेन्स' आज भी वस्तरूपमे । रोमाग्य (सं० ली०) रोम इति आरया यस्य । शाम्भर समूचे यूरोपीय सभ्यजातियोंकी शासनपद्धतिमे दिवाई लवण, शाकंभरी नमक। देता है। | रोमाञ्च (सं० पु०) नेम्नां अञ्चः उगमः। रोदर्माण ___ राजविधि या कानून बनानेमें रोमक साहित्यका आनन्दसे रोओंका उभर थाना। २भयसे गैंगटे खडे (Roman Literature) अभ्युदय हुआ। ईसासे २४०से होना। ८० वर्ष पूर्व तक लिभियस आन्द्रोनिकस, निभियस, रोमाञ्चकी (सं० १०) नागभेद । पोटास, इन्नियस, पोर्मियस, वेटो, टेरेन्स, लुमियास रोमाञ्चिका ( ० सी०) रोमाञ्च उत्पाद्यत्येनारत्यरया आदि आविर्भूत हुप थे। द्वितीय युगमे अर्थान् ८०से ४२ | | इति रोमाञ्च ठन् । रदन्ती वृक्ष, संजीवनीफा पेड। वर्ष ईसासे पूर्वके वीच मिसिरो, सोजर, दरोटेन्सियस रोमाञ्चित (सं० ति०) रोमाञ्चः सानोऽरयेति, रोमाञ्च और सलाटलुकेसि रस और काटुलास आदि प्रसिद्ध ( तदस्य सज्ञात तारकादिभ्य प्रतच । पा ५२।३६) इति वाग्मियोंने जन्मग्रहण कर रोमकसाहित्यकी उन्नति की! इतत्त् । १ जातपुलर, हरोमा ।२ भयमे जिसके रोंगटे थी। इसके बाद अगष्टानके युगमें (४२ वर्ष ईसासे पूर्वस पडे हो गये हों। सन् १७ ई० तक ) भार्जिल, होरेश, राध्बुल्लास, प्रोपामि-रोमान (२० पु०) रोएकी नोक । स, ओभिद् आदि सुकवि तथा लिभा एतिहासिक रोमान्त (सं० पु. ) हाथका उपविभाग। प्रादुर्भूत हुए थे। इसके बाद सन् १७२ १३० ई० रोमान्तिका मसूरिका ( स० स्त्री०) चेचकको तरदका भीतर टोसिमास, जुभिनल, दोनो लेनेटका लुकान, कुइ- एक रोग। इसमें रोमकृपो समान महीन महीन दाने ण्टिलियस, भार्याल, भल्लेइयस, भालेरियस माक्सिमस, शरीर भरमें निकलते हैं और कई दिनों तक रहते है। पेट्रोनियस फ्रासिया, मेलोरियम, फ्लाक्स, लिना आदि । खासी, ज्वर और अरचि मी र ती है। इस रोगको बहुतेरे ऐतिहासिक, पदार्थविद् कवि, साहित्य-लेनकोने , । छोटी मोता भी कहते है। जन्मग्रहण किया था। रोमान्तीज्चर (सं० पु०) ज्वरविशेष, हामज्यर। इस द्राजान और हाडियानके राज्यान्तमे रोमक मादित्य- ज्वरमें हरएक रोए के छेदसे होगा या छोटी माता निक- का भी उसी तरहमं अवसान हुया । जुमिनलकी मृत्यु. | लती है। इसमें कफ और पित्तको अधिकता तथा कास के बाद ई०सन्की २री शताब्दीमें तुहटेनियस अलास और अरुचि होती है। (माधनि०)। गेलियस, ४थी और ५वी शताब्दी में डोनेटास, सार्वियम और वियसले साहित्य भाण्डारको अलंकत किया रामाली ( स० स्त्री०) रोम्नी आलो श्रेणियोत्र। , क्या था। सन्धि, लड़कपन और जवानीदेवोत्रका काल । २ रोमा. रोमहरण (सं० को०) हरिताल, हरताल । वली, रोओंकी पंक्ति। रोमहर्प (सं० पु०) रोम्नां हर्पः। रोमाञ्च. रोंगटे खडे रोमालु (सं० पु०) रोमविशिष्ट, वह जिसे बाल हों। होना। रोमालुविटपी (सं० पु०) रोमालुरिव विटपी वृक्षः। रोमहर्पण ( सं० क्लो० ) रोम्ना हर्पण। १ रोमाञ्च, रोओंका| कोकणदेशप्रसिद्ध कुम्भीवृक्ष। (राजनि० ) खडा होना, जो अत्यन्तटगानन्दके सहसा अनुभवसे रोमावलि (सं० स्त्री०) रोमावती देखो। अथवा मयसे होता है। रोम्ना हर्पणं यस्मात् । (त्रि०)' रोमावली (स० स्त्री०) रोम्नां आवली। रोयोंकी पाकि Cra